रेल यात्री पीएंगे गंगाजल, बरारी घाट से पाइप के जरिए स्टेशन पहुंचाया जाएगा पानी
गर्मी के दिनों में भू-जल स्तर नीचे चल जाने से रेलवे की बोरिंग से पानी नहीं निकलता है। इस कारण ट्रेनों की धुलाई और स्टेशन पर पेयजल का संकट गहरा जाता है।
भागलपुर [रजनीश]। भागलपुर से खुलने वाली रेलगाडिय़ों की धुलाई आने वाले दिनों में गंगाजल से की जाएगी। स्टेशन तक गंगाजल पहुंचाने के लिए रेलवे ने दो रास्तों का चयन किया है। पहला बूढ़ानाथ और दूसरा बरारी घाट से जलापूर्ति सीधे पाइप के जरिए स्टेशन तक की जाएगी। इस प्रोजेक्ट पर करीब 20 करोड़ रुपये खर्च होंगे। रेलवे बोर्ड ने 2018-19 के बजट में इसकी स्वीकृति दे दी है। प्रोजेक्ट पूरा करने में रेलवे को दो साल लगेंगे। जंक्शन के यार्ड में जल संचय के लिए टंकी और वॉटलिंग प्लांट लगाए जाएंगे।
दरअसल, गर्मी के दिनों में भू-जल स्तर नीचे चल जाने से रेलवे की बोरिंग से पानी नहीं निकलता है। इस कारण ट्रेनों की धुलाई और स्टेशन पर पेयजल का संकट गहरा जाता है। पानी का संकट न हो इसके लिए मालदा मंडल ने रेलवे बोर्ड के पास गंगाजल की आपूर्ति के लिए प्रस्ताव भेजा था। इस पर मंत्रालय ने सहमति जताई है।
90 हजार यात्री रोज करते हैं सफर
भागलपुर स्टेशन से रोज 90 हजार के आसपास यात्रियों का आवागमन होता है। यह स्टेशन राजस्व देने के मामले में पूर्व रेलवे में तीसरा और मालदा में पहले स्थान पर है। ऐसे में यात्रियों को पेयजल के लिए परेशान नहीं होना पड़े, इसके लिए रेलवे ने पूरी तैयारी की है। गंगाजल स्टेशन के पेयजल बूथ प्वाइंट के जरिए यात्रियों को मुहैया कराया जाएगा।
कई महत्वपूर्ण टे्रनों का होता है रखरखाव
भागलपुर कोचिंग डिपो में कई टे्रनों का रखरखाव होता है। इसमें विक्रमशिला एक्सप्रेस, दानापुर इंटरसिटी, एलटीटी एक्सप्रेस, अंग एक्सप्रेस, सूरत एक्सप्रेस, जनसेवा एक्सप्रेस, अमरनाथ एक्सप्रेस, साप्ताहिक एक्सप्रेस, अजमेर एक्सप्रेस प्रमुख गाडिय़ां हैं।
छोटी लाइन की रूट का होगा इस्तेमाल
रेलवे स्टेशन तक जलापूर्ति पाइप बिछाने के लिए रेलवे ने भागलपुर-बरारी छोटी लाइन का रूट तय किया है। हालांकि छोटी लाइन की जमीन अब अस्तित्व में नहीं है। छोटी लाइन की जमीन पर अतिक्रमण है। इसे अस्तित्व में लाने के लिए रेलवे को कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी।
रेल यात्री भी बुझाएंगे प्यास
रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को पीने के लिए गंगाजल मिलेगा। योजना के मुताबिक बरारी या बूढ़ानाथ घाट से गंगा से पानी स्टेशन पर आएगा। पानी को पीने लायक बनाने के लिए ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जाएंगे। इसके बाद प्लेटफार्म और ट्रेनों की टंकी पानी की सप्लाई होगी।