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प्याज अब 'वो' प्याज नहीं रहा, टमाटर भी खूब हुआ 'लाल' Bhagalpur News

जिले में प्याज की खपत रोजाना आठ से नौ टन के बीच है। शहरी क्षेत्र में होटल और रेस्तरां की संख्या ज्यादा है। इस कारण छह टन से ज्यादा प्याज की बिक्री शहर में होती है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Wed, 04 Dec 2019 08:27 AM (IST)Updated: Wed, 04 Dec 2019 08:27 AM (IST)
प्याज अब 'वो' प्याज नहीं रहा, टमाटर भी खूब हुआ 'लाल' Bhagalpur News
प्याज अब 'वो' प्याज नहीं रहा, टमाटर भी खूब हुआ 'लाल' Bhagalpur News

भागलपुर [जेएनएन]। अरे, इतना क्या सोचना है...। नून (नमक)-रोटी-प्याज खाकर भी गुजर-बसर कर लेंगे। भले ही यह एक लोकोक्ति के रूप में प्रचलित हो, पर प्याज अब वह प्याज नहीं रहा। महंगाई की दौड़ में तो इसने फिलहाल सेब को भी पीछे छोड़ दिया है। उच्च गुणवत्ता वाला सेब अभी 80 से 90 रुपये किलो मिल रहा है, पर प्याज सौ रुपये पर पहुंच चुका है। टमाटर अभी पचास पर ठहरा हुआ है। आमलोगों की रसोई का बजट गड़बड़ हो गया है।

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दो सप्ताह में बेतहाशा वृद्धि

20 नवंबर को प्याज 65-70 रुपये किलो

03 दिसंबर को 100 से 105 रुपये किलो

90 से 95 रुपये किलो उल्टा पुल के पास मंडी में

100 रुपये किलो आदमपुर, भीखनपुर और तिलकामांझी के खुदरा बाजार में

90 रुपये किलो बिक रहा थोक के भाव में

कारण क्या है : नासिक से प्याज की आवक अचानक कम होने के कारण खुदरा बाजार में इसकी कीमत में जबर्दस्त उछाल देखी जा रही है। ग्राहकों के लिए प्याज की खरीदारी मुश्किल हो रही है।

जिले में नौ टन की रोजाना खपत

थोक सब्जी व्यवसायी गोपाल बताते हैं कि जिले में प्याज की खपत रोजाना आठ से नौ टन के बीच है। शहरी क्षेत्र में होटल और रेस्तरां की संख्या ज्यादा है। इस कारण छह टन से ज्यादा प्याज की बिक्री शहर में होती है। बरसात में चेन्नई में फसल डूबने से प्याज की आवक कम गई। फिर, नासिक से प्याज आना बंद हो गया। इसका असर कीमत पर पड़ा है।

कम हुई स्थानीय प्याज की भी आवक

तिलकामांझी में सब्जी विक्रेता रमेश तांती ने बताया कि बारिश से प्याज की फसल को नुकसान पहुंचा है। स्थानीय स्तर पर भी आपूर्ति कम हुई, जिससे महंगाई बढ़ी है। बड़हिया, लखीसराय और शेखपुरा जिले से भी प्याज भागलपुर पहुंचता है। इन जगहों से भी प्याज नहीं आ रहा है। ईश्वरनगर के व्यापारी चाणक्य ने बताया कि प्याज की कीमतों में वृद्धि से लाेग इसकी खरीदारी करने नहीं आ रही है। जिस घर में दो किलो प्याज खरीदा जाता था, उस घर के सदस्य 250 ग्राम प्याज मांग रहे हैं। इस कारण दुकान में रखे प्याज की बिक्री भी नहीं होती है। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि शीघ्र ही प्याज की कीमतों में कमी आएगी। 

250 ग्राम प्याज नहीं मिलेगा : प्याज की कीमत में अचानक इजाफा होने के बाद लोग अपनी जेब के अनुसार खरीदारी करना चाहते हैं। लेकिन दुकानदार 250 ग्राम प्याज नहीं दे रहे हैं। कम से कम 500 ग्राम लेंगे, तभी मिलेगा।


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