प्रवासियों का राजनीतिक इस्तेमाल करने में जुटे माओवादी, कई जिलों में पैठ बढ़ाने की कोशिश
पूर्व बिहार के चार जिले जमुई लखीसराय बांका और मुंगेर जंगलों-पहाड़ों से घिरे हैं। प्रवासियों पर इसकी अब नजर है। उसका राजनीतिक इस्तेमाल की संभावना है।
भागलपुर [संजय सिंह]। लॉकडाउन के दौरान बिहार और झारखंड में लौटे मजदूरों के बीच माओवादी अपनी पैठ बढ़ाने में लगे हैं। इनका इस्तेमाल वे हथियारबंद दस्ते के रूप में नहीं, बल्कि राजनीतिक रूप से करने की साजिश रच रहे हैं। नक्सली वर्ष 2000 तक तरह अपने संगठन को फिर से मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। नक्सलियों की इस नई साजिश से पुलिस महकमे के आलाधिकारी भी सकते में हैं। नक्सली अपनी नई कमेटी के माध्यम से लोगों के बीच सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं।
पूर्व बिहार के चार जिले जमुई, लखीसराय, बांका और मुंगेर जंगलों-पहाड़ों से घिरे हैं। यहां पिछले दो दशकों में नक्सलियों की धमक कुछ कम हुई है। जमुई में नक्सलियों के प्रमुख नेता सिदो कोड़ा, चिराग व दिनेश पंडित पुलिस मुठभेड़ के दौरान मारे गए। बांका में नेपाली यादव, जमुई में रीना और मुंगेर में सुनील कोड़ा के पकड़े जाने के बाद संगठन की स्थिति कमजोर हो गई है। इस इलाके के सबसे बड़े नक्सली नेता प्रवेश को भी जमुई से पकड़़ा गया था। हालांकि, झारखंड के गिरीडीह में न्यायालय जाने के दौरान अपने साथियों की मदद से प्रवेश भागने में सफल रहा। लखीसराय से भी कुख्यात नक्सली बालेश्वर कोड़ा की पत्नी मरनी देवी को पकड़ा गया। लगातार अद्र्धसैनिक बलों और बिहार पुलिस की सक्रियता के कारण नक्सलियों की जड़ें कमजोर हुई है। लॉकडाउन के बाद गांव लौटे प्रवासियों के समक्ष बेरोजगारी बड़ी समस्या बनकर उभरी है। इसी का फायदा उठाकर नक्सली उन्हें अपने संगठन के साथ जोडऩे के लिए विशेष अभियान चला रहे हैं। इसके लिए नारी मुक्ति संघ, महिला संघ, क्रांतिकारी किसान समिति जैसे संगठन बनाए गए हैं। ये संगठन इलाके में अपनी पकड़ मजबूत करने के साथ-साथ चुनावी मौसम में इसका राजनीतिक इस्तेमाल करने की कोशिश में हैं।
फिलहाल, किसी प्रवासी को हथियारबंद दस्ते में शामिल करने की योजना नहीं है। जब विचारधारा के प्रभाव में आकर संगठन से जुडऩे वाले लोगों की संख्या बढ़ जाएगी तो इन्हीं में से कुछ लोगों को चुनकर हथियारबंद दस्ते में शामिल किया जाएगा। सीधे तौर पर कोई प्रवासी हथियारबंद दस्ते में अभी शामिल होना नहीं चाह रहा। नक्सलियों ने अपने इलाके में चल रहे विकास कार्यों से कुछ प्रवासी बेरोजगारों को रोजगार दिलाने में भी सफलता पाई है। मुंगेर प्रमंडल के एक वरीय पुलिस अधिकारी ने नक्सलियों की नई साजिश की जानकारी मुख्यालय को उपब्लध करा दी है।