भागलपुर जिले में डेंगू ने मारा डंक, नाथनगर में मिला पहला डेंगू का मरीज, बढ़ते जा रहे पीडि़त
भागलपुर जिले में मच्छर निरोधी दवा का छिड़काव नहीं हुआ है। इससे यहां मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। नाथनगर में पहला डेंगू का मरीज मिला है। पीडि़तों की संख्या बढ़ती जा रही है। खरीक के भी दो लोग डेंगू की चपेट में आ चुके हैं।
भागलपुर, जेएनएन। जिले में कोरोना के मामले कम होने के साथ ही अब डेंगू ने दस्तक दे दी है। तीन लोग अब तक इसके शिकार हो चुके हैं, जिनका इलाज जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में चल रहा है। डेंगू पीडि़तों में एक नाथनगर और दो खरीक के दो बालक शामिल हैं। हालांकि इन मरीजों को इनडोर शिशु विभाग में इलाज किया जा रहा है। दोनों की उम्र क्रमश: 10 और 11 वर्ष है।
डेंगू के मामले में वृद्धि होने के बावजूद मच्छर निरोधी दवा का छिड़काव नहीं कराया जा रहा है। मुख्यालय (पटना) को मामला सामने आने का इंतजार रहता है। जिस वार्ड में डेंगू का मामला मिलता है, जिला मलेरिया विभाग इसकी सूचना मुख्यालय को देता है। मुख्यालय के आदेश के बाद छिड़काव करवाया जाता है। हालांकि शहरी क्षेत्र में नगर निगम के जिम्मे छिड़काव करना है।
बताया जाता है कि 10 दिन पूर्व खरीक के राजीव दास को डेंगू होने पर उसे डेंगू वार्ड में भर्ती किया गया था। वहीं, दो दिन पूर्व खरीक की 11 वर्ष की अंकिता और नाथनगर नरगा की 10 वर्ष की नूर हसन को शिशु विभाग में भर्ती किया गया। नाथनगर में डेंगू का पहला मामला है। जिले में बढ़ते डेंगू के मामले के बावजूद छिड़काव तो दूर लार्वा की भी जांच नहीं हो पा रही है।
लार्वा की जांच
वर्ष पीडि़तों की संख्या मौत
2016 174 सात
2017 32 0
2018 19 0
2019 192 0
शहरी क्षेत्र में हुई थी ज्यादा मौत
2016 में डेंगू से कुल 11 लोगों की मौत हो गई थी। उनमें से सात लोग भागलपुर शहर के शामिल थे, जिनमें शहर के मुंदीचक, नाथनगर, शाहजंगी, शिव भवन और सुर्खीकल के लोग शामिल थे।
नगर निगम के जिम्मे है छिड़काव की जिम्मेदारी
जिला मलेरिया विभाग द्वारा 2008 से मच्छर निरोधी दवा का छिड़काव बंद है। अब इसकी जिम्मेवारी नगर निगम की है। हालांकि शहर की नालियां जाम रहने से भी मच्छरों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। नगर निगम के उप नगर आयुक्त सत्येंद्र वर्मा ने कहा कि शहर में फॉगिंग कराई जा रही है। जिस वार्ड में फॉगिंग कराने की आवश्यकता होगी, सूचना मिलने पर फॉगिंग की जाएगी।
दो माह पूर्व दवा के छिड़काव के लिए करीब एक लाख रुपये का बजट मुख्यालय को भेजा गया था। उसमें डीजल, पेट्रोल, दवा और मानदेय भी शामिल है। मुख्यालय से अब तक निर्देश नहीं मिला है। - कुंदन भाई पटेल, जिला मलेरिया पदाधिकारी