वर्ष 2020 से उम्मीद : नए साल में उम्मीदों को मिलेगा मुकाम, विकास को लगेंगे पंख Bhagalpur News
2019 बीत गया। 2020 नई उम्मीदों को मुकाम मिलेगा। इस वर्ष भागलपुर में कई योजनाएं पूरे होंगे। फोरलेन बन जाएंगे। रलवे जंक्शन का भी कायाकल्प होगा।
भागलपुर, जेएनएन। 2019 बीत गया। 2020 नई उम्मीदों को मुकाम मिलेगा। जिले के विकास को पंख देने वाली दस योजनाएं पूरी हो जाएंगी। सड़कें चौड़ी होंगी। लोगों को जाम से राहत मिलेगी। भागलपुर और झारखंड का गोड्डा जिला सड़क मार्ग से सीधा जुड़ जाएंगे। दूरी भी कम हो जाएगी। भागलपुर से जमालपुर के बीच रेल सेवा सुगम हो जाएगी। जमालपुर में सुरंग बन जाने के बाद रतनपुर से जमालपुर के बीच ट्रैक दोहरीकरण का काम भी पूरा हो जाएगा। इससे अप और डाउन मार्ग पर ट्रेनों का परिचालन सामान्य हो जाएगा। एलएचबी यार्ड के बनने से भागलपुर में ट्रेन सुविधाएं बढ़ जाएंगी। भागलपुर-हंसडीहा के बीच फोर लेन सड़क और पुल बन जाने के बाद लोगों को इस मार्ग पर जाम से निजात मिल जाएगी। घोरघट में पुल का निर्माण होने से भागलपुर से मुंगेर, लखीसराय, पटना के लिए एनएच-80 होकर बड़ी गाडिय़ां चलने लगेंगी।
2020 में ये दस काम हो जाएंगे पूरे
1. भागलपुर-हंसडीहा फोरलेन : भागलपुर-हंसडीहा टू लेन सड़क अगले वर्ष फोरलेन हो जाएगा। इसकी स्वीकृति मिल गई है। जनवरी 2020 से काम शुरू होगा। इस काम में 17 एकड़ जमीन अधिग्रहण की जरूरत है। इसके लिए भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग ने स्वीकृति दे दी है। भागलपुर से झारखंड सीमा स्थित भलजोर तक करीब 63.6 किलोमीटर सड़क को फोरलेन बनाया जाएगा। सभी टू लेन पुल फोरलेन में बदले जाएंगे। यह काम फोरलेन रोड निर्माण परियोजना से होगा। इस परियोजना को न केवल मंजूरी मिली है, बल्कि डीपीआर भी स्वीकृत हो चुका है। करीब 1108 करोड़ की लागत से यह सड़क बनाई जाएगी।
2. बनेगा एलएचबी यार्ड : भागलपुर स्टेशन परिसर में 45 करोड़ रुपये से डिविजन का पहला एलएचबी यार्ड बनेगा। यार्ड हाईटेक होगा और यहां अत्याधुनिक उपकरणों से बोगियों के पार्ट-पुर्जों की मरम्मत होगी। यार्ड से सटे मालगोदाम के टेकानी शिफ्ट के बाद खाली जमीन पर इसे बनाया जाएगा। यार्ड निर्माण को लेकर वित्तीय वर्ष 2017-18 के बजट में ही 45 करोड़ रुपये बोर्ड ने स्वीकृत किए थे। इसका ठेका रेलवे में कंस्ट्रक्शन कार्य करने वाली पटना की डब्ल्यूपीओ कंपनी को दी गई है। अभी कैमटेक डिजाइन के दो वाशिंग पिट व एक डीप पिट हैं। डीप पिट में कैटवॉक नहीं है। एलएचबी कोच के मेंटेनेंस के लिए दो नई पीट लाइन का निर्माण किया जाना है।
3. दो और जेलों का होगा निर्माण : भागलपुर में दो और जेल बनकर तैयार हो जाएंगे। ओपन जेल और हाई सिक्योरिटी जेल का निर्माण होना है। सिक्योरिटी जेल केंद्रीय कारा परिसर में बनेगा। इसमें माओवादियों, दुर्दांत अपराधियों और उच्च सुरक्षा वाले बंदियों को रखा जाएगा। इसके लिए सरकार ने 56.72 करोड़ रुपये दिए हैं। जेल में सीसीटीवी, वीडियो रिकॉर्डिंग, तीन स्तरीय ऊंची चारदीवारी और पेट्रोलिंग ट्रैक का निर्माण होगा। बक्सर की तर्ज पर ओपन जेल बनेगा। जेल निर्माण के लिए भूमि का चयन हो चुका है। कैदी और उनके परिवारवालों के रहने के लिए फ्लैट्स बनाए जाएंगे।
4. वकीलों के लिए बनेगा चेंबर : व्यवहार न्यायालय भागलपुर में विधि व्यवसाय करने वाले अधिवक्ताओं को अपना चेंबर मिलेगा। अधिवक्ताओं के लिए बहुमंजिली इमारत बन जाएगी। यह अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगी। संचार सुविधाएं, प्रसाधन, पार्किंग और सुरक्षा आदि का पुख्ता इंतजाम भवन परिसर में होगा। भवन बन जाने के बाद वकीलों को जहां बैठने की सुविधा मिलेगी, वहीं मुलाकातियों को अपने वकील को खोजने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।
