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Road accident : पांच माह में जिले में 90 से ज्यादा मौतें

जिले के 10 ऐसे इलाके हैं जहां सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। इनमें नवगछिया से गुजरने वाले नेशनल और स्टेट हाईवे पर सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं होती हैं।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Wed, 20 May 2020 12:15 PM (IST)Updated: Wed, 20 May 2020 12:15 PM (IST)
Road accident : पांच माह में जिले में 90 से ज्यादा मौतें
Road accident : पांच माह में जिले में 90 से ज्यादा मौतें

भागलपुर [बलराम मिश्रा]। रफ्तार का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। एनएच और बाइपास सड़क लोगों के लिए काल बनी हुई है। भागलपुर और नवगछिया पुलिस जिला में वर्ष 2020 में अब तक 90 से ज्यादा लोगों की मौत सड़क हादसों में हो चुकी है। दो सौ से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। मंगलवार को नवगछिया में हुआ हादसा भी तेज रफ्तार का ही नतीजा है। सड़कों पर वाहनों की रफ्तार पर कोई लगाम नहीं है। इस कारण अक्सर बड़े हादसे हो रहे हैं। कई बार इसे रोकने के प्रयास हुए, लेकिन इस पर अंकुश नहीं लग पाया है।

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जिले में सड़क दुर्घटना

2016 में 179 मौतें

2017 में 189 मौतें

2018 में 254 मौतें

2019 में 225 मौतें

इन इलाकों में ज्यादा दुर्घटनाएं

जिले के 10 ऐसे इलाके हैं जहां सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। इनमें नवगछिया से गुजरने वाले नेशनल और स्टेट हाईवे पर सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं होती हैं। इससे सटे गांव के लोग अक्सर तेज रफ्तार का शिकार होते हैं। इसके अलावा जिले में विक्रमशिला सेतु, जीरोमाइल, बाइपास, सबौर, जगदीशपुर, कहलगांव, पीरपैंती, लोदीपुर, कहलगांव, सुल्तानगंज और घोघा में भी आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं।

इस साल होने वाली बड़ी सड़क दुर्घटनाएं

06 जनवरी को सबौर के मसाढ़ू पुल के समीप सड़क दुर्घटना में दो लोगों की मौत।

07 मार्च को बाइपास रोड पर ट्रक ने दो होमगार्ड समेत चार को रौंद दिया था।

06 मार्च को कहलगांव इलाके में दुर्घटना में दो लोगों की मौत।

10 मार्च को रसलपुर इलाके में हुई सड़क दुर्घटना में तीन लोगों की मौत।

11 मार्च को नारायणपुर में एनएच-31 पर दुर्घटना में दो लोगों की मौत

02 मई को खरीक स्थित एनएच-31 पर पिकअप और ट्रक की टक्कर में चार लोगों की मौत। सभी प्रवासी थे।

चार लाख रुपये मुआवजे का प्रावधान

सड़क दुर्घटना होने वाली मौत पर चार लाख मुआवजे का प्रावधान है। इसकी कार्यवाही संबंधित प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा की जाती है। पीडि़त परिवारों को तत्कालतीन हजार रुपये कबीर अंत्येष्टि और 20 हजार रुपये मुआवजा के रूप में देने का प्रावधान है।

जागरुकता के नहीं कोई उपाय

बाइपास व एनएच पर जागरुकता का कोई उपाय भी नहीं है। साल में एक बार ही जागरूकता के लिए अभियान चलाए जाते हैं, जो महज प्रशासनिक खानापूरी होती है। इस पर लगाम के लिए सड़क किनारे जागरुकता होर्डिंग भी न के बराबर दिखती है।

सड़क पर भारी वाहनों की रफ्तार पर लगाम लगाने के लिए जागरुकता अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए पुलिस को निर्देशित किया जाएगा। ताकि आबादी वाले क्षेत्रों में भारी वाहनों की रफ्तार अनियंत्रित न हो सके। - आशीष भारती, एसएसपी भागलपुर


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