मुंगेर गंगा पुल होकर ट्रेन परिचालन को नहीं मिली हरी झंडी
भागलपुर से खुलने वाली किसी भी ट्रेन का परिचालन मुंगेर गंगा रेल पुल होकर नहीं होगा।
भागलपुर। भागलपुर से खुलने वाली किसी भी ट्रेन का परिचालन मुंगेर गंगा रेल पुल होकर नहीं होगा। एक नवंबर से लागू होने वाली नई समय सारिणी में हरी झंडी नहीं मिली। अभी गंगा पुल होकर जाने वाली गाड़ियों के परिचालन के लिए लंबा इंतजार करना होगा। एक नवंबर से देश भर में चलने वाली कई ट्रेनों के समय में बदलाव किया गया है। इसमें मालदा मंडल के अंतर्गत कुछ गाड़ियों के परिचालन को लेकर कयास लगाए जा रहे थे। लेकिन सभी कयास धरे के धरे रह गए। नई समय सारिणी में मालदा मंडल से खुलने वाली ट्रेनों के समय और परिचालन में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
मुंगेर गंगा नदी पर 2016 में रेल पुल चालू होने के बाद मुंगेर और दौलतपुर के बीच 710 मीटर लंबी वाइलेग का निर्माण कराया गया था। इस लाइन के निर्माण का उद्देश्य यह था कि भागलपुर से गंगा पार उत्तर बिहार जाने के लिए गाड़ियों को जमालपुर जंक्शन न जाकर सीधे मुंगेर होते हुए निकल जाएगी। वाइलेग का निर्माण भी निर्धारित समय पर कर दिया गया। सीआरएस के निरीक्षण में कुछ कमियां भी आई तो उसे फिर से दुरुस्त कर लिया गया। इसके बाद पूर्व रेलवे ने भागलपुर-जम्मूतवी एक्सप्रेस, भागलपुर-मुजफ्फरपुर जनसेवा एक्सप्रेस और हावड़ा-जयनगर सवारी गाड़ी को मुंगेर होकर चलाने के लिए लेटर बोर्ड को भेजा था। लेकिन इस पर मंत्रालय की सहमति नहीं बनी। इसके बाद एक नंबर से लागू होने वाली नई समय सारिणी में परिचालन को लेकर सुगबुगाहट तेज हुई थी। लेकिन नई समय सारिणी में इसका जिक्र नहीं किया गया और गंगा पुल होकर परिचालन पर तत्काल रोक लगा दी गई है।
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मार्ग चेंज होने से पहले पुराने मार्ग पर बंद होता है आरक्षण
भारतीय रेल में किसी भी ट्रेन का मार्ग परमानेंट मार्ग बदलता है तो करीब तीन से चार माह पहले पुराने मार्ग से आरक्षण बंद कर दिया जाता है। आरक्षण काउंटर में फीडिंग की जाती है। एक नवंबर से रेलवे का टाइम टेबल चेंज हो रहा है। लेकिन अमरनाथ, जनसेवा एक्सप्रेस का अगले चार महीने तक पुराने मार्ग के स्टेशनों पर आरक्षण दिख रहा है। इस वजह से इन गाड़ियों का परिचालन पुराने मार्ग से ही होगी।
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कोट
भागलपुर-जम्मूतवी एक्सप्रेस, भागलपुर-मुजफ्फरपुर जनसेवा एक्सप्रेस और हावड़ा-जयनगर सवारी गाड़ी को नई समय सारिणी में गंगा पुल होकर चलाने की सहमति नहीं मिली है। इस पर कोई चर्चा नहीं हो सका है। अभी क्यूल-बरौनी होकर ही तीनों गाडि़यां चलेगी।
-आशुतोष कुमार, सदस्य, जेडआरयूसीसी।