कदाचारमुक्त परीक्षा का बना रिकार्ड, एक भी निष्कासित नहीं
इस बार प्रशासन और शिक्षा विभाग की कड़ाई के कारण मैट्रिक परीक्षा के दौरान जिले में एक भी परीक्षार्थी निष्कासित नहीं हुए।
भागलपुर। इस बार प्रशासन और शिक्षा विभाग की कड़ाई के कारण मैट्रिक परीक्षा के दौरान जिले में एक भी परीक्षार्थी निष्कासित नहीं हुए। जिले के 57 केंद्रों पर परीक्षा पूरी तरह शांतिपूर्ण रही, जबकि 2019 में मैट्रिक की परीक्षा में आधा दर्जन परीक्षार्थी निष्कासित हुए थे। सोमवार को दोनों पालियों में 23 परीक्षार्थी गैरहाजिर रहे।
परीक्षा नियंत्रक प्रभारी सुनील कुमार मंडल ने बताया कि इंटर में कुछ परीक्षार्थी निष्कासित भी हुए थे, लेकिन मैट्रिक में एक भी परीक्षार्थी निष्कासित नहीं हुए।
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6957 परीक्षार्थी नहीं बैठ सके परीक्षा में
इस बार मैट्रिक की परीक्षा में 45,261 हजार छात्र-छात्राओं को शामिल होना था। लेकिन, इसमें से 6957 परीक्षार्थी गैरहाजिर रहे। कुल मिलाकर 38,304 हजार परीक्षार्थी ही परीक्षा में शामिल हुए। परीक्षा छोड़ने की दो वजह सामने आ रही है। एक तो बोर्ड की परीक्षा में कदाचार नहीं हो रहा है। दूसरी तरफ कई ऐसे भी छात्र है जो सीबीएसई और बिहार बोर्ड दोनों का फॉर्म भरते हैं। शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मानें तो हर वर्ष चार से पांच हजार छात्र गैरहाजिर होते हैं।
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बोर्ड समाप्त अब दो साल बाद इंटर का टेंसन
भागलपुर। जिले के 57 केंद्रों पर 17 फरवरी से चल रहे मैट्रिक की परीक्षा सोमवार समाप्त हो गई। परीक्षा समाप्त होते ही केंद्रों पर खुशी का माहौल दिखा। मोक्षदा बालिका गर्ल्स हाई स्कूल, दुर्गा चरण हाई स्कूल, इंटर बालिका विद्यालय केंद्र से ऐच्छिक विषय की परीक्षा देकर निकली रोशनी, प्रियंका, स्नेहा, और कोमल ने कहा कि आज परीक्षा का बोझ समाप्त हो गया है। सभी एक दूसरे के गले मिल खुशियों का इजहार कर रहे थे। सभी ने कहा कि अब दो साल बाद इंटर का टेंसन है। परीक्षार्थियों ने कहा कि सभी पेपर अच्छे गए। 85 से 90 फीसद से अंक आने की उम्मीद है। वहीं, जिला स्कूल केंद्र से छात्र शोर मचाते बाहर निकले। केंद्रों पर खड़े उनके साथियों ने गुलाल भी उड़ाया।