मम्मी-पापा हो जाएं सावधान, कहीं आपकी संतान खुदकशी ना कर ले
मोबाइल पर ऑन लाइन मोमो चैलेंज खेलने को लेकर बच्चे कोई प्रयास कर बैठें, इसके लिए अभिभावकों को सतर्क रहना होगा।
भागलपुर। बच्चों में स्मार्ट मोबाइल फोन और ऑनलाइन गेमों की बढ़ती आदत ने सीबीएसई सहित बिहार बोर्ड की चिंता बढ़ा दी है। चिंता का सबसे बड़ा सबब ऐसे ऑनलाइन गेम हैं, जो बच्चों को खुदकशी की ओर धकेल रहे हैं। सीबीएसई ने जहां सर्कुलर जारी कर अभिभावकों व शिक्षकों को इसके प्रति आगाह किया है वहीं सरकार के निर्देश पर जिला शिक्षा पदाधिकारी ने स्कूलों में इसके लिए बच्चों के बीच जागरूकता अभियान चलाने की योजना पर काम शुरू कर दिया है। खासतौर पर 'मोमो चैलेंज' गेम लेकर।
सर्कुलर के मुताबिक कुछ दिनों पहले 'ब्लू व्हेल' गेम खेलकर देश-दुनिया में कई बच्चों ने खुदकशी के कदम उठाने की कोशिशें की थीं। इसी तरह इस मोमो चैलेंज खेलने को लेकर बच्चे कोई प्रयास कर बैठें, इसके लिए सतर्क रहना होगा। बेहतर होगा कि अभिभावकों द्वारा उसके ऑनलाइन गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जाए। सीबीएसई के डायरेक्टर एकेडमिक्स की ओर से प्रधानाचार्यो को निर्देश दिए गए हैं कि स्कूल में बच्चे मोबाइल का प्रयोग कर रहे हैं तो गतिविधियों की जानकारी शिक्षक करें। सीबीएसई के सिटी कोआर्डिनेटर चंद्रचुड़ झा ने बताया कि अभिभावकों को इस खतरनाक गेम के संबंध में जागरूक करेंगे। बच्चों की काउंसिलिंग कर उन्हें इस गेम के नुकसान के प्रति जागरूक किया जाएगा।
वहीं जिला शिक्षा पदाधिकारी मधुसूदन पासवान ने कहा कि स्कूली बच्चों ऐसे जानलेवा गेम के बुरी लत के चंगुल में न आए इसके लिए प्रारंभिक से लेकर उच्चतर माध्यमिक स्कूलों में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए स्कूल प्राचार्यों को आवश्यक निर्देश दिए गए है। मनोवैज्ञानिक डॉ राजेश कुमार तिवारी ने कहा कि मेमो चैलेंज गेम खेलने से बच्चों के सेहत पर विद्युत चुम्बकीय प्रभाव पड़ता है। जिसके कारण वह मानसिक रूप से दुर्बल हो जाता है। इस दिशा में बच्चों के प्रति अभिभावकों को सजग रहने की जरूरत है।
ऐसे रखें निगरानी
-बच्चे की ऑनलाइन और सोशल मीडिया एक्टीविटी को देखें
-मोबाइल पर मौजूद गेम देखें कि वे कौन से वाट्सएप से होती शुरुआत
-इलेक्ट्रानिक्स व आइटी मंत्रालय की ओर से जारी निर्देशों में बताया गया कि मोमो चैलेंज की शुरुआत वाट्सएप से होती है। अपरिचित कांटेक्ट के माध्यम से गेम का लिंक भेजा जाता है।
ये लक्षण दिखें तो हो जाएं सावधान
-बच्चा परिवार व दोस्तों से अचानक बात करना कम कर
-उदास और बुझे मन से रहने लगे, चेहरा उतरा-उतरा सा लगे
-छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करने लगे या चिड़चिड़ाने लगे
-शरीर पर अचानक से कोई कटे का निशान या धब्बा दिखाई दे