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कर्मचारियों की लापरवाही और अव्यवस्था से सदर अस्पताल में नवजात हो रहे संक्रमित

प्रसव कक्ष की साफ-सफाई नहीं होना और ऑपरेशन थियेटर में गंदगी है। जिसके कारण जन्म लेने के तुरंत बाद ही नवजात संक्रमित हो जाते हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 10 Apr 2018 10:10 AM (IST)Updated: Tue, 10 Apr 2018 06:04 PM (IST)
कर्मचारियों की लापरवाही और अव्यवस्था से सदर अस्पताल में नवजात हो रहे संक्रमित
कर्मचारियों की लापरवाही और अव्यवस्था से सदर अस्पताल में नवजात हो रहे संक्रमित

(अशोक अनंत) भागलपुर। लोकनायक जयप्रकाश नारायण सदर अस्पताल की व्यवस्था भगवान भरोसे है। कर्मचारियों की लापरवाही और अव्यवस्था के कारण नवजात संक्रमण से पीड़ित हो रहे हैं। इसका प्रमुख कारण प्रसव कक्ष की साफ-सफाई नहीं होना और ऑपरेशन थियेटर में गंदगी है। जिसके कारण जन्म लेने के तुरंत बाद ही नवजात संक्रमित हो जाते हैं। इसके अलावा प्रसव कक्ष में जंग लगी टेबल पर ही प्रसव कराया जाता है।

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स्थिति यह है कि एक वर्ष में अब तक 259 नवजात संक्रमित हो चुके हैं। जिनका इलाज सदर अस्पताल परिसर में ही स्थित स्पेशल न्यू बॉर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) में किया गया है।

सदर अस्पताल में प्रतिदिन पांच से ज्यादा प्रसव कराए जाते हैं। सुबह में एक बार सफाई होने के बाद फिर सफाई नहीं की जाती है। प्रसव कक्ष और ऑपरेशन थियेटर की स्थिति भी दयनीय बनी हुई है। सिजेरियन की तुलना में नार्मल प्रसव ज्यादा होते हैं। जंग लगी टेबल पर प्रसव कराया जाता है, जिससे नवजात संक्रमित हो जाते हैं। लेकिन इसे देखने वाला कोई नहीं है।

नाल काटने वाली कैंची भी नहीं की जाती साफ

प्रसव कक्ष और ऑपरेशन थियेटर की सफाई ब्लीचिंग पाउडर से की जाती है। साथ ही उपकरणों को भी ब्लीचिंग पाउडर के घोल में रखकर संक्रमणमुक्त किया जाता है। स्थिति यह है नवजात के पैदा होते ही नाभी (नाल) जिस कैंची से काटी जाती है, वह साफ है या नहीं यह देखने वाला कोई नहीं है।

प्रत्येक पांच में से एक नवजात हो जाता है संक्रमित

अस्पताल कर्मचारियों की लापरवाही के कारण कई बार जच्चा-बच्चा दोनों की जान खतरे में पड़ जाती है। लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। स्थिति यह है कि प्रत्येक पांच नवजात में से एक संक्रमित हो जाता है। सदर अस्पताल में जन्म लिए 259 बच्चे संक्रमित हो चुके हैं। जिनका इलाज एसएनसीयू में किया गया है। इनमें से गंभीर 73 नवजातों को जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल (जेएलएनएमसीएच) रेफर किया गया है।

संक्रमित नवजात को हो जाती हैं कई बीमारियां

संक्रमित नवजात को कई बीमारियां हो जाती हैं। इनमें नवजात दूध नहीं पीता है, सुस्त रहता है। फेफड़ा में संक्रमण होने से निमोनिया, जॉन्डिस आदि से पीड़ित हो जाता है। ऐसे में यदि तुरंत इलाज नहीं गया तो नवजात के लिए खतरनाक हो जाता है।

:- प्रसव कक्ष में साफ-सफाई नहीं है। अथवा नवजात के नाल काटने वाली कैंची गंदी है या नाल को गंदे धागे से बांधने पर नवजात संक्रमित हो जाता है।

-डॉ. खलील अहमद, शिशु रोग विशेषज्ञ, जेएलएनएमसीएच

:- प्रसव टेबल की मांग की गई है। नई टेबल आते ही जंग लगी टेबल को हटा दिया जाएगा। प्रसव कक्ष की साफ- सफाई कराई जाती है।

डॉ. अशरफ रिजवी, उपाधीक्षक, सदर अस्पताल


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