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उपलब्धि : नवगछिया की बाल नृत्यांगना ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराया नाम

सरस्वती ने नृत्य समागम में नृत्य शैली कुचिपुड़ी जयमु-जयमु में समूह नृत्य प्रस्तुत कर गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड बनाया था। इसमें इन्हें प्रथम स्थान प्राप्त किया था। यह नवगछिया की हैं।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Tue, 27 Nov 2018 10:36 PM (IST)Updated: Wed, 28 Nov 2018 09:50 AM (IST)
उपलब्धि : नवगछिया की बाल नृत्यांगना ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराया नाम
उपलब्धि : नवगछिया की बाल नृत्यांगना ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराया नाम

भागलपुर [जेएनएन]। भागलपुर जिले के नवगछिया की छठी कक्षा की छात्रा सरस्वती राय ने नृत्य में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्‍ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया। ऑस्ट्रेलिया से इस बाल नृत्यांगना का सम्मान मिला है। 25 दिसंबर 2016 को आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा में आइजीएमसी स्टेडियम में आयोजित अंतरराष्ट्रीय नृत्य समागम में सरस्वती ने शामिल होकर अपने नृत्य से लोगों का दिल जीत लिया था।

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नृत्य समागम में आंध्रप्रदेश के कलाकारों ने अपनी प्रसिद्ध नृत्य शैली कुचिपुड़ी जयमु-जयमु में समूह नृत्य प्रस्तुत कर गिनीज वर्ल्‍ड रिकार्ड बनाया था। इसमें जूनियर नृत्यांगना के रूप में सरस्वती ने प्रथम स्थान प्राप्त किया था। मौके पर मौजूद गिनीज बुक ऑफ वर्ल्‍ड रिकॉर्डस के निर्णायक ऋषिनाथ ने नया विश्व रिकार्ड कायम होने की घोषणा करते हुए इस आशय का प्रमाण पत्र आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को सौंपा था। छोटी उम्र में सरस्वती के बेहतरीन नृत्य को देखकर गिनीज के प्रतिनिधियों ने सरस्वती को अलग से एक प्रमाण पत्र देने की घोषणा की थी, जो एक वर्ष बाद प्राप्त हुआ। ऑस्ट्रेलिया से सरस्वती को एक साल बाद सम्मान पत्र आंध्र प्रदेश सरकार को मिला और आंध्र प्रदेश सरकार ने बाल नृत्यांगना को सम्मान पत्र सौंपा।

कौन हैं नृत्यांगना सरस्वती

बाल नृत्यांगना सरस्वती नवगछिया के जमुनियां निवासी योगाचार्य गुड्डुजी की पुत्री हैं। योगाचार्य गुड्डु जी का विवाह आंध्र प्रदेश में लक्ष्मी से हुआ है। आंध्र प्रदेश में ही सरस्वती पढ़ाई के साथ-साथ नृत्य कला का अभ्यास करती हैं। यह परिवार श्रीशिव शक्ति योग पीठ नवगछिया से जुड़ा है। सरस्वती की मां लक्ष्मी बताती हैं कि नृत्य प्रतियोगिता में 23 राज्यों के छह हजार से अधिक नृत्यांगनाओं ने भाग लिया था। सरस्वती अंग एवं कोसी की धरती के अलावा पटना, दिल्ली आदि स्थानों पर कई बार अपनी नृत्य कला से लोगों का मन मोह चुकी है।


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