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TMBU : हिन्दी, संस्कृत सहित कई क्षेत्रीय भाषाओं की पढ़ाई होगी बंद, जानिए वजह Bhagalpur News

तिलकामांझी भागलपुर विवि अंतर्गत कॉलेजों में अभी स्नातक की कक्षा में ऑनलाइन नामांकन के लिए आवेदन लिए जा रहे हैं। नामांकन की प्रक्रिया जुलाई माह में प्रारंभ हुई है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Wed, 28 Aug 2019 11:20 AM (IST)Updated: Wed, 28 Aug 2019 02:03 PM (IST)
TMBU : हिन्दी, संस्कृत सहित कई क्षेत्रीय भाषाओं की पढ़ाई होगी बंद, जानिए वजह Bhagalpur News
TMBU : हिन्दी, संस्कृत सहित कई क्षेत्रीय भाषाओं की पढ़ाई होगी बंद, जानिए वजह Bhagalpur News

भागलपुर [जेएनएन]। निजी स्कूल, कोचिंग संस्थाएं सहित सरकारी स्कूलों से प्लस टू या इंटर पास किए छात्र हिन्दी सहित क्षेत्रीय भाषाओं में नामांकन नहीं लेना चाहते हैं। तिलकामांझी भागलपुर विवि अंतर्गत कॉलेजों में अभी स्नातक की कक्षा में ऑनलाइन नामांकन के लिए आवेदन लिए जा रहे हैं। नामांकन की प्रक्रिया जुलाई माह में प्रारंभ हुई है। अगस्त समाप्त होने वाला है, अभी भी कॉलेजों में 30 हजार से अधिक सीटें खाली हैं। ऑनलाइन प्रक्रिया में जो आवेदन भरे जा रहे हैं उसका आकलन भी किया जा रहा है। जिस अनुपात में कॉलेजों के पास कला के कुछ विषय और हिन्दी सहित क्षेत्रीय भाषाओं में सीटें हैं, उसकी तुलना में छात्रों के आवेदन जमा नहीं हो रहे हैं। अनुमान है कि इन विषयों में 15 हजार से अधिक सीटें बिना नामांकन के रह जाएंगी। उर्दू, मैथिली, परसियन, बंगला, संस्कृत और हिन्दी विषयों में छात्रों की रूचि घट गई है। इसके अलावा आइआरपीएम, ग्रामीण अर्थशास्त्र, दर्शन शास्त्र की स्थिति भी इसी तरह है। कॉलेजों में अब ये विषय अलोकप्रिय हो गए हैं।

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संस्कृत में साढ़े तीन हजार सीटें खाली

सीसीडीसी डॉ. केएम सिंह ने बताया कि संस्कृत में अब तक साढ़े तीन हजार और उर्दू में ढाई हजार सीटें खाली हैं। विज्ञान संकाय में आने वाला सांख्यिकी विषय की भी यही स्थिति है। उन्होंने बताया कि स्नातक में नामांकन करने वाले छात्रों को 28 अगस्त तक अवसर दिया गया है। दो दिनों में नामांकन के लिए जिनके आवेदन ऑनलाइन जमा होंगे, उन्हीं आवेदनों पर विचार किया जाएगा। इसकी तुलना में इतिहास, राजनीति शास्त्र, मनोविज्ञान सहित विज्ञान संकाय के विषयों में नामांकन के लिए कॉलेजों पर काफी दवाब है। राजभवन के निर्देश पर कॉलेजों में ऑनलाइन नामांकन की प्रक्रिया को इस वर्ष से सख्ती से लागू किया गया है। इसी वजह से ऐसे अलोकप्रिय विषयों के संदर्भ में जानकारी मिल रही हैं। विवि के एक अधिकारी ने कहा कि कई कॉलेजों में कुछ ऐसे विषय हैं जहां छात्र से अधिक शिक्षक हैं। जब कॉलेजों में छात्र नहीं होंगे तो इन विषयों में पढ़ाई बंद हो जाएगी। भविष्य में ऐसे विषयों के शिक्षकों के समक्ष विकट स्थिति आने वाली है।


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