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दुष्कर्म के अभियुक्त को पॉक्सो अदालत ने दी उम्रकैद, 2017 में हुई थी घटना

गोपालपुर में दो जुलाई 2017 की थी। बच्ची अपने घर के आगे खेल रही थी। उस दौरान गांव के 21 वर्षीय चिंटू शाही ने बच्ची को गोद में उठाकर अपने घर लेते गया और वहां उसके साथ दुष्कर्म किया।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Tue, 05 Mar 2019 07:21 PM (IST)Updated: Tue, 05 Mar 2019 09:28 PM (IST)
दुष्कर्म के अभियुक्त को पॉक्सो अदालत ने दी उम्रकैद, 2017 में हुई थी घटना
दुष्कर्म के अभियुक्त को पॉक्सो अदालत ने दी उम्रकैद, 2017 में हुई थी घटना

भागलपुर [जेएनएन]। पॉक्सो मामले के विशेष न्यायाधीश कुमुद रंजन सिंह की अदालत ने मंगलवार को दुष्कर्म के अभियुक्त चिंटू शाही को उम्रकैद दे दी है। न्यायाधीश ने अभियुक्त को 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना राशि अदा नहीं करने की सूरत में उसे एक साल की अतिरिक्त कारावास भी भुगतनी होगी। न्यायाधीश ने अपने फैसले में पीडि़त बच्ची के लिए तीन लाख रुपये की तयशुदा सरकारी सहायता राशि भी देने का निर्देश दिया है। सरकार की ओर से पॉक्सो के विशेष लोक अभियोजक शंकर जयकिशन मंडल ने बहस में भाग लिया।

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मालूम हो कि नवगछिया के गोपालपुर क्षेत्र में दो जुलाई 2017 की थी। पीडि़त बच्ची अपने घर के आगे खेल रही थी। उस दौरान गांव के 21 वर्षीय चिंटू शाही ने बच्ची को गोद में उठाकर अपने घर लेते गया और वहां उसके साथ दुष्कर्म किया। उक्त घटना की जानकारी पीडि़त बच्ची ने अपनी दादी को दी। दादी के फर्द बयान पर चार जुलाई 17 को थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई। बच्ची की चिकित्सकीय जांच में दुष्कर्म की पुष्टि हुई और प्राथमिकी पॉक्सो एक्ट में दर्ज किया गया।

मारपीट और दुव्र्यवहार के अभियुक्त को सजा

अष्टम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एमपी सिंह ने मारपीट और दुव्र्यवहार में दोषी अभियुक्त पंकज झा उर्फ बेंगा झा को एक साल की सश्रम कारावास और जुर्माना लगाया है। न्यायाधीश ने भारतीय दंड विधान संहिता की धारा 354 में अभियुक्त को एक साल की सश्रम कारावास। धारा 341 में पांच सौ रुपये और धारा 323 में एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। जुर्माना अदा नहीं करने की सूरत में एक माह की अतिरिक्त कारावास भुगतने की बात आदेश में कही गई है। घटना शाहकुंड सजौर थाना क्षेत्र की थी। करहरिया गांव निवासी शंकर झा ने प्राथमिकी दर्ज कराते हुए कहा था कि 27 जनवरी 2009 की घटना थी। प्राथमिकी में जानलेवा हमला, आम्र्स एक्ट समेत कई अन्य गंभीर आरोप भी लगाए गए थे। सुनवाई के बाद मारपीट और दुव्र्यहार मामले में ही अभियुक्त के विरुद्ध साक्ष्य सिद्ध हो पाया। नतीजा न्यायालय ने मारपीट और दुव्र्यहार मामले में दोषी पाते हुए पंकज उर्फ बेंगा को सजा सुनाई। सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक जयकरण गुप्ता तथा बचाव पक्ष से सच्चितानंद झा ने बहस में भाग लिया।

रामावतार सिंह हत्याकांड में सात आरोपित रिहा

सप्तम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनय कुमार मिश्रा की अदालत ने मंगलवार को साक्ष्य के अभाव में रामावतार सिंह हत्याकांड के सात आरोपितों को रिहा कर दिया। जिन आरोपितों को रिहा किया गया उनमें अजय सिंह, मोहन सिंह, चक्रधर सिंह, टुनटुन सिंह, अरविंद सिंह, राजकिशोर सिंह और कर्ण सिंह शामिल हैं। घटना बाथ थाना क्षेत्र की थी। किसान रामावतार सिंह की हत्या गांव में कर दी गई थी। हत्या की बाबत उनके पुत्र सुमन सिंह ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी।


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