ई टिकट का अवैध सॉफ्टवेयर बेचने वाला सरगना पकड़ा गया
रेल ई- टिकट का अवैध सॉफ्टवेयर (भारत में बैन) बेचने वाले मुख्य सरगना नाजिम आलम को भागलपुर आरपीएफ ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया।
भागलपुर । रेल ई- टिकट का अवैध सॉफ्टवेयर (भारत में बैन) बेचने वाले मुख्य सरगना नाजिम आलम को भागलपुर आरपीएफ ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया। नाजिम मोतिहारी जिले के ढाका थाना क्षेत्र स्थित गम्हरिया का रहने वाला है। पूछताछ के क्रम में उसने चौकाने वाली जानकारी दी। नाजिम का संबंध सूबे के अलावा देश के कई राज्यों में पैनल विक्रेता से भी है। आतंकी फंडिग मामले में बेंगलुरु में जेल काट रहे गुलाम मुस्तफा से भी संबंध जोड़कर देखा जा रहा है। पूछताछ में नाजिम ने बताया कि वह धंधे में 2018 से जुड़ा हुआ है। आरपीएफ इंस्पेक्टर अनिल कुमार ने बताया कि नदीम से कई अहम जानकारियां मिली है। उस पर कार्य किया जा रहा है। शुक्रवार को जेल भेजा जाएगा। भागलपुर में कुछ दिन पूर्व पकड़े गए दीपक की निशानदेही पर भागलपुर आरपीएफ ने कार्रवाई की। -------------------------------- एनजीइटी, तत्काल प्लस एक्सटेंश और रेड बुल सॉफ्टवेयर बेचता था
आरपीएफ इंस्पेक्टर ने बताया कि छह नवंबर- 2020 को भागलपुर के लोदीपुर थाना के धुरिया गांव से अवैध तरीके से ई टिकट बनाने के मामले में दीपक कुमार को गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ के क्रम में उसने अवैध सॉफ्टवेयर बेचने वाले नाजिम का नाम बताया था। दीपक ने उस वक्त नाजिम का मोबाइल नंबर और पेटीएम एकाउंट दिया था। आरपीएफ की टीम इसके बाद नंबर और एकाउंट की मॉनिटरिग कर रही थी। इसके बाद नाजिम को सम्मन भेजा गया था। गुरुवार को भागलपुर आरपीएफ पोस्ट पर पूछताछ की गई तो उसने भारत में बैन तीनों सॉफ्टवेयर को बेचने की बात कही। इंस्पेक्टर ने बताया कि अवैध तरीके से ई-टिकट काटने वाले लोगों को नाजिम सॉफ्टवेयर बेचता था। लॉकडाउन से पहले एनजीईटी सॉफ्टेवर को ब्लॉक कर दिया गया था, फिर स्पेशल ट्रेनों को परिचालन फिर से शुरू होने के बाद वह सॉफ्टवेयर का उपयोग तत्काल टिकटों के लिए करने लगा था और क्यूआर कोड के माध्यम से राशि का भुगतान कर रहा था।
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2020 से अबतक देश के 27 लोगों को बेच चुका है सॉफ्टवेयर
नाजिम आलम का रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है। अवैध तरीके से ई टिकट बनाने वाले लोगों से नाजिम का किस तरह का संबंध है। इस एंगल जांच की जा रही है। नाजिम ने 2020 से लेकर अब तक बिहार और देश के कई अन्य राज्यों में सक्रिय ई-टिकट गिरोह के 27 लोगों को सॉफ्टवेयर बेचा है। आरपीएफ एक टीम इससे पूछताछ कर रही है।
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पड़ोसी देश तक है मजबूत रिश्ते, मोतिहारी से संचालन
नाजिम की पड़ोसी देश नेपाल में भी मजबूत नेटवर्किंग है। मोतिहारी में बैठे-बैठे पूरा काम संभाल रखा था। इसके अलावा मुंबई, बेंगलुरु, दिल्ली और उत्तर बिहार, पूर्वी बिहार, कोसी-सीमांचल में गहरी पैठ है। नेटवर्किंग काफी मजबूत होने की वजह से पैनल सेलर से मधुर संबंध है। इसके पास मिले मोबाइल में ई-टिकट के अवैध धंधे से जुड़े लोगों का ग्रुप भी मिला है। नाजिम का सॉफ्टवेयर आइआरसीटीसी की साइट से काफी तेज है। आरपीएफ के मंडल और जोन के वरीय अधिकारी भी भागलपुर आरपीएफ की इस कामयाबी से संतुष्ट हैं।