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JLNMCH: एंबुलेंस चालकों की मनमानी से मरीज परेशान, 10 रुपये प्रति किलोमीटर की जगह वसूलते हैं 15-18 रुपये

अस्पताल में तैनात 102 और 108 नंबर के एंबुलेंस चालक मजबूर मरीजों को लपकने के लिए ताक लगाए रहते हैं। अभी भी लाल कार्ड धारकों को मुफ्त में सेवा दिए जाने की जानकारी नहीं है। इसका सीधा फायदा एंबुलेंस चालक उठा रहे हैं।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Wed, 23 Sep 2020 03:22 PM (IST)Updated: Wed, 23 Sep 2020 03:22 PM (IST)
JLNMCH: एंबुलेंस चालकों की मनमानी से मरीज परेशान, 10 रुपये प्रति किलोमीटर की जगह वसूलते हैं 15-18 रुपये
भागलपुर में जेएलएनएमसीएच के बाहर खडी एंबुलेंस

भागलपुर, जेएनएन। जेएलएनएमसीएच और सदर अस्पताल में इन दिनों गरीब मरीजों पर सरकारी एंबुलेंस चालकों की 'गिद्ध दृष्टिÓ गड़ गई है। सरकार द्वारा लाल कार्ड धारक और एपीएल वालों को मुफ्त में सुविधा दिए जाने के बाद भी एंबुलेंस चालक ऐसे मरीजों से जबरन पैसे वसूल कर रहे हैं। अस्पताल में तैनात 102 और 108 नंबर के एंबुलेंस चालक मजबूर मरीजों को लपकने के लिए ताक लगाए रहते हैं। अभी भी लाल कार्ड धारकों को मुफ्त में सेवा दिए जाने की जानकारी नहीं है। इसका सीधा फायदा एंबुलेंस चालक उठा रहे हैं। गरीबों की जरूरत को देखते हुए उनसे मनचाही रकम वसूली जाती है।

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अस्पताल के कर्मी भी देते हैं साथ

अवैध वसूली के इस काम में अस्पताल के कुछ कर्मचारी भी एंबुलेंस चालकों का साथ बखूबी से दे रहे हैं। भोले-भाले मरीज को आसान से अपने पाले में ले लेते हैं। बदले में उन्हें भी 'लाभÓ मिलता है। अस्पताल परिसर में सारा खेल होने के बावजूद अधिकारी अपनी आंखें बंद किए बैठे हैं।

किलोमीटर के नाम पर हो रहा खेल

सरकारी दर आठ से दस रुपये प्रति किलोमीटर पर एंबुलेंस चालकों को लाल कार्ड, एपीएल को छोड़कर अन्य मरीजों से लेना होता है। लेकिन जेएलएनएमसीएच में सरकारी एंबुलेंस के चालक 12 से 15 किलोमीटर लेते हैं। अस्पताल से पटना छोडऩे के नाम पर मरीज के परिजन पांच हजार की जगह सात हजार तक वसूलते हैं। इतना ही रास्ते में खाने के नाम पर भी एक हजार तक जबरन ले लेते हैं।

जबरन प्राइवेट नर्सिंग होम में करा देते हैं भर्ती

एंबुलेंस चालकों की मनमानी यहीं तक नहीं है। अगर अस्पताल से पटना पीएमसीएच किसी मरीज को रेफर किया जाता है। तो उसे जबरन प्राइवेट नर्सिंग होम में दाखिल करा देते हैं। प्राइवेट अस्पताल में गरीब मरीज का मोटा बिल बन जाता है। इसमें 10 से 15 फीसद कमीश्न पहले मिल जाता है।

सरकारी नियमों का सख्ती से पालन करना है। किसी मरीज से ज्यादा की वसूली हो रही हो तो वह तुरंत शिकायत करें। गरीब मरीजों से पैसे वसूलने वाले ऐसे चालक कार्रवाई की जद में आएंगे

-डॉ. विजय कुमार, सिविल सर्जन


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