एनपीएस के लिए मांगा जा रहा ओटीपी, साइबर ठगी की आशंका सहमे शिक्षक
भागलपुर। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) में न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) के लिए दस्तावेजा
भागलपुर। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) में न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) के लिए दस्तावेजों की अपलोडिंग प्रक्रिया दो दिनों पूर्व शुरू हो गई थी, लेकिन ऑनलाइन होने वाली इस प्रक्रिया में संबंधित शिक्षकों के मोबाइल नंबर पर ओटीपी भेजा जाता है। जिसे विश्वविद्यालयकर्मी फोन कर पूछते हैं। ऐसे में शिक्षकों को भय है कि कहीं इसका फायदा साइबर ठग न उठा लें।
दरअसल, साइबर ठग भी मोबाइल पर ओटीपी भेजकर खुद को बैंक कर्मी या अन्य वित्त का व्यक्ति बता नंबर पूछते हैं। ओटीपी बताते ही ठग खाते से रुपये उड़ा लेते हैं।
ओटीपी अनिवार्य है
दस्तावेजों में लगभग सभी कर्मियों का आधार नंबर है जो मोबाइल से लिंक है। फार्म में आधार नंबर डालने के बाद संबंधित कर्मियों के आधार से लिंक हुए मोबाइल नंबर पर ओटीपी आता है। ओटीपी डालने के बाद ही एनपीएस के लिए ऑनलाइन फार्म खुलता है। जिसके बाद संबंधित कर्मियों की सारी जानकारी प्रान नंबर के लिए विश्वविद्यालय कर्मी भरते हैं। पूरी प्रक्रिया के बाद दस्तावेज अपलोड हो जाता है। इसके बाद कर्मियों का प्रान नंबर डाक से सभी के पते पर भेजा जाएगा। प्रान नंबर मिलने के बाद ही एनपीएस की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।
प्रान नंबर के बाद शुरू होगी खाते में राशि जमा करना
प्रान नंबर आने के बाद संबंधित कर्मी इसकी जानकारी अपने विभाग और लेखा शाखा को देंगे। संस्थान से इसकी जानकारी विश्वविद्यालय को उपलब्ध कराई जाएगी। इसके बाद कर्मियों का अंशदान उस प्रान नंबर के जरिए एनपीएस के खाते में जमा होगा। इस खाते में विश्वविद्यालय को भी अपना अंशदान करना होगा। इस प्रक्रिया में दो माह से ज्यादा समय लगने की आशंका है।
संस्थानों को मिला अपलोडिंग का कार्य
कुछ शिक्षकों ने कहा है कि अपलोडिंग की प्रक्रिया के लिए दक्ष ऑपरेटरों के नहीं होने स इसमें देरी होगी। अभी दो ही लोगों को इसके लिए लगाया गया है। करीब चार सौ शिक्षक और कर्मियों का डाटा अपलोड करना है। शिक्षकों ने सुझाव दिया कि यदि संबंधित विभाग और संस्थान को अपलोडिंग का आदेश यूजर आइडी और पासवर्ड के साथ दे दिया जाए तो इससे साइबर ठगी का भी खतरा नहीं होगा और समय से प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।