BAU : नवीन कोर्स का हुआ सृजन, सात नए विषय जुड़ेंगे और सात पाठ्यक्रमों को किया जाएगा संशोधित
BAU अब यहां देश भर में पढ़ाई होगी। केंद्र सरकार ने इसकी अनुमति दे दी है। इससे अब कृषि में नई क्रांति आएगी। अन्य विश्वविद्यालय से सृजित कोर्स की समीक्षा की जा रही है। उसमें विषय जोड़ा या घटाया जा सकता है।
भागलपुर [ललन तिवारी]। बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर ने कृषि में नई क्रांति लाने के लिए कोर्स में बदलाव करने के लिए अध्ययन किया है। अध्ययनों उपरांत सात नये विषयों का सृजन किया गया है। इन सृजित विषयों को केंद्र सरकार को भेज दिया गया है। केंद्र सरकार ने विश्वविद्यालय के सभी नये विषयों को स्वीकृति दे दी है। अब पूरे देश में बीएयू द्वारा सृजित नये कोर्स पाठ्यक्रम में शामिल किए जाएंगे।
ऐसे बदल जाएगा पाठ्यक्रम
एपीआरओ डॉ. रामदत्त मिश्रा ने बताया कि बीएयू ने सात नए विषयों को जोड़ा है। दूसरे विश्वविद्यालय से सृजित एक कोर्स की समीक्षा की जा रही है। जरूरत पडऩे पर उसमें विषय जोड़ा या घटाया जा सकता है। इतना ही नहीं 6 पुराने विषयों को आज के वक्त के अनुसार अपडेट कर पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। सारे पाठ्यक्रम कृषि में ग्रेजुएट कोर्स में बदलाव के लिए किया जा रहा है।
क्यों पड़ी जरूरत
कृषि के छात्र काफी पुरानी सिद्धांत पर आधारित पढ़ाई करते हैं, जिसकी धरातल पर अब उपयोगिता नहीं के बराबर है। साथ ही विदेश के अध्ययन में दूर दूर तक इस पढ़ाई का तालमेल नहीं हो पाता है। मोटी-मोटी किताबों के अध्ययन करने का भी अब वक्त नहीं है। पुराने कोर्स के कारण ऑनलाइन पढ़ाई करने में शिक्षक और छात्र दोनों को व्यवधान हो रहा है।
क्या होगा फायदा
नई तकनीक से ज्ञान अर्जन से कृषि में क्रांति आएगी। आज के छात्र आने वाले समय के शिक्षक और विज्ञानी बनेंगे। वह विदेश के तर्ज पर नई तकनीक से लैस होंगे। यहां के नये शिक्षक विदेशों के प्लेटफार्म पर अपना जीवन संवार सकेंगे। किसानों को खेती की नई तकनीक मिलेगी। जिससे कम खर्च, कम समय, कम श्रम में गुणवत्ता पूर्ण बेहतर उत्पादन हो सकेगा। बदहाल किसान स्वावलंबी होंगे। किसानों के साथ देश समृद्ध बनेगा।
विश्वविद्यालय द्वारा सृजित विषयों को सरकार पाठ्यक्रम में शामिल करने जा रही है। किसान और कृषि की पढ़ाई करने वाले छात्रों को इसका दूरगामी परिणाम मिलेगा। - डॉ. अजय कुमार सिंह, कुलपति बीएयू सबौर