1.4 लाख किसानों ने फसल क्षति राशि के लिए कराया पंजीकरण
दो हेक्टेयर जमीन पर लगी फसल में 20 प्रतिशत का नुकसान होने की स्थिति में उसका आकलन कर क्षतिपूर्ति राशि देनी है।
भागलपुर, जेएनएन। फसलों के नुकसान की भारपाई के लिए शुरू की गई फसल क्षतिपूर्ति योजना का लाभ अंग क्षेत्र रैयत तथा गैर रैयत किसानों को भी मिलेगा। किसानों के खाते में सीधे यह राशि पटना मुख्यालय से भेजी जाएगी। डीवीटी (डायरेक्ट वेनिफिट) योजना के तहत किसानों को फसल क्षतिपूर्ति की राशि उनके खाते में जाए इसकी व्यवस्था की गई है। किसानों को इससे राहत मिली।
अंग नगरी के हजारों किसानों को इसका लाभ भी मिलने लगा
दो हेक्टेयर जमीन पर लगी फसल में 20 प्रतिशत का नुकसान होने की स्थिति में उसका आकलन कर क्षतिपूर्ति राशि देनी है। एक एकड़ जमीन में लगी फसल में यदि 20 प्रतिशत का नुकसान रैयत या गैर रैयत किसानों का होता है तो साढ़े सात हजार की राशि मिलेगी। और दो हेक्टेयर जमीन पर लगी फसल के नुकसान पर 15 हजार रुपये की क्षतिपूर्ति राशि मिलेगी। दो हेक्टेयर जमीन पर 20 प्रतिशत से अधिक क्षति होने पर 20 हजार की राशि दी जा रही है। इस योजना के नोडल पदाधिकारी जैनुल आब्दीन अंसारी ने कहा कि 2018 से सरकार की इस महत्वकांक्षी योजना की शुरूआत हुई थी। अंग नगरी के हजारों किसानों को इसका लाभ भी मिलने लगा है। इस योजना से लोगों का रुझान भी खेती की ओर बढ़ेगा। फसलों का नुकसान होने पर उन्हें आर्थिक लाभ मिलेगा।
1.4 लाख किसानों ने अपना पंजीकरण कराया
2020 में अबतक 1.4 लाख किसानों ने अपना पंजीकरण करा लिया है। बीते साल की तुलना में इस बार रैयत और गैर रैयत किसानों का यह निबंधन दूना है। नोडल पदाधिकारी ने बताया कि रबी फसल के हुए नुकसान से जुड़े आवेदन के सत्यापन का काम चल रहा है। 11 हजार 536 किसानों की जांच के लिए आवेदन आए हैं। आठ हजार आवेदनों का सत्यापन हो चुका है। तीन हजार का सत्यापन बाकी है। लंबित इन आवेदनों में सन्हौला, जगदीशपुर और शाहकुंड प्रखंड के आवेदन शामिल हैं।