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टीएमबीयू में आनस्पाट नामांकन प्रक्रिया में भुगतान बन रही बाधक, छात्रों को हो रही परेशानी

टीएमबीयू में स्नातक आनस्पाट नामांकन की प्रक्रिया को यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट इंफार्मेशन सिस्टम (यूएमआइएस) की एजेंसी ने बकाया भुगतान के लिए ठप कर दिया है। ऐसे में विद्यार्थियों का भविष्य दावं पर लगा है। इसको लेकर कई बार छात्र संगठन विवि प्रशासन को...

By Abhishek KumarEdited By: Published: Thu, 02 Dec 2021 07:21 AM (IST)Updated: Thu, 02 Dec 2021 07:21 AM (IST)
टीएमबीयू में आनस्पाट नामांकन प्रक्रिया में भुगतान बन रही बाधक, छात्रों को हो रही परेशानी
टीएमबीयू में स्नातक आनस्पाट नामांकन की प्रक्रिया बाधित है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) में स्नातक आनस्पाट नामांकन की प्रक्रिया को यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट इंफार्मेशन सिस्टम (यूएमआइएस) की एजेंसी ने बकाया भुगतान के लिए ठप कर दिया है। ऐसे में विद्यार्थियों का भविष्य दावं पर लगा है। बकाया भुगतान की प्रक्रिया में लगी विश्वविद्यालय प्रशासन ने जब एजेंसी की फाइल खंगाली तो उसमें त्रुटि मिली है। एजेंसी ने विश्वविद्यालय को जो कंप्यूटराइज्ड बिल दिया है, उसमें एजेंसी के संचालक या प्रतिनिधि का हस्ताक्षर नहीं है।

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-बिल पर हस्ताक्षर नहीं होने से एजेंसी का रूका हुआ है भुगतान

- एजेंसी को भुगतान के लिए विवि कर रही है प्रक्रिया

- तीन दिनों से एजेंसी ने कार्य किया है बाधित

प्रतिकुलपति तक पहुंच चुकी है बिल की फाइल

इसके अलावा उस बिल को प्रतिनिधियों द्वारा सत्यापित भी नहीं किया गया है। बिल से संंबंधित फाइल कुलसचिव डा. निरंजन प्रसाद यादव के टेबल पर पहुंची। वे भुगतान से संबंधित चर्चा के लिए फाइल लेकर प्रतिकुलपति प्रो. रमेश कुमार के पास पहुंचे। उन्होंने फाइल में लगे एजेंसी के बिल को देखा तो बताया कि उस पर किसी का हस्ताक्षर नहीं है। इसकी जानकारी नामांकन समिति के संयोजक डीएसडब्लयू डा. राम प्रवेश ङ्क्षसह के माध्यम से एजेंसी को दी गई है।

भुगतान नहीं होने से छात्रों को हो रहा सबसे अधिक नुकसान

एजेंसी और विवि के बीच भुगतान की लड़ाई में काफी संख्या में छात्रों का भविष्य दांव पर लगा हुआ है। तीन दिनों से नामांकन प्रक्रिया बाधित होने के कारण काफी संख्या में विद्यार्थी कालेज और विश्वविद्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। वे अपनी मांगों को लेकर विवि अधिकारियों के यहां भी जा रहे हैं, लेकिन भुगतान के बिना एजेंसी काम शुरू करने के लिए तैयार ही नहीं है। इस कारण मामला फंसा हुआ है। कार्य बाधित होने के कारण तीन दिसंबर से शुरू होने वाला पार्ट वन के पंजीयन की तिथि बढ़ाने पर विचार हो रहा है।  


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