नगर निगम में अविश्वास प्रस्ताव : ...और बच गई मेयर और डिप्टी मेयर की कुर्सी Bhagalpur News
भागलपुर नगर निगम की महापौर सीमा साहा और उप महापौर राजेश वर्मा के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव गिर गया।
भागलपुर [जेएनएन]। नगर निगम सभागार में बुधवार को मेयर सीमा साहा और डिप्टी मेयर राजेश वर्मा ने 23 पार्षदों के समर्थन से अविश्वास प्रस्ताव को गिराने में कामयाब रहे। कुर्सी बचाने को लेकर 10 दिनों से चला आ रहा हाई वोल्टेज ड्रामा पर विराम लग गया। काफी उथल-पुथल के बीच दोनों की कुर्सी बच गई। बैठक में 30 पार्षदों ने उपस्थिति दर्ज कराई। जिसमें सात पार्षद चर्चा से वॉक आउट कर बाहर निकल गए। बैठक की अध्यक्षता के लिए सर्वसम्मति से वार्ड 32 के पार्षद प्रसन्नजीत उर्फ हसंल सिंह को अध्यक्ष चुना गया। उनकी अध्यक्षता में अविश्वास प्रस्ताव के चार बिंदु पर चर्चा शुरू हुई। सात पार्षद प्रीति शेखर, नीतू देवी, गुलाम सरवर ने विशेष चर्चा में अपने विचार रखे। अधिकांश पार्षदों ने मेयर और डिप्टी मेयर के पक्ष में हाथ खड़े कर वोटिंग किया। इसके बाद अध्यक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव गिराने की घोषणा की। सदन में एडीएम विभागीय जांच मनोज कुमार पर्यवेक्षक की भूमिका में थे। मौके पर नगर आयुक्त जे. प्रियदर्शिनी, उपनगर आयुक्त सत्येंद्र वर्मा और प्रफुल्ल चंद्र यादव मौजूद रहे।
रोकने पर धरने पर बैठक पार्षद
सुबह 11 बजे से विशेष चर्चा के लिए बुलाई गई बैठक शुरू हुई। नियमानुसार एक घ्ंाटे तक पार्षदों का इंतजार किया गया। 12 बजे तक 30 पार्षद, मेयर और डिप्टी मेयर ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। दरअसल सुबह 11.51 मिनट पर मेयर और डिप्टी मेयर के साथ सात गाडिय़ों के काफिले में पार्षद निगम पहुंचे। इसमें कई पार्षद डिप्टी मेयर के घर पर छूट गए थे। जिन्हें लाने के लिए दोबारा गाड़ी भेजा गया, लेकिन विलंब हो गए। विलंब से आने वाले पार्षदों को योजना शाखा प्रभारी आदित्य जायसवाल ने पर्यवेक्षक और नगर आयुक्त के आदेश पर रोक दिया। इस दौरान काफी शोर-शराबा भी हुआ। पार्षद जबरन घुसने का प्रयास किया। जिसे पुलिस बल के सहयोग से रोका गया। जब उनकी नहीं सुनी गई तो पार्षदों ने सभाकक्ष के बाहर धरना पर बैठकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी और मेयर, डिप्टी मेयर के जिंदाबाद के नारे लगाने लगे। पार्षदों ने कहा शहर में जाम के कारण 12 मिनट विलंब हुआ और प्रवेश उसे रोका गया। पार्षदों के साथ न्याय नहीं हुआ।
डिप्टी मेयर और प्रीति के बीच हुई तिथि नोकझोंक
हमलोगों ने अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया, जिन लोगों ने लाया उनसे पूछा कि कम से कम इसपर चर्चा होना चाहिए। चर्चा के दौरान प्रीति शेखर ने नेपाल में कुछ पार्षदों (जिसमें महिला पार्षद भी शामिल है) के कृत्य से भागलपुर नगर निगम शर्मसार हुआ है। प्रीति शेखर के इस बयान पर अध्यक्ष हंसल सिंह ने कहा कि यह मुद्दा आज के बैठक का नहीं है। जिन चार बिंदुओं पर अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। उसपर बहस होगी। इस बीच डिप्टी मेयर राजेश वर्मा और प्रीति शेखर के बीच तीखी बहस हुई। इसके बाद छह पार्षदों के साथ प्रीति बाहर निकल गई।
डिप्टी मेयर ने विरोधी पर बोला करारा हमला :
जिन लोगों ने साम, दाम, दंड व भेद सब लगाया अपने राजनीतिक अस्तित्व को बचाने के लिए। हमने भी इनका इस्तेमाल इस शहर के अस्तित्व की लड़ाई को लडऩे के लिए। जो अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था उसके विपक्ष में पार्षदों ने आज बहुमत दिया। मेयर और डिप्टी मेयर को चुनने का काम किया। यह विश्वास दिलाता हूं कि जब हार का मुंह देखना पड़ता, और जब ये अभास हो जाता है कि हम हार चुके हैं तो बैठक से वॉक आउट करते हैं। जब अविश्वास प्रस्ताव लाने की हिम्मत रखते हैं तो उस बहस का सामना करना चाहिए। जो इस तरह का नाटक का नाटक करते हैं स्थायी समिति से इस्तीफा देने का नाटक करते हैं उनको मालूम ही नहीं कि जिस दिन अविश्वास प्रस्ताव आता है उसी दिन सारी कमेटी भंग हो जाती है। उनका निशाना स्थायी समिति सदस्य रहे नजमा खातुन, संजय सिन्हा पर था।
मेयर ने भी दिया जवाब
जीत की पार्षदों को बधाई दी। अविश्वास प्रस्ताव नहीं हो अच्छे से काम करे। पार्षदों के विश्वास को कायम रखेंगे। जिस तरह से पार्षद चिल्ला कर वॉक आउट कर चले गए। सदन में विश्वास प्रस्ताव पर बात हो रही थी। यह नहीं की कौन कहां गए थे उसपर बात नहीं होनी चाहिए। पहले अपनी गरिमा को झांक कर देख लेते तब किसी पार्षद पर आंच लगाते। हमारे पार्षद परिवार के साथ गए थे। जो आरोप लगाए गए वो गलत आरोप लगाया है। वो घिनौना औरत हैं जिसने आरोप लगाया। जिसने इस्तीफा दिया वो जिस थाली में खाया उस थाली में छेद किया।
ये पार्षद बैठक में रहे मौजूद
सीमा साहा, राजेश वर्मा, गुलाम सरवर, नीतू देवी, फरहाना, नेजाहत अंसारी, अनवरी खातुन, कंचन देवी, पाकिजा, अनिल कुमार पासवान, अशोक कुमार पटेल, बिधुवाला सिंह, प्रीति शेखर, उषा देवी, संजय कुमार सिन्हा, निशा दुबे, प्रीति देवी, उमर चांद, खुशबू, कविता, शीला देवी, प्रसन्नजीत कुमार सिंह, शाबरा, प्रमोद लाल, बबीता देवी, नजमा खातुन, संध्या गुप्ता, सरयुग प्रसाद साह, गजाला परवीन, शशिकला।
सदन से वॉक आउट करने वाले पार्षद
डॉ. प्रीति शेखर, अशोक पटेल, विधुवाला सिंह, संजय कुमार सिन्हा, बबीता देवी, नजमा खातुन, खुशबू कुमारी।
विलंब से आने पर इन पार्षदों को नहीं मिली इंट्री
अभिषेक कुमार, सीता देवी, संध्या गुप्ता, कुमारी कल्पना, पंकज दास, साबिहा रानू, गोविंद बनर्जी, सुनीता देवी, अर्शदी बेगम, सदानंद, दिनेश तांती, फिरोजा यासमीन, बीबी वलिमा, शाहिदा आफरीन।
नगर आयुक्त जे. प्रियदर्शिनी ने कहा कि 12 बजे तक हमलोग सभी पार्षदों का इंतजार किया। इसके बाद दरवाजा बंद कर अविश्वास प्रस्ताव पर कार्रवाई शुरू कर दी गई। जो समय पर नहीं उन्हें अंदर आने से रोक दिया गया। चर्चा के दौरान सभी नियमों का पालन किया गया।
एडीएम सह पर्यवेक्षक मनोज कुमार ने कहा कि नोटिस में लिखा गया था कि 11 बजे आना है और एक घंटा इंतजार करना है। जो पार्षद 12 बजे तक आए उन्हें बैठक में शामिल किया गया। बैठक की सारी कार्रवाई नियमानुसार हुई।
अविश्वास प्रस्ताव की अध्यक्ष प्रसन्नजीत सिंह अविश्वास प्रस्ताव के दौरान वोटिंग की नौबत नहीं आयी। जितने पार्षद आए थे उसमें सात पार्षद बाहर निकल गए और शेष ने हाथ उठाकर इस अविश्वास प्रस्ताव का विरोध किया। इस कारण सीमा साहा और राजेश वर्मा मेयर और डिप्टी मेयर के पद पर बने रह गए।
इसके पूर्व मेयर सीमा साहा अपने पति जिला परिषद अध्यक्ष अनंत कुमार उर्फ टुनटुन साह के साथ बूढ़ानाथ मंदिर पूजा करने गईं। अविश्वास प्रस्ताव खारिज हो जाने और मेयर सीमा साहा व डिप्टी मेयर राजेश वर्मा के अपने पद पर बने रह जाने के बाद उनके समर्थक पार्षद और अन्य लोगों ने पार्टी किया। इस पार्टी का आयोजन डिप्टी मेयर राजेश वर्मा ने अपने आवास पर किया था।