नौ करोड़ के चावल घोटाले में डीलरों से होगी वसूली
कोर्ट ने नौ करोड़ रुपये की समतुल्य राशि की वसूली का आदेश दिया है।
सहरसा (जेएनएन)। 2001 से 2007 के बीच एसजीआरवाइ के करीब नौ करोड़ के चावल घोटाले की जांच समाप्त हो गई है। मामले की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति उदय सिन्हा न्यायिक जांच आयोग ने जिला प्रशासन को जिले के डीलरों से 1370 रुपये प्रति ¨क्वटल की दर से चावल के लगभग नौ करोड़ रुपये की समतुल्य राशि की वसूली का आदेश दिया है। इस आलोक में जिला प्रशासन भी कार्रवाई में जुट गया है।
संपूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना और एकीकृत संपूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना मद में काम के बदले अनाज योजना के तहत जिले के सैकड़ों डीलरों को चावल दिया गया था। बावजूद, 384 डीलरों द्वारा लगभग नौ करोड़ के अवशेष चावल अथवा उसकी राशि अबतक सरकार को वापस नहीं की जा सकी। विभाग द्वारा शिकंजा कसे जाने के बाद डीलरों ने उच्च न्यायालय की शरण ली थी। मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस राकेश कुमार समरेंद्र की अदालत में डीलरों द्वारा बिना गोदाम लगातार चावल दिए जाने के कारण खाद्यान्न सड़ने और जानवरों द्वारा खा जाने का तर्क दिया गया था। इसपर संज्ञान लेते हुए न्यायालय ने तत्कालीन डीडीसी व प्रखंड विकास पदाधिकारी को भी तलब किया। इनकी उनकी भूमिका की जांच का भी आदेश दिया गया था। डीलरों को भी पक्ष रखने की अनुमति दी है। डीलरों द्वारा यथोचित साक्ष्य नहीं प्रस्तुत किया जा सका। इस कारण आयोग ने जिले के अधिकारियों को इस मामले से बरी करते हुए जिला प्रशासन को पूरी राशि डीलरों से वसूलने का आदेश दिया है। डीलरों से 1370 रुपये प्रति ¨क्वटल की दर से वसूली होगी। इसमें उन्हें 13 रुपये प्रति ¨क्वटल चावल लाने के खर्च की छूट दी जाएगी।
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एसजीआरवाइ के चावल गबन मामले में न्यायिक आयोग ने अपना अंतिम प्रतिवेदन दे दिया है। इस मामले में आयोग ने जिले के किसी भी अधिकारी को इसके लिए दोषी नहीं माना। पूरी राशि डीलरों से वसूलने का आदेश दिया गया है।
- राजेश कुमार ¨सह
डीडीसी, सहरसा