लापरवाही : एंबुलेंस व ऑक्सीजन के अभाव में नवजात ने तोड़ा दम
एंबुलेंस नहीं मिलने पर ऑटो रिक्शा ले ब'चे को अस्पताल ले जा रहे थे परिजन।
सुपौल। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सरायगढ़-भपटियाही में शुक्रवार सुबह जन्म लेने वाले एक नजवात की मौत एंबुलेंस व ऑक्सीजन के अभाव में हो गई। चिकित्सक का कहना है कि नवजात को तुरंत उच्चस्तरीय इलाज की जरूरत थी।
मुरली गांव की रंजू देवी (26) को प्रसव पीड़ा होने पर गुरुवार रात में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था। शुक्रवार सुबह सात बजे रंजू ने एक लड़के को जन्म दिया। जन्म के कुछ देर बाद ही बच्चे की तबीयत बिगड़ने लगी। इसके बाद सुबह 08.45 बजे बच्चे को सदर अस्पताल रेफर किया गया। परिजन ने अस्पताल के चिकित्सकों से बार-बार एंबुलेंस व ऑक्सीजन सिलिंडर उपलब्ध कराने का अनुरोध किया, लेकिन उक्त संसाधन उपलब्ध नहीं कराए गए। नवजात की बिगड़ती हालत देखकर परिजन उसे लेकर ऑटो से सदर अस्पताल के लिए निकल गए, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। परिजन का आरोप है कि समय से ऑक्सीजन और एंबुलेंस की व्यवस्था होती तो बच्चे की जान बच सकती थी। मामले में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक मनोज दिवाकर ने बताया कि जिस समय नवजात को रेफर किया गया था, उस समय एंबुलेंस एक मरीज को छोड़ने मझारी गांव गया हुआ था। उसे लौटने में एक घंटे की देर थी। उन्होंने बताया कि नवजात को शीघ्र ही उच्चस्तरीय इलाज की जरूरत थी। अस्पताल में ऑक्सीजन सिलिंडर मौजूद था, लेकिन उसे लगाने वाला तकनीकी कर्मी एंबुलेंस के साथ ही निकल गया था। पीएचसी प्रभारी डॉ. राम निवास प्रसाद ने मामले में कुछ भी बताने से इन्कार कर दिया। उन्होंने कहा कि यह ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक की जिम्मेदारी है।
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बच्चा जन्म के बाद बीमार था। इस मामले की अस्पताल में पहुंचकर छानबीन की जाएगी।
- घनश्याम झा
सिविल सर्जन, सुपौल