गांव की तुलना में शहर के लोग ज्यादा तनाव में
तनाव की वजह से विश्व में प्रतिवर्ष 10 से 20 मिलियन लोग आत्महत्या करते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में शहर के लोग ज्यादा तनाव में रहते हैं। ये बातें डॉ. अशोक कुमार भगत ने कही। वह गुरुवार को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल के ओपीडी में आयोजित जागरुकता कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
भागलपुर। तनाव की वजह से विश्व में प्रतिवर्ष 10 से 20 मिलियन लोग आत्महत्या करते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में शहर के लोग ज्यादा तनाव में रहते हैं। ये बातें डॉ. अशोक कुमार भगत ने कही। वह गुरुवार को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल के ओपीडी में आयोजित जागरुकता कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
डॉ. अशोक ने कहा कि आत्महत्या करवाने वालों में ज्यादा संख्या युवाओं की है। जिनकी उम्र 15 से 29 वर्ष है। पढ़ाई, प्रतियोगिता परीक्षा, अभिभावकों द्वारा बच्चों पर दबाव, दांपत्य जीवन में कटुता, बेरोजगारी, कर्ज का बोझ आदि आत्महत्या के कारण हैं। डॉ. कुमार गौरव ने कहा कि अगर समाज के लोग मेंटल हेल्थ के प्रति सचेत हो जाएं तो आत्महत्या करने से लोगों को रोका जा सकता है। दिमागी तौर पर जब व्यक्ति परेशान रहता है तो वह आत्महत्या के बारे में सोचने लगता है। नाकारात्मक बातें करना, कम खाना, कम सोना, लोगों से मिलने की इच्छा नहीं करना, हर वक्त सोचते रहना आदि मानसिक रोग के पहचान हैं। घर के लोग अगर इन बातों पर गौर करें तो आत्महत्या करने से व्यक्ति को रोका जा सकता है।
किसी भी व्यक्तिी की उपक्षा ना करें
डॉ. कुमार गौरव ने कहा कि जो व्यक्ति दिमागी तौर पर परेशान है उसकी बातों को सुनें। उसकी परेशानियों को समझें। हमेशा मजाक करने वाले व्यक्ति का भी उपेक्षा नहीं करें, उसकी बातों को भी सुनें। डॉ. पंकज मनस्वी ने कहा कि लंबी बीमारी की वजह से भी परेशान होकर व्यक्ति आत्महत्या करने की सोचने लगता है। अस्पताल अधीक्षक डॉ. आरसी मंडल ने कहा कि अस्पताल में मानसिक रोगियों के इलाज की सारी व्यवस्था है।