बच के रहना रे बाबा...
सावधान रहिए जनाब, शहर के कई चौराहों पर रूपहले पर्दे के सितारों की होर्डिंग लगी दिखे तो झांसे में मत आइए। आ गए तो जेब ढीली होना तय है। कुछ संगठन रातोंरात जीवित हो जा रहे हैं।
भागलपुर [संजय कुमार]। चचा बुदबुदाने के साथ भड़क भी रहे थे। कब हीरोइनी आएगी। रुपये ले लिया और कुछ हुआ भी नहीं। चचा ही नहीं कई ऐसे लोग हैं जो शहर में हीरो और हिरोइनी का इंतजार कर रहे हैं। नागरिक भी इंतजार कर रहा था। कई दिन बीत गए लेकिन कोई हलचल नहीं। आखिर हो क्या रहा है। तहकीकात शुरू की तो पर्दे के पीछे का खेल समझ आया। खेल को बताना भी जरूरी है..।
सावधान रहिए जनाब, शहर के कई चौराहों पर रूपहले पर्दे के सितारों की होर्डिंग लगी दिखे तो झांसे में मत आइए। आ गए तो जेब ढीली होना तय है। कुछ संगठन रातोंरात जीवित हो जा रहे हैं। सबसे पहले वे अपने संगठन का नाम और संपर्क नंबर लिखकर शहर में होर्डिंग लगा कर खुद को विज्ञापित करते हैं। इसके बाद फिल्मी सितारों के आयोजन की होर्डिंग और बैनर लगाकर मार्केटिंग करते हैं।
फिर शुरू होता है खेल इंट्री पास के नाम पर वसूली का। शहर में लगी होर्डिंग को सही मानकर लोग इंट्रीपास खरीद ले रहे हैं और सपने देखने लगते हैं जैसे जैसे आयोजन की तिथि नजदीक आने लगती है उसके बाद संगठन के लोग यह फैलाने लगते हैं कि प्रशासन की अनुमति ही नहीं मिल पा रही है। बेचारे इंट्री पास खरीदने वाले इसी आस में रह जा रहे हैं आयोजन होगा और वे सितारों को नजदीक से देख पाएंगे।