तिलकामांझी की जयंती : स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों के छक्के छुड़ाने वाले इस शहीद किया याद Bhagalpur News
भागलपुर जिले में शहीद तिलकामांझी की 270वीं जयंती को धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर तिमांविवि में भी कई कार्यक्रम हुए।
भागलपुर, जेएनएन। शहीद तिलकामांझी की 270वीं जयंती को धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) के सीनेट हॉल में समारोह का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता करते हुए प्रतिकुलपति डॉ. रामयतन प्रसाद ने कहा विश्वविद्यालय परिसर में अमर शहीद तिलकामांझी की आदमकद प्रतिमा जल्द स्थापित की जाएगी।
प्रतिकुलपति ने माखनलाल चतुर्वेदी की रचना मुझे तोड़ लेना बनमाली का उदाहरण देते हुए तिलकामांझी को नमन किया। डीएसडब्ल्यू डॉ. योगेंद्र ने उनके जीवन से प्रेरणा लेने का करने का आह्वान किया। कुलानुशासक डॉ. विलक्षण रविदास ने स्वतंत्रता संग्राम में तिलकामांझी के ऐतिहासिक, सामाजिक और राजनीतिक योगदान की चर्चा की।
मानविकी संकायाध्यक्ष डॉ. बहादुर मिश्र और डॉ. रेखा सिन्हा ने भी विचार रखे। इस मौके पर भुस्टा अध्यक्ष डॉ. डीएन राय, पीआरओ प्रो. शंभू दत्त झा एवं विवि के शिक्षकों के अलावा बड़ी संख्या में शिक्षणेतर कर्मचारी मौजूद थे। कुलसचिव अरुण कुमार सिंह ने धन्यवाद देते हुए कहा कि तिलकामांझी और राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की प्रतिमा के ऊपर शेड लगाने की कवायद शुरू कर दी गई है। संचालन डॉ. किसन कालजयी कर रहे थे।
पारंपरिक नृत्य के बाद तीर-धनुष के साथ प्रभात फेरी
तिलकामांझी आदिवासी विकास समिति और नागरिक विकास समिति की ओर से प्रभातफेरी निकाली गई। प्रभातफेरी तिलकामांझी चौक से निकलकर कचहरी चौक, नगर निगम होते हुए वापस तिलकामांझी चौक पर पहुंची। प्रभातफेरी में आदिवासी समाज के लोग तीन-धनुष लेकर चल रहे थे।
बैंड-बाजे के साथ सभी पारंपरिक नृत्य पर झूमते हुए अमर शहीद तिलकामांझी जय के नारे लगा रहे थे। लोगों ने तिलकामांझी चौक स्थित प्रतिमा पर पुष्प चढ़ाया और माल्यार्पण किया। नागरिक विकास समिति के प्रधान सलाहकार रमण कर्ण ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में तिलकामांझी की अहम भूमिका थी। अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ उन्होंने आवाज बुलंद की थी। इस दौरान नीरज जायसवाल, सत्यनारायण प्रसाद, आनंद श्रीवास्तव, बी हेंब्रम, एस टूडू, जय मरांडी सहित कई लोग मौजूद थे।
दीये जलाकर दी श्रद्धांजलि
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने तिलकामांझी चौक पर मंगलवार को 270 दीये जलाकर श्रद्धांजलि दी। प्रदेश अध्यक्ष प्रो. शैलेश प्रसाद ने कहा कि देश को अंग्रेजी हुकूमत से मुक्ति दिलाने के लिए तिलकामांझी ने सक्रिय भूमिका निभाई थी। प्रदेश कार्यसमिति सदस्य कुणाल पांडेय ने उनकी जीवनी पर प्रकाश डाला। इस मौके पर रोहित राज, अनु, मेघा, गौरव चौरसिया, आदित्य राज, मुकुल झा, हर्ष राज, ऋषव पांडेय, गोपाल, कृष्ण मुरारी, आनंद, राजन जायसवाल, अमृता सिंह, गौरव, बलराम, रजनीश, रूद्रप्रताप, अमन जायसवाल, पुष्पनिति सिंह अंकिता साह, स्वाति और दीपक सहित कई कार्यकर्ता थे।