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भागलपुर जिले में किसी को नहीं रहने दिया जाएगा भूखा, एक लाख परिवारों को मिलेगा सरकारी अनाज

भागलपुर जिले में किसी को भी भूखे रहने नहीं दिया जाएगा। इसके लिए एक लाख से अधिक राशन कार्ड का निर्माण हुआ है। अब तक 40 हजार बांटे जा चुके हैं।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Mon, 13 Jul 2020 09:08 AM (IST)Updated: Mon, 13 Jul 2020 09:08 AM (IST)
भागलपुर जिले में किसी को नहीं रहने दिया जाएगा भूखा, एक लाख परिवारों को मिलेगा सरकारी अनाज
भागलपुर जिले में किसी को नहीं रहने दिया जाएगा भूखा, एक लाख परिवारों को मिलेगा सरकारी अनाज

भागलपुर, जेएनएन। जिले में राशन कार्ड का वितरण शुरू हो गया है। अभी तक 40 हजार से अधिक राशन कार्ड का वितरण हो चुका है। एक लाख से अधिक राशन कार्ड का वितरण होना है।

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डीएम प्रणव कुमार ने सभी एसडीओ को 15 जुलाई तक नया राशन कार्ड वितरित करने का आदेश दिया है, ताकि लाभुक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत बुराई का अनाज व प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का लाभ ले सकें। राशन कार्ड का वितरण हो जाने के बाद ऐसे लाभुकों को जुलाई का खाद्यान्न और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का लाभ मिल सकेगा। वैसे व्यक्ति या परिवार जो राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्ड प्राप्त करने की पात्रता रखता है और किन्हीं कारणों से उनके पास से राशन कार्ड निर्गत नहीं किया गया है, आरटीपीएस के माध्यम से नया राशन कार्ड के लिए आवेदन दे सकता है।

हालांकि लॉकडाउन की वजह से नगर निगम नगर परिषद व नगर पंचायत क्षेत्र में आरटीपीएस काउंटर बंद है। 16 जुलाई के बाद काउंटर खुलेगा। बाहर से आए मजदूरों को आत्मनिर्भर योजना के तहत पांच किलो चावल और एक किलो चना मुफ्त देने को कहा गया है। लॉकडाउन में भी जन वितरण प्रणाली की दुकानों को खोलने का आदेश दिया गया है।

जिले में अभी 495000 कार्ड धारियों की संख्या है। पॉश मशीन से अनाज मिलने के कारण कई कार्डधारी गायब हो गए हैं। लगभग 40,000 परिवार अभी अनाज नहीं लेने आ रहे हैं। दिसंबर से जन वितरण प्रणाली की दुकानों में पास मशीन लगनी शुरू हो गई थी। जनवरी 2020 से पास मशीन से अनाज का वितरण शुरू कर दिया गया है। पास मशीन में लाभुकों के अंगुठे का निशान लिया जाता है। पूर्व की तुलना में काफी संख्या में राशन कार्ड धारी अनाज लेने नहीं पहुंच रहे हैं । लॉगडाउन के दौरान राशनकार्ड धारियों को 1000 रुपये की सहायता राशि देने के लिए आधार और बैंक खाते की जानकारी मांगी गई थी लेकिन करीब 60 हजार राशनकार्ड धारियों ने आधार और खाते की जानकारी नहीं दी। बताया जा रहा है कि पूर्व में डीलर और स्थानीय अफसरों की मिलीभगत से अनाज का उठाव हो रहा था।


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