Mini Gun Factory : इनायतुल्ला अंसारी का महफूज ठिकाना था भागलपुर का यह गांव
Mini Gun Factory इनायतुल्ला अंसारी मुंगेर से हथियार कारीगरों को बुलाकर भागलपुर में हथियार बनाता था। पुलिस ने चकदरिया गांव में मिनी गन फैक्ट्री का उद्भेदन किया है। यह गांव इनायतुल्ला अंसारी के लिए सुरक्षित था। पुलिस को भनक लगते ही कार्रवाई की।
भागलपुर, जेएनएन। चकदरिया गांव में पुलिस की दबिश में मंगलवार को पकड़ी गई मिनी गन फैक्ट्री छोटी सफलता मानी जा रही है। चर्चा है कि पुलिस के आने की भनक संचालक को लग चुकी थी। वहां तैयार हथियारों की बड़ी खेप को हटा दिया गया था। चकदरिया गांव कभी इनायतुल्ला अंसारी का महफूज ठिकाना हुआ करता था। यहीं से शहरी और मुफस्सिल क्षेत्र में सक्रिय गुर्गों को ऑपरेट करता था। कोलकाता में उसकी हत्या के बाद उसके गिरोह से जुड़े अपराधी अभी भी इलाके में शरण लेते हैं।
अंग नगरी में हथियारों की आमद की कहानी 80 के दशक में जोर पकड़ी थी। तब इनायतुल्ला के बुलावे पर मुंगेर से हथियार बनाने वाले कारीगर चकदरिया गांव आए थे। उस समय भागलपुर में अंसारी और सल्लन गिरोह के बीच गैंगवार चरम पर था। पुलिस की दबिश बढ़ी तो अंसारी ने चकदरिया गांव को ठिकाना बना लिया था। सल्लन गिरोह को शिकस्त देने के लिए मुंगेर के बरधे गांव से कारीगर को बुलाया गया था। चकदरिया गांव में अठरकी, सिक्सर के अलावा बंदूक और राइफल तैयार कर गिरोह को मजबूत किया था। तब सल्लन ने नालंदा से पिस्टल और कारबाइन मंगाकर अंसारी गिरोह को शहरी क्षेत्र से खदेड़ दिया था।
1980 से ही पकड़ी जा रही हथियारों की बड़ी खेप
भागलपुर सहित आसपास के जिलों में हथियारों की आमद की कहानी 80 के दशक से है। इनायतुल्ला के बुलावे पर मुंगेर से अवैध हथियार बनाने वाले कारीगर चकदरिया गांव आए थे। उस समय भागलपुर में अंसारी और सल्लन गिरोह के बीच गैंगवार था। शहरी इलाकों में सल्लन तो मुफस्सिल में अंसारी की तूती बोला करती थी। लगातार एक-दूसरे गिरोह के लोगों को निशाना बना रहे थे। हर रोज एक दूसरे गिरोह के चार-पांच शूटर निशाना बना दिये जा रहे थे। गैंगवार से पुलिस की नींद हराम थी। पुलिस की डर से भौगौलिक दृष्टि से कई इलाके से जुड़े चकदरिया गांव को अंसारी ने ठिकाना बना लिया था।