5. इको फ्रेंडली कोर्ट भवन : कहलगांव में अनुमंडल कोर्ट बनकर तैयार हो जाएगा। अभी यहां सिर्फ सिविल मुकदमों की सुनवाई होती है। दो ही न्यायिक अधिकारी हैं। नए साल में यहां 12 और जजों की पोस्टिंग होगी। 12 नए कोर्ट का गठन होगा। 23 करोड़ की लागत से नया कोर्ट भवन 1.2 एकड़ में बन रहा है। 12 जजों के लिए पांच करोड़ की लागत से जी प्लस टू आवास भी बनाया जा रहा है। इको फ्रेंडली कोर्ट भवन जी प्लस फोर यानी पांच मंजिला होगा। इसमें लिफ्ट की भी सुविधा रहेगी। कोर्ट भवन भूकंपरोधी होगा।
6. कहलगांव में बनेगा उपकारा : कहलगांव में उपकारा बनेगा। इसके लिए 15 एकड़ जमीन का भूअर्जन होगा। जमीन की खोज शुरू हो गई है। सरकार ने जमीन अधिग्रहण के लिए 14 करोड़ 85 लाख 41 हजार 848 रुपये का आवंटन दिया है। कहलगांव में उपकारा नहीं रहने से वहां के बंदियों को भागलपुर स्थित केंद्रीय व विशेष केंद्रीय कारा में रखना होता है। इसमें अलग-अलग खंडों का निर्माण होगा। करीब पांच सौ विचाराधीन कैदियों व बंदियों को रखने की व्यवस्था की जाएगी। नवगछिया अनुमंडल में पहले से उप कारा है। जिले में सिर्फ कहलगांव अनुमंडल ही है जहां अपना उपकारा नहीं है।
7. बन रहा रेलवे का दूसरी सुरंग : जमालपुर में रेलवे का दूसरा सुरंग बनकर तैयार हो जाएगी। सुरंग निर्माण का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। निर्माणाधीन सुरंग की लंबाई 903 फीट और चौड़ाई 20 फीट होगी। 35 करोड़ की लागत आएगी। भागलपुर-जमालपुर रेल खंड पर वर्तमान सुरंग के समानांतर दूसरी सुरंग निर्माण को लेकर पहाड़ की खुदाई की प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली गई है। सुरंग के निर्माण में ऑस्ट्रेलिया की नई तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। सुरंग को हॉर्स शू का आकार दिया जाएगा।
8. बन जाएगा घोरघट पुल : घोरघट के समीप एनएच-80 पर पुल बनकर तैयार हो जाएगा। एप्रोच पथ के लिए 25 रैयतों का 12.3 डिसमिल जमीन अधिग्रहण करने के लिए एनएचएआइ को जिला प्रशासन 93 लाख 27 हजार 764 रुपये का डिमांड किया है। एनएचएआइ से जिला भू-अर्जन को पैसा उपलब्ध होते ही रैयतों के बीच मुआवजे का वितरण कर जमीन अधिग्रहण शुरू किया जाएगा। 12 जुलाई 2006 को पुराने पुल के क्षतिग्रस्त होने के बाद उसके समानांतर नया पुल बनाया जा रहा है।
9. कम हो जाएगी गोड्डा की दूरी : भागलपुर से झारखंड के गोड्डा की दूरी कम हो जाएगी। सन्हौला-वैसा-हनवारा पथ पर बने पुल होकर आवागमन शुरू हो जाएगा। जिला भू-अर्जन की प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली है। 37 में से 33 रैयतों को मुआवजे की राशि दे दी गई है। करीब 20.50 करोड़ रुपये की लागत से 2015 में पुल का निर्माण पूरा हो गया। लेकिन पहुंच पथ के नहीं बनने से लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही है। भागलपुर से गोड्डा की दूरी करीब 70 किलोमीटर है। एप्रोच पथ बनने के बाद यह दूरी 25 किलोमीटर कम हो जाएगी।
10. सुल्तानगंज-अगुवानी पुल हो जाएगा चालू : सुल्तानगंज-अगुवानी के बीच गंगा नदी पर बनने वाले पुल का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। पुल निर्माण कार्य में तेजी को देखते हुए भू-अर्जन की प्रक्रिया भी तेज हो गई है। रैयतों को मुआवजा दिया जा रहा है। उम्मीद की जा रही है कि अगले वर्ष पुल बनने के साथ-साथ भू-अर्जन का काम पूरा हो जाएगा। 2020 के अंत तक सुल्तानगंज से अगुवानी के बीच सड़क मार्ग से यात्रा शुरू होने की संभावना है।