इस साल मुंगेर में शुरू हो जाएगा भारत का दूसरा वानिकी कालेज, बिहार के लिए अच्छी खबर
बिहार के लिए अच्छी खबर सामने आ रही है। शिक्षा के लिए क्षेत्र में यहां एक नया अध्याय जुड़ने वाला है। 25 सितंबर 2019 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रखी थी आधारशिला। 96 एकड़ में बन रहे महाविद्यालय का काम अंतिम चरण में।
शितांशु शेखर, मुंगेर। मुंगेर में बन रहा देश का दूसरा व सूबे का पहला वानिकी कालेज जल्द ही अस्तित्व में होगा। भवन निर्माण अंतिम चरण में है। सबकुछ ठीक रहा तो अक्टूबर से नवंबर तक कालेज विश्वविद्यालय को हैंडओवर कर दिया जाएगा। बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर से संचालित राज्य के पहले वानिकी कालेज में शीघ्र ही देश भर के शोधार्थी शोध करेंगे।
शोधार्थी भवन, विज्ञानियों के लिए आवास, क्लास रूम आदि बनकर तैयार हो गए हैं। प्रयोगशाला का निर्माण भी पूरा कर लिया गया। एजेंसी के पदाधिकारियों की मानें तो अक्टूबर या नवंबर तक वानिकी कालेज में पढ़ाई व शोध शुरू हो जाएगा। संभावना है कि अगले पांच से छह माह में वानिकी कालेज कृषि विश्वविद्यालय, सबौर को हैंडओवर कर दिया जाएगा। 25 सितंबर, 2019 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कालेज की आधारशिला रखी थी। श्रीकृष्ण सेतु के पहुंच पथ के ठीक बगल में कालेज भवन का निर्माण लगभग 96 एकड़ में चल रहा है। कालेज परिसर को पूरी तरह इको फ्रेंडली व भूकंपरोधी बनाया जा रहा है। निर्माण पर 231 करोड़ 83 लाख 32 हजार की लागत संभावित है।
महाविद्यालय की संरचना होगी अनोखी : मुंगेर का वानिकी महाविद्यालय पूरे बिहार में अनोखा होगा। कालेज न सिर्फ कृषि, पर्यावरण, शिक्षा आदि का केंद्र होगा, बल्कि इसकी आधारभूत संरचना भी देश-दुनिया के लोगों का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट करेगी। योग विद्यालय की तरह इसकी सुंदरता को देखकर भी लोग मुग्ध होंगे।
इस विषयों की होगी पढ़ाई : वानिकी कालेज में बीएससी फारेस्ट्री, एमएससी फारेस्ट्री, एमएससी पर्यावरण विज्ञान में सर्टिफिकेट व डिप्लोमा कोर्स की पढ़ाई होगी। पहले सत्र में बीएससी फारेस्ट्री कोर्स में तीन दर्जन छात्र-छात्राओं का दाखिला होगा। राज्य सरकार द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा के माध्यम से इसके लिए छात्रों का चयन किया जाएगा।
सूबे में होगा वन का विकास : महाविद्यालय के अस्तित्व में आते ही राज्य में वन का विकास होगा। नवीनतम तकनीक के साथ पर्यावरण सुरक्षा के लिहाज राज्य में वन क्षेत्र विकसित होगें। जलवायु परिवर्तन की चुनौती के बीच वातावरण को कृषि के अनुकूल बनाया जा सकेगा।
आने वाली पीढ़ी देगी वानिकी को बढ़ावा : राज्य के बच्चों का यहां दाखिला हो सकेगा। इससे मुंगेर ही नहीं, बल्कि राज्यभर में वानिकी को बढ़ावा मिलेगा। युवा पीढ़ी वन विकास के लिए प्रेरित होंगे। साथ ही इसकी पढ़ाई के लिए राज्य के बाहर जाने वाले युवाओं को राज्य में ही इस शिक्षा के अवसर मिलेंगे।
वानिकी कालेज बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के अधीन है। कालेज में प्राचार्य शिक्षकों की नियुक्ति राज्य सरकार की ओर की जाएगी। पहले सत्र में कितने छात्र-छात्राओं का नामांकन होगा, इसकी सूची भी सरकार से मिलेगी। कालेज भवन का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। - डा. एम हक, रजिस्टार, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर