नक्सलियों ने एसएसबी जवान की गोली मारकर की नृशंस हत्या
सिकंदर पर पुलिस की मुखबिरी करने का आरोप लगाते हुए एक के बाद एक कर कई गोलियां उसके शरीर में उतार दीं।
जमुई। आधुनिक हथियारों से लैस नक्सलियों ने बरहट थाना क्षेत्र के पांडेयठीका गांव के एसएसबी जवान ¨सकदर यादव की सोमवार की रात को गोली मार कर हत्या कर दी। वे बिहार के मधुबनी जिले के जयनगर में एसएसबी 48 बटालियन में तैनात थे। वे छुट्टी पर 15 सितंबर को घर आए थे। घटना उस वक्त हुई जब वह बेटी खुशी के जन्मदिन की तैयारी में जुटे थे। लगभग दो दर्जन सशस्त्र नक्सलियों ने गांव की घेराबंदी कर रखी थी। वर्दीधारी दो नक्सलियों ने घर में आकर उन्हें आवाज लगाई। परिवार वाले पुलिस समझकर उन्हें इसकी सूचना दी। सिकंदर ज्यों ही बाहर निकले नक्सलियों ने हथियार के बल पर उनके हाथ बाध दिए और घर से कुछ दूर ले जाकर गोली मारकर उनकी हत्या कर दी। छुट्टी पर घर आए किसी जवान को नक्सलियों द्वारा निशाना बनाने की यह पहली घटना है। नक्सलियों ने सिकंदर पर पुलिस की मुखबिरी का आरोप लगाया है। उनकी हत्या करने के बाद वे पार्टी समर्थित नारे लगाते हुए जंगल की ओर कुकुरझप डैम की ओर भाग गए। थानाध्यक्ष सुनील कुमार ने घटना स्थल से एके-47 के छह खोखे बरामद किए हैं। जानकारी के अनुसार सोमवार की रात विश्वकर्मा पूजा और बेटी के जन्मदिन को लेकर घर में जश्न का माहौल था। सहभोज में शामिल होने लोग उनके घर पहुंचने लगे थे। सिकंदर घर के अंदर बैलून सजा रहे थे। तभी वर्दी में दो नक्सलियों ने घर के अंदर आकर कमांडो-कमांडो की आवाज लगाई। परिजन ने उन्हें पुलिस वाला समझकर सिकंदर को बुला दिया। सिकंदर के आते ही नक्सलियों ने हथियार के बल पर उनके हाथ बांध कर उन्हें कब्जे में ले लिया और उन्हें पीटते हुए घर से सड़क की ओर लेते चले गए। उनके अन्य परिजनों को हथियार का भय दिखाकर घर में ही रहने को मजबूर कर दिया। फिर भी उनके पिता किशुन यादव उनके साथ चलते रहे। वे हाथ जोड़कर नक्सलियों से बेटे पर रहम करने और उनकी जान बख्श देने की भीख मांगते रहे। लेकिन नृशंस नक्सलियों ने घर से थोड़ी ही दूर सड़क पर ले जाने के बाद पिटाई करने के बाद गोली मारकर सिंकदर की हत्या कर दी। परिजनों के अनुसार नक्सलियों ने सिकंदर पर पुलिस की मुखबिरी करने का आरोप लगाते हुए एक के बाद एक कर कई गोलियां उसके शरीर में उतार दीं। घटना के बाद से गांव के ग्रामीण दहशत में हैं। परिजन व ग्रामीण इस बात को लेकर आक्रोशित थे कि समय पर सूचना देने के बावजूद पुलिस तत्काल घटनास्थल पर पहुंचने के बजाय दो घंटे बाद पहुंची। ग्रामीणों का कहना था कि अगर पुलिस बल वक्त पर पहुंच जाते तो ¨सकदर की जान बच सकती थी। पुलिस ने पोस्टमार्टम कराने के उपरांत उनके शव को मनियड्डा स्थित एसएसबी कैंप पहुंचाया। वहां एसएसबी जवानों द्वारा उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। उसके बाद तिरंगे में लिपटे शव को गाड़ी से उनके घर पहुंचाया गया। घटना के उपरांत मंगलवार को डीएम और एसपी ने घटनास्थल का मुआयना किया तथा परिजन से भी मुलाकात की।
कोट
छुट्टी पर घर आए जवान की नृशंस हत्या नक्सलियों द्वारा हताशा में उठाया गया कदम है। नक्सलियों के विरुद्ध बड़ा अभियान चलाया जा रहा है। इस घटना में नक्सली अर्जुन कोड़ा के नेतृत्व में घटना को अंजाम देने की बात सामने आ रही है।
रामपुकार ¨सह,
एसडीपीओ जमुई।