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कटिहार के इस अस्पताल में जानिए क्या है 'नौ' का चक्कर, मरीज रहते हैं हैरान-परेशान

मनिहारी नगर मुख्यालय स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मनिहारी आजादी के पूर्व का बना हुआ है। वर्ष 1900 में बने इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकों के साथ अन्य कर्मियों की घोर कमी है। इससे यहां के लोगों को इलाज में परेशानी होती है।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Thu, 03 Dec 2020 05:04 PM (IST)Updated: Thu, 03 Dec 2020 05:04 PM (IST)
कटिहार के इस अस्पताल में जानिए क्या है 'नौ' का चक्कर, मरीज रहते हैं हैरान-परेशान
मनिहारी नगर मुख्यालय स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में संसाधनों का है अभाव।

 कटिहार [प्रीतम ओझा]। आपको अगर चिकित्सक ने खून जांच लिख दिया तो फिर आपको यहां माह के नौ तारीख का इंतजार करना होगा। अगर ज्यादा जरुरी है तो फिर निजी पैथोलाजी की शरण लेनी पड़ेगी। एक्स-रे अब यहां नहीं होता है। संविदा खत्म होने के कारण टेकनेशियन अपना मशीन समेट यहां से जा चुके हैं। जोड़ तोड़ के तीन चिकित्सक हैं। रोस्टर के अनुसार चिकित्सक की मौजूदगी सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त पीएचसी के चिकित्सक का सहारा लिया जाता है। यह हाल मनिहारी अनुमंडल मुख्यालय स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का है। 

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गंगा नदी से सटे मनिहारी नगर मुख्यालय स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मनिहारी आजादी के पूर्व का बना हुआ है। वर्ष 1900 में बने इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकों के साथ अन्य कर्मियों की घोर कमी है। चाहरदीवारी के अभाव में परिसर में असामाजिक तत्वों का जमावड़ा भी लगा रहता है। कई भवन यहां जर्जर हालात में है। चिकित्सको का आवास भी पूरी तरह जर्जर है। दो लाख 38 हजार जनसंख्या की देखभाल की जवाबदेही इस केंद्र पर है। यहां प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के रूप में डा. इमरान आलम, डेंटिस्ट डा. अभिनव कश्यप तथा संविदा पर बहाल एमओ डा. परवेज आलम की प्रतिनियुक्ति है। यहां रोस्टर को रेगुलर रखने के लिये अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कुमारीपुर के डा. साजिद हुसैन से भी काम लिया जाता है।

महिला चिकित्सक, ड्रेसर, स्टाफ के पद रिक्त हैं। प्रतिदिन ओपीडी में 60 से 65 मरीज तथा इमरजेंसी में 10 से 15 मरीज आते हैं। इलाज के नाम पर खानापूर्ति होती है। यहां एएनसी, ओपीडी, इमरजेंसी, टीकाकरण सहित अन्य कार्य होते है। इस केंद्र में प्रति माह औसतन 150 प्रसव जीएनएम व एएनएम के भरोसे ही होता है। जीएनएम व पुरुष सेवक द्वारा ड्रेङ्क्षसग का कार्य किया जाता है। गंभीर रूप से जख्मी या अन्य बीमारियों के मरीजों का बस प्राथमिक उपचार ही यहां संभव है। एक्सरे की व्यवस्था नहीं है। प्रतिमाह के नौ तारीख को यहां ब्लड सेंपल जांच की व्यवस्था है। उसके लिए कुमारीपुर में प्रतिनियक्त टेक्नीशियन आते हैं। गुरुवार को यक्ष्मा प्रयोगशाला खुला था। टीकाकरण का काम भी हो रहा था। बेड पर चादर भी था। पीएचसी के सौजन्य से क्षेत्र में कोरोना टेस्ट भी किया जा रहा है। यहां एक एम्बुलेंस तथा सिक्यूरिटी की भी व्यवस्था है। इसके अंतर्गत अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कुमारीपुर, मुजवरटाल व गांधी टोला के साथ-साथ 27 के आसपास स्वास्थ्य उपकेंद्र है।

क्या कहते हैं मरीज

इलाज को पहुंचे बसंतपुर गुवागाछी के मु. कलाम ने कहा कि सर्दी जुकाम का इलाज कराने आए हैं। डाक्टर ने देखकर दवा दी है। वही महुवर से जोसनारा खातून भी अपने परिजन के इलाज व जांच को आई थी। मनिहारी की ही रेखा देवी अपने एक साल के बच्चे कार्तिक को डा. को दिखा रही थी। बताया कि कुछ दवा यहां से दी गई है, एक दवा नहीं मिली। मनिहारी के पप्पू भी पहुंचे थे। पप्पू ने कहा कि विशेष चिकित्सक नहीं रहने से निजी क्लीनिक ही जाना पड़ता है।

क्या कहते हैं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी

प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. इमरान आलम ने कहा कि चिकित्सकों, कर्मियों व ड्रेसर की कमी के बीच उपलब्ध संसाधन से मरीजों को बेहतर सुविधा देने का प्रयास किया जा रहा है। दवा व आक्सीजन उपलब्ध है।अभी प्रतिदिन 60 से 65 मरीज ओपीडी व 10 से 15 मरीज इमरजेंसी में आते हैं, जिनका समुचित इलाज किया जाता है। परिसर में कई भवन जर्जर है तथा चहारदीवारी के नहीं रहने से काफी परेशानी होती है। रोस्टर को लेकर कुमारीपुर के डॉक्टर साजिद हुसैन की भी प्रतिनियुक्ति की गई है।


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