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जम्मू-कश्मीर में बसा है बांका का परघड़ी गांव, दो हफ्तों में चार की मौत के बाद 200 परिवारों में दहशत

जम्मू-कश्मीर में गैर राज्य के कामगारों की हत्या की जा रही है। दो हफ्तों में बिहार के चार प्रवासी श्रमिकों की हत्या कर दी गई। ऐसे में वहां बसे अन्य बिहारियों में दहशत का माहौल है। सिर्फ बिहार के बांका जिले के परघड़ी गांव के 200 कामगार वहां...

By Shivam BajpaiEdited By: Published: Sun, 17 Oct 2021 10:28 PM (IST)Updated: Mon, 18 Oct 2021 06:29 AM (IST)
जम्मू-कश्मीर में बसा है बांका का परघड़ी गांव, दो हफ्तों में चार की मौत के बाद 200 परिवारों में दहशत
अकेले बांका के एक छोटे गांव के 200 कामगार कश्मीर में...

कुंदन सिंह, बाराहाट, बांका। जम्मू-कश्मीर में गैर राज्य के लोगों की हत्या की जा रही है। बीते शनिवार को वहां आतंकवादियों की गोली का शिकार हुए अरबिंद कुमार साह के स्वजन बताते हैं कि उनका आधार कार्ड देख, आतंकियों ने गोलियां बरसा दीं। ऐसे में दैनिक जागरण ने जब क्षेत्र के अन्य प्रवासी कामगारों के बारे में जानना चाहा, तो पता चला कि बांका के परघड़ी गांव के एक नहीं 200 श्रमिक जम्मू-कश्मीर में लंबे समय से रह रहे हैं। ये सिर्फ 200 श्रमिक नहीं, उतने ही परिवार की बात हो जाती है।

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अरबिंद कुमार साह के बदहवास पिता देवेंद्र कहते हैं, 'गरीबी की वजह से अरबिंद और मंटू 15 साल पहले रोजगार की तालाश में कश्मीर चले गए थे। आतंकवादियों ने उसका आधार कार्ड देखने के बाद गोली मारकर हत्या कर दी है। अब पूरा परिवार मंटू साह की सुरक्षा को लेकर सहमा है। बेटे का शव बेटा मंटू साह एवं डब्लू साह हवाई जहाज से लेकर लौट रहे हैं। पहले कोरोना की वजह से बड़े पुत्र बबलू साह की मौत हो गई, जिसका मुआवजा आज तक नहीं दिया गया।'

(रोते-बिलखते अरबिंद के परिवार के सदस्य व रिश्तेदार) मृतक बबलू की पत्नी मंजू देवी एवं उसका पुत्र आयुश, उत्सव व पुत्री मनीशा व रिया की परवरिश भी अरबिंद साह कर रहा था। अरबिंद की हत्या के बाद उसका छोटा भाई मुकेश साह बेसुध है। जिसका रो-रोकर बुरा हाल है। वे पंजवारा में डोर टू डोर ठेला पर गोलगप्पे बेचकर परिवार की परवरिश कर रहे हैं।

कश्मीर में ही बस गया है मिनी परघड़ी

परघड़ी गांव के करीब 200 लोग रोजगार की तालाश में कश्मीर के श्रीनगर में रह रहे हैं। इसमें अधिकांश हलवाई जाति के हैं। वे वहां रेहडी लगाकर अपना पुश्तैनी धंधा करते हुए गोलगप्पा व अन्य खाद्य सामग्री बेच कर अपना गुजर-बसर कर रहे हैं। इसमें अधिकांश लोग अपने परिवार के साथ भी रह रहे हैं। आतंकियों की गोली मारकर की गई हत्या के बाद ग्रामीणों में काफी दहशत है। खासकर वहां रहने वालों के स्वजन उनकी सुरक्षा को लेकर काफी चिंतित हैं।

