अस्पताल में कम पहुंच रहे मरीज
लॉकडाउन में मरीजों का इलाज भी प्रभावित हो रहा है।
भागलपुर। लॉकडाउन में मरीजों का इलाज भी प्रभावित हो रहा है। अस्पताल और निजी क्लीनिकों का आउटडोर विभाग (ओपीडी) बंद है। सरकारी अस्पताल में साधारण ऑपरेशन भी टाले जा रहें हैं। वहीं टीबी मरीजों को दवा भी नहीं दी जा रही है।
20 की जगह अब आ रहे चार टीबी मरीज
मायागंज अस्पताल और जिला यक्ष्मा कार्यालय में इलाज करवाने वाले टीबी मरीजों की संख्या में कमी आई है। लॉकडाउन के पहले प्रतिदिन 15 से 20 मरीज इलाज करवाने आते थे। अब दो से चार आ रहे हैं। सरकार द्वारा लॉकडाउन में टीबी मरीजों को घर तक दवा पहुंचाने का निर्देश दिया गया है, लेकिन सुपरवाइजर दवा नहीं दें रहे हैं। एक स्वास्थ्य कर्मचारी भी टीबी से ग्रसित हैं, लेकिन उसके घर पर भी दवा नहीं पहुंचाई जा रही है। टीबी एंड चेष्ट विभाग के अध्यक्ष डॉ. शांतनु घोष ने कहा कि मायागंज अस्पताल में इलाज के बाद भी मरीजों को प्रखंड अस्पतालों से भी दवा दी जाती है। नहीं किए जा रहे सामान्य ऑपरेशन
मायागंज अस्पताल के हड्डी एवं सर्जरी विभाग में सामान्य ऑपरेशन भी नहीं किए जा रहे। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्देश भी जारी किया गया है। हार्निया, हाइड्रोसिल, गॉल ब्लाडर के ऑपरेशन पर तत्काल रोक लगा दी गई है। वहीं, हड्डी रोग विभाग में भी कई मरीजों का ऑपरेशन टाला गया है। पूर्णिया के सुदीप सिंह को तीन दिन भर्ती कर वापस भेजा दिया गया। उसे अब 21 दिन बाद आने के लिए कहा गया। अस्पताल के इमरजेंसी में गंभीर मरीजों का ऑपरेशन किया जा रहा है। आइसीयू में भी बेड खाली
आइसीयू में ब्रेन हेमरेज, मधुमेह और हृदय रोग से पीड़ित मरीजों को भर्ती किया जाता है। अभी वहां भी बेड खाली है। लॉकडाउन के बाद मरीजों की संख्या में कमी आई है। प्रतिदिन दो से तीन मरीज भर्ती किए जा रहे हैं। वहीं, जिला में टेली मेडिसीन से इलाज तीन वर्षो से बंद है। वीडियों कॉन्फ्रिेंसिंग के माध्यम से मरीजों का इलाज किया जाता था।