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नहीं बन रहे नए आवास, पुराने पर भी लग रहा ग्रहण

केंद्र सरकार ने इंदिरा आवास बनाने में चार गुणा राशि में वृद्धि कर दी है, तब स्थिति और भी खराब हो गई है। जिले में 2012-13 से 15-16 के बीच 28 हजार इंदिरा आवास अपूर्ण हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Feb 2018 12:21 PM (IST)Updated: Mon, 19 Feb 2018 12:21 PM (IST)
नहीं बन रहे नए आवास, पुराने पर भी लग रहा ग्रहण
नहीं बन रहे नए आवास, पुराने पर भी लग रहा ग्रहण

भागलपुर। भागलपुर जिले में पर्याप्त राशि रहने के बावजूद नए इंदिरा आवास का निर्माण नहीं हो रहा है। इसे यूं कह सकते हैं कि निर्माण की गति धीमी है। जब इंदिरा आवास के निर्माण में 30 हजार रुपये की लागत आती थी, उस समय इसकी पूर्णता की दर अधिक थी।

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अब केंद्र सरकार ने इंदिरा आवास बनाने में चार गुणा राशि में वृद्धि कर दी है, तब स्थिति और भी खराब हो गई है। जिले में 2012-13 से 15-16 के बीच 28 हजार इंदिरा आवास अपूर्ण हैं। इस अवधि में करीब 48 हजार आवासों के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। लाभुकों पर दवाब देने के बाद 20 हजार आवास पूर्ण हो रहे हैं। शेष 28 हजार अधूरे आवास को पूर्ण करने की दिशा में कार्रवाई की जा रही है। पिछले दो माह से हर सप्ताह इसकी समीक्षा हो रही है।

इसके बावजूद प्रगति संतोषजनक नहीं है। ग्रामीण विकास विभाग इंदिरा आवास और प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में लक्ष्य की पूर्ति के लिए वीडियोकांफ्रेंसिंग के माध्यम से इसकी समीक्षा कर रहा है। निर्धारित समय पर लक्ष्य की प्राप्ति नहीं होने पर जिले के आधा दर्जन बीडीओ से गत सप्ताह स्पष्टीकरण पूछा गया है।

पिछले सप्ताह खरीक प्रखंड ने इस योजना में बढि़या काम किया है। खरीक के बीडीओ को बेहतर प्रदर्शन पर तारीफ मिली है। वर्ष 16-17 में सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लिए 14024 का लक्ष्य दिया था। इसमें एससी-एसटी वर्ग के लिए 4553 आवास का निर्माण होना था। एससी-एसटी वर्ग का कोटा वापस कर दिया गया। इसको हटाने के बाद 9178 शुद्ध लक्ष्य दिया गया। इसके विरुद्ध 8821

लाभुकों का निबंधन हुआ। निबंधित लाभुकों में 7241 को प्रथम किश्त दिया गया। 1445 लाभुकों को द्वितीय किश्त दिया गया। 123 लाभुकों को तृतीय किश्त का भुगतान किया गया। अब तक मात्र 50 आवास पूर्ण हुए हैं।

वहीं, वर्ष 2017-18 में 11090 आवास निर्माण का लक्ष्य दिया गया है। इस लक्ष्य में एससी-एसटी कोटे का 5102 की राशि सरेंडर कर दी गई। इसके बाद 5988 शुद्ध लक्ष्य दिया गया। इसकी तुलना में 3437 लाभुकों का निबंधन हुआ है। जिसके विरुद्ध 367 लाभुकों को प्रथम किश्त की राशि 40 हजार दी गई। प्रथम किश्त की राशि मिलने के बाद भी कई आवासों का निर्माण अब तक प्रारंभ नहीं हो पाया है। कई लाभुकों ने शिकायत की है कि उनको मिली राशि बिचौलिए खा रहे हैं। जिसकी वजह से आवास का निर्माण नहीं हो रहा है।

विभिन्न समीक्षा बैठकों में उप विकास आयुक्त आनंद शर्मा के द्वारा लक्ष्य के अनुरूप लाभुकों का निबंधन एवं जियो टैगिंग पूर्ण करने का निर्देश दिया जाता रहा है।

इस संबंध में लेखा प्रशासन निदेशक डॉ. संजय कुमार ने बताया कि पुराने आवासों को पूर्ण करने के लिए सरकार का निर्देश है। यह लक्ष्य मार्च तक हासिल करना है। हर सप्ताह बीडीओ को बुलाकर इसकी समीक्षा की जाती है। जिस प्रखंड की स्थिति संतोषजनक नहीं रहती है, वहां के बीडीओ से शोकॉज किया गया है।


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