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नियमों का करें पालन, जाम से मिल जाएगा छुटकारा : ट्रैफिक डीएसपी

हर रोज लोग शहर में जाम की समस्या जूझ रहे हैं। खासतौर से शहर को जोड़ने वाले विक्रमशिला सेतु पर शायद ही कभी जाम न लगता हो या वाहनों की लंबी कतार न लगती हो। कभी कभी तो चार किमी लंबे पुल को पार करने में पांच से छह घंटे लग जाते हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Nov 2019 02:29 AM (IST)Updated: Fri, 15 Nov 2019 06:11 AM (IST)
नियमों का करें पालन, जाम से मिल जाएगा छुटकारा : ट्रैफिक डीएसपी
नियमों का करें पालन, जाम से मिल जाएगा छुटकारा : ट्रैफिक डीएसपी

भागलपुर । हर रोज लोग शहर में जाम की समस्या जूझ रहे हैं। खासतौर से शहर को जोड़ने वाले विक्रमशिला सेतु पर शायद ही कभी जाम न लगता हो या वाहनों की लंबी कतार न लगती हो। कभी कभी तो चार किमी लंबे पुल को पार करने में पांच से छह घंटे लग जाते हैं। इन तमाम सवालों का जबाव देने के लिए गुरुवार को दैनिक जागरण के लोकप्रिय कार्यक्रम प्रश्न पहर में ट्रैफिक डीएसपी रत्न किशोर झा पाठकों से मुखातिब हुए।

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प्रश्न : सुगम यातायात व्यवस्था के लिए वरीय पदाधिकारी नियम तो बनाते हैं, लेकिन लागू क्यों नहीं हो पाता है?

भारतेंदु कुमार झा, नवगछिया

- वाहनों का दबाव कई गुणा बढ़ गया हैं, लेकिन उस अनुपात में सड़कों का विकास नहीं हो पाया है। अक्सर गाड़ियों के खराब होने के कारण सेतु पर जाम लगता है। खराब खाली ट्रकों को क्रेन से हटाया जाता है, लेकिन लोडेड ट्रकों को बिना ठीक किए नहीं हटाया जा सकता है। इसमें चार से पांच घंटे लग जाते हैं। इस दौरान वन-वे कर गाड़ियों का परिचालन कराया जाता है।

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प्रश्न : ट्रैफिक सिग्नल सही तरीके से काम नहीं कर रहा है। ठहरने का सिग्नल तीन मिनट का है, लेकिन आगे बढ़ने के लिए 36 सेकेंड ही दिया जाता है?

प्रशांत कुमार सिंह, छोटी खंजरपुर

गाड़ियां धीरे-धीरे आगे बढ़ती हैं, जिससे जाम लगता है। निकलना होता है तो चालक कम समय में ही ग्रीन सिग्नल पार कर जाते हैं। कभी-कभी गाड़ियों की संख्या अधिक होती है। इससे पीछे वाली गाड़ियां सिग्नल पार नहीं पाती हैं। सिग्नल का समय बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है।

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प्रश्न : विक्रमशिला सेतु पर जाम में एंबुलेंस घंटों फंसी रहती है?

मनोज कुमार, जीरोमाइल

गांधी सेतु और राजेंद्रनगर पुल पर भारी वाहनों का परिचालन पर रोक है। इसके कारण विक्रमशिला सेतु पर वाहनों का दबाव काफी बढ़ गया है। टू लेन पुल पर वाहन खराब होने से आवागमन प्रभावित होता है। लेकिन ओवरटेक करने से चल रही गाड़ियों में एकाएक ब्रेक लग जाता है। एंबुलेंस पहले निकाला जाता है। यदि जाम में एंबुलेंस फंसती है तो संबंधित थानेदार, डीएम, एसएसपी, ट्रैफिक डीएसपी को फोन कर इसकी सूचना दें। त्वरित कार्रवाई होगी।

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प्रश्न : फाइनेंसर गैरकानूनी तरीके से जहां-तहां वाहनों को रोकते हैं और गाड़ियों को सड़क किनारे खड़ा कर देते हैं?

बबलू कुमार मंडल, नवगछिया

यदि फाइनेंसर गैरकानूनी तरीके से जहां-तहां वाहनों को रोकते हैं तो इसकी सूचना संबंधित वाहन मालिक पुलिस को दें। थानेदार विधि संवत कार्रवाई करेंगे।

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प्रश्न : जाम के कारण पांच दिन में एक दिन ही मालवाहकों का परिचालन हो पा रहा है? इससे वाहन मालिकों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। कब तक जाम से राहत मिलेगी?

रघुबीर, बरारी हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी

-जाम से निजात के लिए गंगा ब्रिज टीओपी और परबत्ता टीओपी बनाई गई है। पुलिस की प्रतिनियुक्ति की गई है। सेतु से पहुंच पथ तक मोटरसाइकिल से पुलिस गश्ती करती है।

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प्रश्न : भागलपुर-दुमका मार्ग पर जाम लगा रहता है। ऑटो और टोटो को लोहिया पुल पर नहीं जाने दिया जा रहा है?

कामेश्वर प्रसाद साह, अलीगंज

जाम की समस्या के समाधान के लिए ही ऑटो-टोटो को लोहिया पुल की ओर नहीं जाने दिया जा रहा है। यह नियम सिर्फ भाड़े पर चलने वाले ऑटो-टोटो के लिए है, निजी उपयोग करने वालों पर नहीं। अलीगंज, सिकंदरपुर, मोजाहिदपुर आदि जगहों के ऑटो-टोटो का परिचालन इशाकचक भोलानाथ पुल के नीचे कराया जा रहा है, लेकिन यदि भाड़े के ऑटो पर किसी मरीज को इलाज कराने ले जाया जा रहा है तो उसे लोहिया पुल पर ले जाने से नहीं रोका जाएगा।

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प्रश्न : शहर में ऑटो, टोटो स्टैंड नहीं है। स्थाई बस पड़ाव भी नहीं है। सड़क पर ही गाड़ियों को रोक कर सवारी बैठाया जा रहा है?

मनीष कुमार, आदमपुर

ऑटो-टोटो का पड़ाव नहीं है, लेकिन डिक्शन रोड मालगोदाम के पास निजी बस पड़ाव है। ऑटो-टोटो स्टैंड बनाने का प्रयास चल रहा है। ट्रैफिक पोस्ट से कुछ दूरी पर यातायात नियमों के मुताबिक ऑटो-टोटो रोकना है।

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ओवरटेक करने वाले चालकों का काटा जा रहा चालान

विक्रमशिला सेतु पर वाहनों का दबाव काफी बढ़ गया है। सेतु और स्थाई बाइपास पर गाड़ियां के खराब होने से आवागमन बाधित हो जाता है। उस पर ओवरटेक की प्रवृति इस समस्या को और गंभीर बना देता है। इसी तरह शहर में भी गाड़ियों का दबाव बढ़ा है, लेकिन वाहनों के दबाव के मुताबिक सड़कों का विकास नहीं हो पाया है। बेतरतीब तरीके से गाड़ियां खड़ी करने से सड़कों की चौड़ाई सिमट जाती है। उपलब्ध संसाधनों में यातायात सुचारू कराने के लिए पुलिस प्रयास करती है। ओवरटेक कर यातायात बाधित करने वाले वाहन चालकों का चालान काटा जा रहा है।


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