अब बिना डीइओ के सत्यापन के नहीं मिलेग स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड का लाभ, जानिए... क्या है नया नियम
विभाग ने स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना में शिक्षा विभाग की मंजूरी को अनिवार्य किया है। बारहवीं और पॉलिटेक्निक पाठ्यक्रम के लिए दसवीं उतीर्ण छात्र- छात्राओं को आगे की पढ़ाई के लिए चार लाख तक शिक्षा ऋण की राशि दिए जाने का प्रावधान है।
भागलपुर, जेएनएन। अब स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना में शिक्षा विभाग की रजामंदी जरूरी है। योजना का लाभ लेने से पहले विभाग का सत्यापन मुहर लगना जरूरी है। इसके लिए नए कोषांग गठित की गई है। इसमें ई-मेल के माध्यम से जिला शिक्षा पदाधिकारी से आवेदनों के कई बिन्दुओं का सत्यापन कराया जाएगा। इसके बाद ही संबंधित स्टूडेंट को इसका लाभ मिल सकता है। दरअसल, बारहवीं और पॉलिटेक्निक पाठ्यक्रम के लिए दसवीं उतीर्ण छात्र- छात्राओं को आगे की पढ़ाई के लिए चार लाख तक शिक्षा ऋण की राशि दिए जाने का प्रावधान है। इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन आवेदन समर्पित करने के पश्चात आवेदन थर्ड पार्टी वेरिफिकेशन एजेंसी (टीपीवीए) को संस्थान संबंधी कुछ बिन्दुओं की जांच के लिए भेजा जाता रहा है। इसके लिए सरकार ने गुरगांव की एक एजेंसी का चयन किया था, लेकिन कई कारणों से इस एजेंसी का एकरारनामा रद कर दिया गया। अब इसका सत्यापन ईमेल के माध्यम से जिला शिक्षा विभाग से कराया जाएगा। इससे सत्यापन में हो रही देरी पर विराम लगेगा और कोसी क्षेत्र के छात्रों को इससे काफी लाभ पहुंचेगा। सत्यापन में देरी होने के कारण इस क्षेत्र के बच्चों को ऋण के लिए काफी भागदौड़ करनी पड़ती है।
काफी बारीकी से होगी ऑनलाइन आवेदनों की जांच
स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन के आधार पर शिक्षा विभाग जिला शिक्षा पदाधिकारी को आवेदन के वांछित बिन्दुओं की जांच के लिए ईमेल आईडी पर सत्यापन प्रपत्र उपलब्ध कराएगा। विभाग को आवेदन के संस्थान में नामांकित होने, नामांकन का वर्ष, नामांकित पाठ्यक्रम का नाम, पाठ्यक्रम की अवधि, फी स्ट्रेक्चर, संस्थान एवं पाठ्यक्रम की मान्यता, संस्थान के बैंक खाता की विवरणी की जिम्मेवारी सौंपी गई है। आवेदनों के सत्यापन उपरांत आवेदक का ऋण स्वीकृत कर ट्यूशन फी, हॉस्टल फी संस्थान के खाते में तथा पाठ्यपुस्तक, स्टेशनरी, रहने, जीवन- यावन हेतु निर्धारित राशि तथा तकनीकी पाठ्यक्रम के लिए लैपटॉप की राशि संबंधित छात्र- छात्रा के खाते में ऑनलाइन उपलब्ध करायी जाएगी।
जिला से प्रखंड अधिकारियों को दी गई जिम्मेदारी
सत्यापन में किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं हो इसके लिए शिक्षा विभाग ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को जिले में कार्यरत जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, कार्यक्रम पदाधिकारी, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को इस कार्य में लगाने का निर्देश दिया है। साथ ही सत्यापन पदाधिकारी को सत्यापन प्रपत्र की प्रविष्टि संस्थान के किसी प्राधिकृत व्यक्ति से कराने तथा अभिलेख के माध्यम से स्वयं भी संतुष्ट होने का सुझाव दिया गया है।
शिक्षा अधिकारियों से आवेदन के वांछित बिन्दुओं के सत्यापन का निर्देश दिया है। सत्यापन के नाम पर अब लंबे समय पर आवेदन लंबित नहीं रहेगा। इस इलाके के छात्र- छात्राओं को इससे काफी सहूलियत होगी। -डॉ. संजय कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी।