जानिए... इंदिरा गांधी को गिरफ्तार करने वाले इस IPS अफसर ने मधेपुरा में वोटिंग के बाद क्या कहा
Bihar Assembly Elections 2020 पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को गिरफ्तार करने वाले निर्मल कुमार सिंह ने मधेपुरा में किया मतदान। निर्मल कुमार सिंह सीबीआइ के संयुक्त निदेशक रह चुके हैं। उन्होंने सिंहेश्वर के कुमारखंड बूथ पर परिवार के साथ वोट डाला। इसके बाद उन्होंने कहा...
भागलपुर [संजय सिंह]। चुनावी गहमागहमी के बीच सीबीआइ के पूर्व संयुक्त निदेशक निर्मल कुमार सिंह उर्फ एनके सिंह ने शनिवार को मधेपुरा जिले के सिंहेश्वर सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र में कुमाखंड स्थित मतदान केंद्र पर परिवार के साथ वोट डाले। एनके सिंह ने तीन अक्टूबर, 1977 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को गिरफ्तार किया था। उस समय केंद्र में मोराराजी देसाई की सरकार थी।
उन्होंने पहले और अब के चुनाव के अंतर के बारे में बताया। एनके सिंह ने बताया कि बिहार में लोकतंत्र का जन्म हुआ है। पहले के चुनाव के समय में बिहार की छवि बदनाम रही थी। यहां ङ्क्षहसा और बूथ कैप्चङ्क्षरग का बोलबाला था। कानून-व्यवस्था भी पूरी तरह लचर थी। अब हाल के वर्षों में होने वाले चुनाव में हर धर्म और जाति से उठकर वोटर मतदान कर रहे हैं। इससे बिहार का मान-सम्मान और प्रतिष्ठा में निखार आया है। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में इंफ्राइंस्ट्रक्चर के मामले में स्थिति काफी सुधरी है, लेकिन विकास का दायरा बढ़ा है। अभी यहां शिक्षा, स्वास्थ्य व्यवस्था और औद्योगीकरण पर काम होना जरूरी है। ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए भी अलग से योजना बनाकर काम करने की जरूरत दिख रही है। जब गांव समृद्ध होंगे, तभी बिहार विकसित और समृद्ध होगा।
द प्लेन ट्रूथ और होल टूथ किताब लिख चुके हैं एनके सिंह
सीबीआइ को सेवा देने के बाद जब वह सेवानिवृत्त हुए तो उनकी नजर देश की गतिविधियों पर रही। उन्होंने अबतक द प्लेन ट्रूथ और होल ट्रूथ नाम से दो किताबें भी लिखीं हैं। द प्लेन ट्रूथ किताब में उन्होंने 10 साल के सीबीआइ में काम करने के दौरान अनुभव को शब्दों में पिरोया है। दूसरी किताब होल ट्रूथ में उन्होंने अपनी जीवनी को समेटने का काम किया है। होल ट्रूथ के आखिरी अध्याय में उन्होंने लिखा है कि उनके जीवन को दो लोगों ने काफी प्रभावित किया है। पहला नाम उन्होंने देश के पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू और दूसरा जमुई के मलयपुर निवासी स्वंतत्रता सेनानी श्याम प्रसाद सिंह का लिया है। अपनी दूसरी किताब में नेहरू की चर्चा करते हुए उन्होंने लिखा है कि उनके ऊंचे बौद्धिक स्तर से वह काफी प्रभावित हुए थे।