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हाय रे! पांच दिन की नवजात बच्ची को जिंदा दफना रही थी मां, देखते ही कांप उठी लखीसराय की रूह, फिर...

बिहार के लखीसराय जिले में जो कुछ लोगों ने देखा उससे उनकी रूह कांप उठी दिल पसीज गया और ये दास्तां जो कोई सुन रहा है वो पांच दिन की नवजात बच्ची के लिए अब दुआ कर रहा है। पढ़ें पूरी खबर...

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Sat, 10 Jul 2021 10:09 PM (IST)Updated: Sat, 10 Jul 2021 10:09 PM (IST)
हाय रे! पांच दिन की नवजात बच्ची को जिंदा दफना रही थी मां, देखते ही कांप उठी लखीसराय की रूह, फिर...
मां की ममता को शर्मसार कर देने वाला मामला।

संवाद सहयोगी, लखीसराय। जिले से शनिवार की शाम ममता को शर्मसार कर देने वाली एक बड़ी घटना सामने आई है। शहर के वार्ड नंबर 15 पंजाबी मुहल्ला में लूटन पासवान के घर के नजदीक एक महिला अपनी ही नवजात बच्ची की हत्या करने के उद्देश्य से उसे दफना रही थी। स्थानीय लोगों ने जब उसे ऐसा करते देखा, तो उन्होंने तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दी।

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स्थानीय लोगों ने देखा कि महिला अपनी मासूम बच्ची को लिए गड्ढा खोद रही है। बच्ची जोर-जोर से चिल्ला रही थी। महिला अपशब्द भी बक रही थी। इसके बाद लोगों ने पुलिस को सूचित किया। सूचना मिलते ही पुलिस ने सक्रियता के साथ मौके पर पहुंच महिला को हिरासत में ले लिया। 

कबैया थाना की पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए नवजात बच्ची को सदर अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवाया। थानाध्यक्ष राजीव कुमार ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि बरामद नवजात बच्ची को देखने से लगता है कि उसका जन्म पांच-छह दिन पहले ही हुआ है। उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 

थानाध्यक्ष ने बताया कि बच्ची की मां उसकी हत्या करने के नीयत से जमीन में दफना रही थी। मोहल्ले के लोगों की सूचना पर बच्ची को बचा लिया गया। पुलिस महिला से पूछताछ कर रही है। पुलिस की पूछताछ में महिला कुछ भी नहीं बता रही है। वह खुद की मानसिक रूप से कमजोर रहने जैसी हरकत कर रही है। मोहल्ले के लोग उक्त महिला को नहीं पहचान पा रहे हैं। थानाध्यक्ष ने बताया कि अब तक की जांच में यह जानकारी मिली है कि महिला किराए के मकान में रहती है। बच्ची वैध है या अवैध इसकी पड़ताल की जा रही है। महिला अपने पति का नाम भी नहीं बता रही है, पूछताछ जारी है।

बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ

केंद्र सरकार ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा देते हुए कई जन जागरूकता कार्यक्रम चलाए हैं। कई तरह की कथनी हमारे बीच रचनात्मक ढंग से पेश की जाती रहीं हैं। बावजूद इसके, इस तरह के मामले सामने आते हैं, जो चिंता का विषय हैं। बेटियां बेटों से कम नहीं होती हैं। बेटा-बेटी में अंतर समझने वाले लोगों को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि बेटियों को बेटा मानकर उसकी परविश करेंगे, तो आने वाले कल में वो बेटों से ज्यादा उन्नति करेंगी। ऐसे कई उदाहरण भी आज चरितार्थ हो रहे हैं।


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