बच्चे को ठंड से बचाएं, एक सप्ताह में 40% बढ़ी निमोनिया पीड़ित बच्चों की संख्या
चिकित्सक ने कहा कि ठंड में बच्चों को सुरक्षित नहीं रखने की वजह से उन्हें सर्दी-खांसी हो रही है। इलाज नहीं करवाने पर सांस लेने में परेशानी होने लगती है।
भागलपुर (जेएनएन)। ठंड की वजह से बच्चे निमोनिया से पीड़ित होने लगे हैं। पिछले एक सप्ताह से निमोनिया से पीड़ित बच्चों की संख्या में 40 फीसद की वृद्धि हुई है। पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चे इस बीमारी से ज्यादा प्रभावित हैं।
जेएलएनएमसीएच शिशु विभाग में सहायक प्राध्यापक डॉ. खलील अहमद ने बताया कि ठंड में बच्चों को सुरक्षित नहीं रखने की वजह से उन्हें सर्दी-खांसी हो रही है। इलाज नहीं करवाने पर सांस लेने में परेशानी होने लगती है। निमोनिया होने के लक्षणों में 103-4 डिग्री सेल्सियस बुखार होना, सर्दी-खांसी के अलावा सांस फूलना, छाती में दर्द होना, भूख में कमी होना आदि शामिल है। सर्दी-खांसी होने पर बच्चे को शीघ्र ही अस्पताल में इलाज करवाना चाहिए। इलाज में विलंब होने की स्थिति में निमोनिया होता है। एक और दो वर्ष के बच्चे निमोनिया से ज्यादा पीडि़त हो रहे हैं।
डॉ. अहमद ने कहा कि सुबह और शाम को बच्चों को घर से बाहर नहीं निकालें। सुबह ठंड लगने की ज्यादा संभावना रहती है। अगर घर से बाहर निकलना आवश्यक हो तो बच्चों को गर्म पहनाकर निकालें। मोजा और टोपी अवश्य पहनाए रखें। धूप निकलने पर ही बाहर निकालें।