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रामविलास पासवान की जयंती पर उनकी पहली पत्नी ने दिए कई राजनीतिक संकेत, 'चिराग' के साथ-साथ 'लालटेन' की लौ भी होगी तेज!

रामविलास पासवान की जयंती पर लोजपा की तरफ से उनके पैतृक आवास पर कोई कार्यक्रम नहीं मनाया गया। लेकिन राजद ने उनके आवास पर कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में रामविलास पासवान की पहली पत्नी शामिल हुईं। राजद ने उन्हें सम्मानित भी किया। पढ़ें पूरी खबर...

By Shivam BajpaiEdited By: Published: Mon, 05 Jul 2021 06:29 PM (IST)Updated: Mon, 05 Jul 2021 06:29 PM (IST)
रामविलास पासवान की जयंती पर उनकी पहली पत्नी ने दिए कई राजनीतिक संकेत, 'चिराग' के साथ-साथ 'लालटेन' की लौ भी होगी तेज!
रामविलास पासवान की पहली पत्नी को सम्मानित करते राजद कार्यकर्ता।

निर्भय, जागरण संवाददाता, खगड़िया। लोजपा में दो फाड़ होने बाद स्मृतिशेष रामविलास पासवान का पैतृक गांव जिले के अलौली प्रखंड अंतर्गत शहरबन्नी लगातार चर्चा में है। यह अभी एक प्रकार से 'राजनीतिक तीर्थ' बन चुका है। रामविलास पासवान की जयंती पर यहां लोजपा (पारस गुट) और राजद की ओर से कार्यक्रम आयोजित किया गया। लेकिन दिलचस्प बात यह रही कि रामविलास पासवान के आवास पर लोजपा (पारस गुट) ने नहीं, बल्कि राजद की ओर से जयंती समारोह का आयोजन किया गया।

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इस कार्यक्रम में राजकुमारी देवी (स्मृतिशेष रामविलास पासवान की पहली पत्नी) भी शामिल हुईं, जबकि लोजपा (पारस गुट) की ओर से शहरबन्नी स्थित सैल भवन में जयंती मनाई गई, जहां राजकुमारी देवी शामिल नहीं हुई। राजद की ओर से राजकुमारी देवी को सम्मानित भी किया गया। हालांकि, वे कुछ ही देर कार्यक्रम में रहीं और उन्होंने कुछ भी नहीं कहा, यहां हाई बीपी के कारण वे घर के अंदर आराम करने चलीं गई। रामविलास पासवान की घर की देखरेख करने वाले शंभु पासवान ने कहा कि मैडम का बीपी बढ़ गया है, इसलिए वे किसी से बात नहीं करेंगी।

खैर, मैडम का राजद के कार्यक्रम में शामिल होना और लोजपा से परहेज करना, कई संकेत दे गया। लोजपा (पारस गुट) का बीपी अब बढ़ चुका है। राजकुमारी देवी और शहरबन्नी के लोगों ने रामविलास पासवान की जयंती के बहाने जो संकेत, संदेश दिया है, वह आने वाले कल के लिए महत्वपूर्ण है। मालूम हो कि तीन जुलाई को खगड़िया के परमानंदपुर में पारस जी के साथ देने वाले खगड़िया सांसद चौधरी महबूब अली कैसर का जिस तरह से चिराग समर्थकों ने विरोध किया, वह मैसेज भी दूर तलक गया।

परमानंदुपर हाजीपुर सांसद पशुपति कुमार पारस का ससुराल है और समस्तीपुर सांसद प्रिंस कुमार पासवान का ननिहाल। लेकिन यहां खगडिय़ा सांसद का विरोध एक नई पटकथा तैयार कर दी और उसका एक अलग विस्तार सोमवार को शहरबन्नी में दिखा। जहां पारस गुट के कार्यक्रम में राजकुमारी देवी शामिल नहीं होकर खगडिय़ा ही नहीं बल्कि बिहार के राजनीतिक तापमान को बढ़ा दिया।

लोजपा (पारस गुट) जिलाध्यक्ष मु. मासूम कहते हैं- इस संदर्भ में कुछ नहीं कहेंगे। लेकिन यह कहने से नहीं चुकते कि दोनों एक ही परिवार के हैं। रामविलास जी सभी के दिलों में हैं।

लोजपा के राष्ट्रीय महासचिव (चिराग पासवान गुट) और पूर्व खगडिय़ा सांसद डा. रेणु कुशवाहा कहती हैं, 'राजकुमारी देवी अपने बेटे चिराग के संग हैं। बिहार की जनता भी चिराग के संग हैं।' उन्होंने बताया कि सांसद चिराग पासवान आशीर्वाद यात्रा के दौरान नौ जुलाई को खगड़िया आएंगे। वे शहरबन्नी भी जाएंगे और वहां अपनी बड़ी मम्मी राजकुमारी देवी (रामविलास पासवान की पहली पत्नी) से आशीर्वाद लेंगे।

नौ जुलाई पर सभी की नजर है। रामविलास पासवान की राजनीतिक विरासत किसके पास रहेगी, वह इस दिन तय हो जाएगा, ऐसा कहा जा रहा है। वहीं, दूसरी ओर राजद के कार्यक्रम में रामविलास पासवान की पहली पत्नी को सम्मानित करना भी कई तरह के संकेत दे रहा है। गौरतलब हो कि राजद की ओर से रामविलास पासवान की जयंती को मनाया गया है, इससे पहले राजद की ओर से चिराग पासवान को ऑफर भी दिया जा चुका है।


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