सावधान : पूर्णिया में मिला जापानी इंसेफ्लाइटिस का मरीज
मामला पूर्णिया के मल्हेरिया पंचायत का, नमूने की जांच के बाद हुई पुष्टि
पूर्णिया (दीपक शरण): पूर्णिया में जापानी इंसेफ्लाइटिस बीमारी के एक मामले की पुष्टि की गई है। मरीज का इलाज निजी अस्पताल में चल रहा है। उसको पीएमसीएच भेजा जा रहा है जहां उसका इलाज होगा। जिले के बायसी अनुमंडल के मल्हेरिया पंचायत में श्यामलाल दास जिसकी उम्र 34 वर्ष है उसके सर्विलांस के दौरान बुखार से पीड़ित होने पर सदर अस्पताल में इलाज के लिए लाया गया था। उसकी गंभीर स्थित को देखते हुए रेफर किया गया था, लेकिन निजी अस्पताल में ही इलाज कराता रहा। निजी अस्पताल से जब सिविल सर्जन को जेई के लक्षण वाले मरीज के बारे में सूचित किया गया तो तुरंत टीम को भेज गया। जिसने मरीज के खून के नमूने को पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जांच के लिए भेजा। वहां जेई बीमारी की पुष्टि कर दी गई है। अब विभाग पटना के पीएमसीएच में मरीज को भेजेगा। टीम के सदस्य और सर्विलांस की निगरानी कर रहे इपीडिमीलॉजिस्ट नीरज कुमार निराला ने बताया कि इस बीमारी के मामले अबतक जिले में सामने नहीं आए थे लेकिन अररिया जिले में कई मामले सामने आ चुके हैं। बायसी में यह मरीज उन्हे सर्विलांस के दौरान मिला था। सदर अस्पताल लाया गया जिसके बाद 8 सितंबर को रेफर किया गया था। वहां निजी अस्पताल चला गया जहां लक्षण उजागर होने के बाद टीम ने जाकर नमूना जांच के लिए पटना भेजा जहां से इसकी पुष्टि हुई। मामला प्रकाश में आते ही तुरंत टीम ने उस इलाके की फॉ¨गग कर दी है और इलाके में करीब बुखार के लक्षण वाले 200 लोगों की जांच का काम भी पूरा कर लिया है। यह बीमारी सूअर और कुछ पक्षी के माध्यम से फैलता है। इसमें तेज बुखार के साथ गर्दन और शरीर में अकड़न होता है। साथ ही दिमाग में सूजन हो जाता है। इस कारण सिर में तेज दर्द भी रहता है। सिविल सर्जन ने बताया इससे घबड़ाने की जरूरत नहीं है। वर्तमान में सर्विलांस काम पूरा कर लिया गया है अन्य कोई मरीज नहीं मिला है।
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कोट:-
पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल के माइक्रो बायलॉजी विभाग ने रोगी के खून के नमूने जांच के बाद जापानी इंसेफ्लाइटिस (जेई) बीमारी की पुष्टि कर दी है। उसके बाद मरीज जो अभी निजी अस्पताल में भर्ती है उसको पीएमसीएच भेजा जा रहा है। मामला सामने आते ही तुरंत इलाके में फॉ¨गग की गई है और सर्विलांस का काम भी पूरा कर लिया गया है। एक टीम बनाकर विभाग नजर रखे हुए हैं।
डॉ. कृष्ण कुमार पूर्वे, सिविल सर्जन