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लाश जलाने में लकड़ी हो गई राख, पर नहीं मिली 'सहायता'

भागलपुर जिले में गरीबों के शव जलाने के लिए सरकारी सहायता नहीं मिल रही है। चालू वित्तीय वर्ष में सरकार ने राज्य स्तर पर इस योजना में राशि के भुगतान में सिस्टम में बदलाव किया है। जानिए

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Fri, 09 Nov 2018 10:57 PM (IST)Updated: Fri, 09 Nov 2018 10:57 PM (IST)
लाश जलाने में लकड़ी हो गई राख, पर नहीं मिली 'सहायता'
लाश जलाने में लकड़ी हो गई राख, पर नहीं मिली 'सहायता'

भागलपुर (जेएनएन)। बीपीएल परिवार के किसी भी उम्र के सदस्य की मृत्यु पर दाह संस्कार के नाम पर कबीर अंत्येष्टि अनुदान योजना के तहत तीन हजार रुपये सरकारी सहायता मिलने का प्रावधान है। लेकिन भागलपुर जिले में गरीबों के शव जलाने के लिए सरकारी सहायता नहीं मिल रही है। चालू वित्तीय वर्ष में सरकार ने राज्य स्तर पर इस योजना में राशि के भुगतान में सिस्टम में बदलाव किया है। बदलाव के तहत गांवों में पंचायत सचिव और शहरी क्षेत्रों में तहसीलदार या टैक्स दारोगा को एक निजी बैंक का एटीएम दिया गया है। लेकिन एटीएम क्रियाशील नहीं है। पंचायत सचिवों को मिले एटीएम एक्टिवेट नहीं होने से वह काम नहीं कर रहा है। अर्थात राशि की निकासी नहीं हो रही है।

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सुल्तानगंज के बीडीओ प्रभात रंजन के अनुसार बैंकिंग सिस्टम अपग्रेड नहीं होने से एटीएम काम नहीं कर रहा है। कबीर अंत्येष्टि योजना के तहत प्रति गरीब तीन हजार रुपये देय है। नियमानुसार तीन (मृतक) की राशि नौ हजार हमेशा खाते में जमा रहेगी। राशि खर्च होने पर उपयोगिता प्रमाण पत्र सरकार को भेजे जाने के बाद फिर नौ हजार रुपये खाते में जमा होगी। रंगरा प्रखंड के बीडीओ रघुनंदन आनंद के अनुसार पहले जिला स्तर से प्रखंड को आवंटन आता था। इस आवंटन को पंचायत के मुखिया को दे दिया जाता था। मुखिया राशि खर्च कर प्रतिवेदन देते थे। अभी भी गांव या शहर में गरीबों की मृत्यु पर मुखिया या वार्ड पार्षद से राशि की मांग की जाती है। इस उम्मीद में उनके द्वारा तीन हजार रुपये की सहायता की जाती है कि राशि आने पर मिल जाएगी। हाल के दिनों में जिला मुखिया संघ के कार्यकारी अध्यक्ष झुम्पा सिंह ने पिछले एक वर्ष से सरकार से राशि प्राप्त नहीं होने की शिकायत डीएम और डीडीसी से की है।

सामाजिक सुरक्षा कोषांग की प्रभारी सहायक निदेशक अर्चना कुमारी कहती हैं कि अब राशि खाते में ट्रांसफर होती है। सभी बीडीओ से खाता संख्या लेकर सामाजिक सुरक्षा विभाग को भेज दिया गया है। अर्चना के मुताबिक राशि पहले खर्च की जाती है फिर सरकार से मिल जाती है। सहायक निदेशक ने कहा कि जो समस्या आ रही है उसकी जांच की जाएगी। मालूम हो कि एक सितंबर 2014 से कबीर अंत्येष्टि योजना में सहायता राशि डेढ़ हजार से बढ़ाकर तीन हजार कर दी गई है। यह योजना वर्ष 2007-08 से लागू है। पहले शहरी क्षेत्र के वार्ड पार्षदों को पांच अनुदानित राशि 15 हजार रुपये दिए जाते थे।

डीएम प्रणव कुमार ने कहा कि कबीर अंत्येष्टि अनुदान योजना में राशि का भुगतान नहीं होने की जांच कराई जाएगी। अगर सिस्टम में कुछ दोष है तो उसे सुधार कर भुगतान कराया जाएगा।


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