पहले भी आंतकवाद का शिकार बनता रहा परघड़ी

ग्रामीण महेश साह ने बताया कि उनके पुत्र जितेंद्र साह एवं दुर्गेश साह, उसकी पत्नी बबिता देवी व पोती लाडो कुमारी भी श्रीनगर के पुलवामा में रह रहे हैं। इसमें 14 सितंबर को उसका छोटा पुत्र जितेंद्र साह भी आतंकियों की गोली का शिकार हो गया है। जिसका इलाज पुलवामा के जिला अस्पताल में चल रहा है। वहीं, 10 साल पूर्व भी इसी गांव के संतोष साह एवं इनर साह भी आतंकियों के बम धमाके में गंभीर रूप से जख्मी हो गये थे। इसमें इनर साह को चिकित्सकों ने बंदर की आंत लगाकर बचाया है। जिसके बाद वे गुजरात में गोलगप्पे का ठेला लगाकर अपने परिवार की परवरिश कर रहे हैं।

दो हफ्तों में चार की हत्या

  • भागलपुर के वीरेंद्र पासवान की हत्या 5 अक्टूबर को कर दी गई।
  • 16 अक्टूबर को बांका के अरबिंद कुमार साह की हत्या कर दी गई।
  • रविवार, 17 अक्टूबर को अररिया के दो युवकों राजा और योगेंद्र की हत्या कर दी गई। एक चुनचुन घायल है।

घटना के बाद दो दर्जन कारीगर लौट रहे पड़घड़ी

ग्रामीण सच्चिदानंद साह, निरंजन यादव, दशरथ साह, पप्पू पंडित ने कहा कि कश्मीर में रह रहे लोगों की सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम करते हुए सरकार अरबिंद साह के परिजनों को मुआवजा दे। बताया कि सरकार वहां रह रहे प्रवासियों के सुरक्षा की गारंटी लेते हुए, आतंकी हमले में मारे गये लोगों को मुआवजा दे।

घटना के बाद वहां रह रहे प्रवासी पलायन करने लगे हैं। इसमें तीन दर्जन प्रवासी ने गांव के लिए कूच भी कर गया है। परघड़ी के ग्रामीण अपने परिजनों से लगातार संपर्क कर उसे वापस बुला रहे हैं। हालांकि, उनके वापस आने के बाद प्रवासियों के समक्ष बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न हो जाएगी।

50 लाख रुपये मुआवजे और सरकारी नौकरी की मांग

अरबिंद के स्वजनों ने 50 लाख रुपये और सरकारी नौकरी की मांग की है। उनका कहना है कि चार भाइयों में दो बचे हैं, अरबिंद और डब्लू, बड़ा परिवार है, जो इन दोनों पर ही आश्रित था। ऐसे में बिहार में ही नौकरी दी जाए ताकि जीवन यापन अच्छे से चल सके और पलायन कर बाहर न जाना पड़े।

कश्मीर सरकार देगी 11.25 लाख मुआवजा

रविवार को स्थानीय बीजेपी विधायक रामनारायण मंडल भी अपने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मृतक के घर पहुंचे थे। जहां उन्होंने दूरभाष पर राज्य सभा सदस्य सुशील कुमार मोदी को घटना की पूरी जानकारी दी। बताया कि जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के प्रयास से मृतक के स्वजनों को 11 लाख 25 हजार की राशि मुआवजे के तौर पर दिए जाएंगे। इस मौके पर प्रखंड अध्यक्ष सुभाष साह, हीरा लाल मंडल, दिवाकर सिंह, रागवेंद्र सिन्हा, परशुराम पंडित, दशरथ साह, ललीत सिंह व दशरथ पंडित सहित अन्य मौजूद रहे।

राज्य सरकार ने दी दो लाख रुपये बतौर मुआवजा: सांसद

सांसद गिरिधारी यादव ने आतंकी हमले की निंदा की है। इस घटना पर दुख प्रकट किया है। उन्होंने बताया कि मृतक अरबिंद के स्वजनों को राज्य सरकार ने दो लाख रुपये देने की घोषणा की है। बताया कि इसके अलावा शव लाने की व्यवस्था नीतीश सरकार ने की है। बताया कि सोमवार की सुबह मृतक के स्वजनों से मिलने उनके घर जाएंगे। बताया कि सोमवार की रात नौ बजे शव पटना लाया गया है। सोमवार की सुबह तक शव को घर तक पहुंचा दिया जाएगा।


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