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अब औने पौने दाम में आलू नहीं बेचेंगे सहरसा के किसान, जल्‍द चालू होगा कोल्ड स्टोरेज, विधायक ने दिया भरोसा

सरहसा के किसानों को अब अपना उत्‍पादन खासकर आलू अब औने पौने दामों में बेचना नहीं पड़ेगा। उनकी चिरलंबित मांग कोल्‍ड स्‍टोरेज जल्‍द चालू होगा। उसे अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसकी घोषणा छातापुर के विधायक नीरज कुमार बबलू ने की है।

By Amrendra kumar TiwariEdited By: Published: Tue, 02 Feb 2021 03:33 PM (IST)Updated: Tue, 02 Feb 2021 03:33 PM (IST)
अब औने पौने दाम में आलू नहीं बेचेंगे सहरसा के किसान, जल्‍द चालू होगा  कोल्ड स्टोरेज, विधायक ने दिया भरोसा
कोल्‍ड स्‍टोरेज का निरीक्षण करते छातापुर के विधायक नीरज कुमार बबलू

जागरण संवाददाता, सहरसा । ग्यारह वर्षों से बंद सहरसा जिले का एकमात्र बिस्कोमान शीत भंडार एक महीने के अंदर चालू होगा। इस इलाके के आलू किसानों को अब औने- पौने दाम पर आलू बेचने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा, अब किसान अपने स्थानीय इस भंडार में रखकर उचित समय पर निकालेंगे और मुनाफा कमाएंगे। उक्त बातें छातापुर के विधायक नीरज कुमार बबलू ने सोमवार को बिस्कोमान के निरीक्षण के मौके पर कही। विधायक ने कहा कि सरकार का संकल्प किसानों की आमदनी बढ़ाना है। इस लिहाज से उन्होंने बिस्कोमान के अध्यक्ष सुनील ङ्क्षसह से लगातार बिस्कोमान को चालू करने का आग्रह कर रहे थे।

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गलत बिलिंग को ऊर्जा मंत्री से मिलकर कराया जाएगा सुधार

बिस्कोमान अध्यक्ष ने इस दिशा में सार्थक पहल किया। इस क्रम में शीत भंडार पर लगभग 84 लाख बिजली बिल का मामला सामने आया। बताया गया कि इसमें कुछ गलत बिलिंग हो गया है और शेष में अधिकांश सूद की ही राशि है। विधायक ने बताया कि उन्होंने ऊर्जा मंत्री से मिलकर इस समस्या को रखा तो उन्होंने तत्क्षण विभाग के आयुक्त को मामले की जांच कर सही बिल तैयार करवाने और इसे किस्त कराकर जमा करवाने का निर्देश दिया। विधायक ने बताया कि बिस्कोमान अध्यक्ष और ऊर्जा मंत्री की पहल से इस शीत भंडार के चालू होने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। उन्होंने बताया कि इसकी मशीन व अन्य चीजों में कुछ खराबी आ गई है, जिसे ठीक करने का कार्य एक सप्ताह के अंदर कर लिया जाएगा। और अगले एक महीने में शीत भंडार चालू हो जाएगा।

वर्ष 2010 से ही बंद है शीत भंडार

कोसी के आलू किसानों को लाभांवित करने के लिए वर्ष 1986 में बिस्कोमान शीत भंडार का निर्माण हुआ। इसकी स्थापना के बाद प्रमंडल के तीनों जिले में बड़े पैमाने पर आलू की खेती होने लगी। किसान इससे काफी लाभांवित हो रहे थे। वर्ष 2008 में कुसहा त्रासदी के कारण आलू की काफी कम पैदावार हुई। जिसके कारण उस वर्ष शीत भंडार का लागत खर्च भी उपर नहीं हो पाया और लाखो का बिजली बिल बकाया हो गया। बिजली बिल की लगातार बढ़ोतरी के कारण वर्ष 2010 में इस भंडार की बिजली काट दी गई। तब से भंडार बंद पड़ा है, जबकि बिजली बिल के सूद में लगातार बढ़ोतरी होती रही।

माटी के मोल बिक रहा आलू 

भंडार बंद होने के कारण इस इलाके के किसानों का आलू माटी के मोल बिकने लगा। और इसका प्रभाव आलू के उत्पादन पर भी पड़ा। इस बीच इस समस्या को लेकर विधायक नीरज कुमार बबलू लगातार बिस्कोमान के अध्यक्ष से चालू करने के लिए आग्रह करते रहे। आखिरकार उनका यह प्रयास रंग लाया। और बिस्कोमान शीत भंडार के खुलने की संभावना प्रबल हो गई है।


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