JLNMCH में वायरल फीवर के 100 से ज्यादा मरीज, बच्चों भी हो रहे भर्ती, बचाव के लिए करें यह उपाय
भागलपुर में वायरल फीवर के मरीजों की संख्या में कमी नहीं। जेएलएनएमसीएच के आउटडोर विभाग में प्रतिदिन सौ से ज्यादा मरीज आ रहे इलाज करवाने। चर्म रोग और गले में दर्द की शिकायत करने वाले ज्यादा मरीज शामिल हैं।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। वायरल फीवर के मरीजों की संख्या में कमी नहीं आ रही है। हालांकि ठंड और कोरोना संक्रमण की वजह से जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल के आउटडोर विभाग में इलाज करवाने वाले मरीजों की संख्या में कमी लगभग दो सप्ताह से आई है। पहले जहां 15 सौ मरीजों का इलाज किया जाता था, अब चार सौ से लेकर सात सौ तक संख्या रह गई है। इनमें वायरल फीवर, चर्म रोग और गले में दर्द की शिकायत करने वाले ज्यादा मरीज शामिल हैं।
वायरल फीवर से बच्चे और वयस्क दोनों शामिल हैं। प्रतिदिन आउटडोर विभाग में एक सौ से ज्यादा मरीज इस बीमारी से पीडि़त होकर इलाज करवाने आते हैं। यही स्थिति शिशु रोग विभाग की भी है। 40 बच्चों में 15 से 20 बच्चे वायरल फीवर के हैं। हालांकि इन्हें अस्पताल से पारसीटामोल का सीरप नहीं मिल रहा है। इसके अलाव चर्म रोग के मरीज भी बढ़े हैं। ज्यादातर फंग्ल इंफेक्शन के मरीज इलाज करवाने आ रहे हैं। विभाग के अध्यक्ष डा. राजीव रंजन ने कहा कि ठंड के मौसम में एलर्जी की वजह से चर्म रोग हो रहे हैं। वहीं डा. धर्मेद्र कुमार ने कहा कि गले की खरास और ठंड में परहेज नहीं करने की वजह से गले में दर्द की शिकायत लेकर मरीज इलाज करवाने आ रहे हैं।
प्रतिदिन तीन हजार किए जा रहे आरटीपीसीआर जांच
मेडिकल कालेज के लैब में प्रतिदिन करीब तीन हजार आरटीपीसीआर की जांच की जाती है। कई लोगों की यह शिकायत है कि जांच रिपोर्ट विलंब से मिलने की वजह से उन्हें जानकारी नहीं मिलती की वे संक्रमित हैं अथवा नहीं। इस स्थति में परिवार के सदस्यों को भी संक्रमित होने की संभावना रहती है। जांच रिपोर्ट तीन से चार दिनों में मिल रहा है। हालांकि माइक्रोबायलाजी विभाग के प्रभारी डा. आसिफ ने दावा किया है कि 24 घंटे में जांच रिपोर्ट दे दी जाती थी। पहले टेक्नीशियन की कमी की वजह से सैंपल का जांच विलंब से होता था। लेकिन लैब टेक्नीशियनों की नियुक्ति के बाद पिछले तीन दिनों से 24 घंटे में जांच रिपोर्ट दी जा रही है। प्रतिदिन करीब तीन हजार सैंपल के जांच किए जा रहे हैं। भागलपुर जिले का 18 सौ और कटिहार जिले का 12 सौ सैंपल शामिल हैं। सैंपल की संख्या में भी कमी आई है। पहले करीब चार हजार सैंपल जांच के लिए भेजे जाते थे।