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मुंगेर ने बेटा ही नहीं दामाद भी खोया, राजेश कुमार की शहादत की खबर मिलते ही लाल दरवाजा से बरियारपुर तक मातमी सन्नाटा

झारखंड में नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में बिहार के डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार शहीद हो गए। वे बिहार के मुंगेर के रहने वाले थे। मुंगेर में न केवल उनका घर था बल्कि ससुराल भी थी। घर से लेकर ससुराल तक उनकी शहादत की खबर के बाद मातमी सन्नाटा है।

By Shivam BajpaiEdited By: Published: Tue, 28 Sep 2021 10:12 PM (IST)Updated: Tue, 28 Sep 2021 10:12 PM (IST)
मुंगेर ने बेटा ही नहीं दामाद भी खोया, राजेश कुमार की शहादत की खबर मिलते ही लाल दरवाजा से बरियारपुर तक मातमी सन्नाटा
शहीद राजेश के घर पसरा मातमी सन्नाटा।

जागरण संवाददाता, मुंगेर। झारखंड के लातेहार में उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ में डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार के शहीद होने की खबर जैसे ही मिली कि घर से लेकर सुसराल तक मातमी सन्नाटा पसर गया। लाल दरवाजा स्थित पूरा मुहल्ला स्तबध है। किसी को विश्वास नहीं हो रहा है कि सभी को हंसने और हंसाने वाला उनका राजेश अब इस दुनिया में नहीं रहा। पैतृक आवास पर सन्नाटा पसरा है, घर के सदस्य और साथियों के चेहरे पर गम और मायूसी दिख रही थी। सभी ने आंसू बह रहे हैं। मुंगेर के लाल शहीद कमांडेंट का ससुराल बरियारपुर है। आसपास के लोग लाल दरवाजा स्थित पैतृक घर पहुंचकर राजेश के बड़े भाई राकेश कुमार और भाभी को ढांढस बंधाया। मुंगेर विधायक प्रणव कुमार यादव भी आवास पहुंचे और सभी को सांत्वना दी।

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राजेश पांच भाइयों में तीसरे नंबर पर थे। शहीद राजेश कुमार के पिता लाल बहादुर राय रांची में ही एजी डिपार्टमेंट से सेवानिवृत्त होकर बस गए। पैतृक घर मुंगेर काफी कम आते हैं। घर पर बड़े भाई राकेश, पत्नी और बच्चे के साथ रहते थे। छोटे भाई रजनीश भी लातेहार में आइबी विभाग में हैं पोस्टेड हैं। बड़े भाई ने बताया कि अप्रैल माह में माह का निधन हुआ था, उसमें राजेश पूरे परिवार के साथ पहुंचे थे। राजेश की पढ़ाई भी रांची में हुई है, राजेश काफी मिलनसार थे। जब भी वह मुंगेर पहुंचते पड़ोस के लोगों और रिश्तेदार से जरूर मिलते थे।

  • -पांच भाइयों में तीन नंबर पर थे शहीद डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार
  • -विधायक और आस-पड़ोस के लोग लाल दरवाजा स्थित घर पर पहुंचे
  • -शहीद राजेश कुमार के पिताजी रांची में ही एजी डिपार्टमेंट से हुए सेवानिवृत्त
  • -छोटे भाई रजनीश भी लातेहार में आइबी विभाग में हैं पोस्टेड
  • -एक भाई अमेरिका में हैं वैज्ञानिक, अप्रैल माह में मां के श्राद्ध कर्म में राजेश पहुंचे थे मुंगेर

कल शाम तक आएगा पार्थिव शरीर

शहीद डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार का पार्थिव शरीर बुधवार की शाम तक मुंगेर पहुंचने की उम्मीद है। बड़े भाई ने बताया कि अंतिम संस्कार लाल दरवाजा घाट पर होगा। बड़े भाई ने बताया कि उन्हें दोपहर बाद मनहूस खबर मिली थी। इसके बाद घर में सन्नाटा पसर गया, कोहराम मच गया। घरवालों का रो-रो कर बुरा हाल है। पड़ोसी और रिश्तेदार घर पहुंचकर सांत्वना दे रहे हैं। बरियारपुर में ससुराल वाले भी काफी मर्माहत हैं।

क्रिकेट के काफी शौकिन थे राजेश

लातेहार नावागढ़ पंचायत के सलैया जंगल में मुठभेड़ के दौरान एक उग्रवादी को मार गिराने वाले जगुआर के डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार काफी मिलनसार थे। वह क्रिकेट के काफी शाैकिन थे। घर पर बड़ा भाई के परिवार हैं। पांच भाइयों में राजेश तीसरे नंबर पर थे। एक बहन भीह है। वह काफी हंसमुख व मिलनसार उनका व्यवहार का था। सभी की जुबां पर एक ही चर्चा है कि वह बहुत ही खुश मिजाज व्यवहार का लड़का था।


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