Munger CoronaVirus Vaccination : बुजुर्ग वार्ड बना कोरोना जांच सेंटर, सामान्य वार्ड में बुजुर्गो को किया जा रहा भर्ती
Kishanganj CoronaVirus Vaccination अस्पताल में 60 वर्ष से अधिक आयु वाले मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए अस्पताल परिसर में आठ बेड का बुजुर्ग वार्ड बनाया गया था। वार्ड में एसी सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गई।
जागरण संवाददाता, मुंगेर। सदर अस्पताल में बुजुर्ग नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए बुजुर्ग वार्ड अर्थात वृद्ध वार्ड का निर्माण किया गया। 11 माह बीत जाने के बाद भी मुंगेर के वरिष्ठ नागरिकों को बुजुर्ग वार्ड की सुविधा नहीं मिल पा रही है। इलाज कराने आने वाले बुजुर्ग नागरिकों को सामान्य वार्ड में भर्ती कर दिया जा रहा है।
सदर अस्पताल में 60 वर्ष से अधिक आयु वाले मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए अस्पताल परिसर में आठ बेड का बुजुर्ग वार्ड बनाया गया था। वार्ड में एसी सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गई, ताकि यहां आने वाले बुजुर्ग नागरिकों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो। वार्ड में इसीजी मशीन व अन्य जांच की सुविधा है। अस्पताल पहुंचने वाले वृद्ध मरीजों को चिकित्सकों की सलाह पर बुजुर्ग वार्ड में भर्ती किया जाना था। बुजुर्ग वार्ड में भर्ती होने वाले मरीजों की देखरेख के लिए एक चिकित्सक, एक एएनएम की भी तैनाती की गई। कोरोना संकट के दौरान अस्पताल में सामान्य मरीजों का उपचार बंद कर दिया गया। बाद में स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर बुजुर्ग वार्ड में कोरोना जांच सेंटर खोल दिया गया। इस कारण अस्पताल आने वाले बुजुर्ग नागरिकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
कहते हैं अधिकारी
मैंने अस्पताल उपाधीक्षक को निर्देश दिया है कि वृद्धा वार्ड से कोरेाना जांच सेटर को हटाकर दूसरे स्थान पर ले जाएं। उस वार्ड को फिर से तैयार करें, ताकि वृद्ध मरीज को इलाज के लिए भर्ती किया जा सकें।
डॉ. अजय कुमार भारती, सिविल सर्जन मुंगेर
समय पर नहीं पहुंचते चिकित्सक, ओपीडी के बाहर घंटो इतजार करते हैं मरीज
सदर अस्पताल की व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही है। बुधवार को भी ओपीडी में चिकित्सकीय कार्य के प्रति संवेदनहीनता भी नजर आई । सुबह आठ बजे से ही उपचार कराने आए मरीजों का निबंधन काउंटर पर लंबी लाइन लग गई। 8:45 में निबंधन काउंटर खुलने के बाद मरीजों को निबंधन शुरू हुआ। कतार में खड़े होकर निबंधन पर्ची कटाने के बाद फिर से मरीजों को ओपीडी में कतार में खड़ा होना पड़ा। काफी समय तक इंतजार करने के बाद डॉक्टर ओपीडी में आए, इसके बाद मरीजों का स्वास्थ्य जांच शुरू हुआ।
32 में 18 चिकित्सक के सहारे सदर अस्पताल
सदर अस्पताल में हृदय रोग विशेषज्ञ, चर्म रोग विशेषज्ञ, सर्जन, चेस्ट फिजिशियन, इएनटी विशेषज्ञ, सहित दूसरे विशेषज्ञ चिकित्सकों का घोर अभाव है। इसका खामियाजा यहां आने वाले मरीजों को उठाना पड़ रहा है। इस कारण यहा इन रोगों से पीडि़त मरीजों को रेफर कर दिया जाता है।
मरीजों ने कहा भगवान भरोसे है अस्पताल
मु. परवेज आलम, ममता देवी, संगीता देवी, बब्लु , जनार्धन प्रसाद ने कहा कि इलाज के लिए सुबह आते हैं, तो दोपहर बाद इलाज हो पाता है। चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मी समय से नहीं आते हैं। इस कारण मरीज को घंटों इंतजार करना पड़ता है। पीने के लिए पानी व शौचालय तक व्यवस्था नहीं है। इलाज के नाम पर भी सदर अस्पताल में महज खानापूर्ति की जाती है।
एक महिला डॉक्टर के भरोसे ओपीडी
महिला चिकित्सकों का सदर अस्पताल में सात पद सृजित हैं। जिसमें चार चिकित्सक वर्तमान में कार्यरत हैं। कहने को तो चार महिला चिकित्सक हैं, लेकिन हर दिन एक ही महिला चिकित्सक मंजूला रानी ही ओपीडी में आने वाले मरीजों का इलाज करती है। मजुला रानी कहती हैं कि सुबह 8:30 से 12 तक ओपीडी में मरीजों को देखने के बाद प्रसव केंद्र में मरीजों की जांच करती हूं।