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यह कैसी व्यवस्था : चार वर्षों में भी पूरी नहीं हुई फर्जी शिक्षकों की निगरानी जांच

जिला शिक्षा विभाग अब तक 1500 नियोजित शिक्षकों का शैक्षणिक प्रमाण पत्र जांच के लिए उपलब्ध नहीं कराया पाया है। उन्हें पत्र प्रेषित कर शेष बचे कागजात की जांच के लिए मांग की गई है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Tue, 06 Nov 2018 06:32 PM (IST)Updated: Tue, 06 Nov 2018 06:32 PM (IST)
यह कैसी व्यवस्था : चार वर्षों में भी पूरी नहीं हुई फर्जी शिक्षकों की निगरानी जांच
यह कैसी व्यवस्था : चार वर्षों में भी पूरी नहीं हुई फर्जी शिक्षकों की निगरानी जांच

भागलपुर (जेएनएन)। जिले में नियुक्त हुए 8186 नियोजित शिक्षकों की शैक्षणिक एवं प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों की निगरानी जांच चार वर्षों में भी पूरी नहीं हो सकी। जांच की धीमी रफ्तार से जिले में फर्जी शिक्षकों की बल्ले-बल्ले है।

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इस संबंध में निगरानी इंस्पेक्टर एसके सरोज ने बताया बताया कि जिला शिक्षा विभाग अब तक 1500 नियोजित शिक्षकों का शैक्षणिक एवं प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्र जांच के लिए उपलब्ध नहीं कराया पाया है। इसके लिए कई बार उन्हें पत्र प्रेषित कर शेष बचे कागजात की जांच के लिए मांग की गई है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ भी इसको लेकर बैठक हुई है।

निगरानी इंस्पेक्टर ने कहा कि बिहार बोर्ड को भी दर्जनों शिक्षकों का शैक्षणिक एवं प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्र जांच के लिए भेजा गया है। पर वहां की भी कार्य संस्कृति इतनी धीमी है कि अभी तक उसकी जांच पूरी कर प्रमाण पत्र वापस नहीं लौटाया जा सका है। यहीं कारण है कि बीते चार वर्षों में हाइकोर्ट के निर्देश के बाद भी नियोजित शिक्षकों की नियुक्ति मामले की जांच पूरी नहीं हो पाई है।

इधर जिला शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार डीपीओ स्थापना ने सभी बीईओ के साथ बैठक कर जांच के लिए लंबित नियोजन फोल्डर को पंचायत नियोजन इकाई से प्राप्त कर तत्काल जमा करने का निर्देश दिया है।


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