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कोरोना में माता-पिता खोने वाले भागलपुर के तीन बच्चों से पीएम नरेंद्र मोदी करेंगे बात, पूछेंगे उनका हालचाल

PM Narendra Modi- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को भागलपुर के तीन ऐसे बच्चों से बात करेंगे जिन्होंने कोरोना काल में अपने माता-पिता को खो दिया। पीएम मोदी बच्चों से उनको मिल रही सुविधाओं के साथ-साथ उनका हालचाल जानेंगे।

By Shivam BajpaiEdited By: Published: Sun, 29 May 2022 08:34 AM (IST)Updated: Sun, 29 May 2022 08:34 AM (IST)
कोरोना में माता-पिता खोने वाले भागलपुर के तीन बच्चों से पीएम नरेंद्र मोदी करेंगे बात, पूछेंगे उनका हालचाल
पीएम मोदी बच्चों से पूछेंगे उनका कुशलक्षेम। (डिजाइन इमेज)

जागरण संवाददाता, भागलपुर : कोरोना काल में अपने माता-पिता को खोने वाले तीन बच्चों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 मई को सीधे संवाद करेंगे। प्रधानमंत्री सुबह 9.30 बजे तीनों बच्चों से उनकी पढ़ाई-लिखाई के बारे में पूछेंगे। उनसे परेशानियों के बारे में भी सवाल करेंगे। कम उम्र होने की वजह से बच्चों से वीडियो कांफ्रेंसिंग की जगह टेलीफोनिक बात होगी।

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मुंदीचक के दो और सुल्तानगंज के एक बच्चे की मां और पिता दोनों की मौत कोरोना काल में हो गई थी। तीनों बच्चों का बैंक खाता खुलवा दिया गया है। खाते में पीएम केयर्स फंड के तहत आठ-आठ लाख रुपये भी जमा करा दिए गए हैं। 23 वर्ष की उम्र पूरा करने के बाद इन बच्चों को पीएम केयर्स फंड से दस लाख रुपये मिलेंगे। वहीं, बाल सहायता योजना से तीनों बच्चों को 15 सौ रुपये प्रति माह और स्पांसरशिप योजना के तहत दो हजार रुपये प्रति माह की सहायता दी जा रही है। वहीं, इन बच्चों की तनाव रहित पढ़ाई की व्यवस्था भी की गई है।

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गौरतलब हो कि वैश्विक महामारी कोरोना के चलते अपने माता-पिता या अभिभावकों को खो देने वाले ऐसे बच्चों के लिए केंद्र सरकार की ओर से पीएम केयर्स योजना की शुरूआत की गई थी। इस योजना का क्रियान्वयन किस तरह हो रहा है। पीएम मोदी खुद बच्चों से बात कर जायजा ले रहे हैं। योजना के तहत  ऐसे बालक-बालिका जिनकी आयु 18 वर्ष से कम है एवं जिन्होंने कोविड-19 के कारण 11 मार्च 2020 के बाद अपने माता-पिता या कानूनी अभिभावक अथवा दत्तक माता-पिता या जीवित माता-पिता को खो दिया है, उन्हें योजना के तहत सहायता प्रदान की जा रही है।

योजना से मिलने वाला लाभ : मुख्य उद्देश्य- ऐसे बच्चों के भविष्य को संवारना है।

  • केयर्स फंड के तहत बच्चों को 18 वर्ष के बाद अगले पांच वर्षों तक उन्हें मासिक वित्तीय सहयोग (स्‍टाइपेंड) देने में किया जा रहा है। इससे उच्च शिक्षा के वर्षों में वे अपनी निजी जरूरतों को पूरा कर सकेंगे।
  • केंद्र सरकार की संचालित आयुष्मान भारत योजना के तहत ऐसे बच्चों का बीमा करवाया गया है।
  • 23 वर्ष की उम्र में निजी और पेशेवर इस्तेमाल के लिए उन्हें एक निश्चित धन राशि दी जाएगी।
  • उच्च शिक्षा के लिए बच्चों को पेशेवर पाठ्यक्रमों या भारत में उच्च शिक्षा की खातिर एजुकेशन लोन हासिल करने में मदद की जाएगी।
  • स्नातक और पेशेवर पाठ्यक्रमों के लिए विकल्प के तौर पर ट्यूशन फी या पाठ्यक्रम शुल्क के बराबर राशि केंद्र या राज्य सरकार की योजनाओं के तहत दी जाएगी।
  • ऐसे बच्चे जो वर्तमान छात्रवृत्ति योजना के तहत पात्र नहीं हैं, उन्हें पीएम केयर्स से समान छात्रवृत्ति मुहैया कराई जा रही है।

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