प्लाज्मा दान को आगे आ रहे लोग, चार और जताई इच्छा, जानिए क्या है प्लाज्मा थेरेपी
जिले में कोरोना वायरस को मात देने वाले कुछ लोगों ने प्लाज्मा दान देने पर सहमति जताई है। हालांकि यहां अभी प्लाज्मा थेरेपी की अनुमति नहीं दी है।
भागलपुर, जेएनएन। अभी जिले में प्लाज्मा थेरेपी से कोरोना मरीजों का इलाज शुरू नहीं हुआ है। आइसीएमआर ने इसकी अनुमति मेडिकल अस्पताल को नहीं दी है। इसके बाद भी ठीक होकर जा रहे कोरोना मरीज अपना प्लाज्मा देने के लिए आगे आ रहे हैं। दो सप्ताह के अंदर कोरोना से स्वस्थ्य हुए तीन दर्जन से अधिक लोगों ने इसकी सहमति दी है। रविवार को भी स्वस्थ हुए छह में से चार कोरोना मरीजों ने प्लाज्मा दान की सहमति दी।
टीचर्स ट्रेनिंग सेंटर के डॉ. अमित कुमार शर्मा ने बताया कि कोरोना निगेटिव पाई गई नीतू कुमारी, मान्यता कुमारी, प्रियंका कुमारी व अवधेश कुमार ने लिखित सहमति दी है कि भविष्य में दूसरे कोरोना मरीजों के लिए जब भी उनके प्लाज्मा की जरूरत होगी, वे दान के लिए उपलब्ध रहेंगे। सहमति देने वालों का ब्लड ग्रुप, नाम, पता व मोबाइल नंबर रजिस्टर में दर्ज किया गया है।
इस तरह होती है प्लाज्मा थेरेपी
डॉ. अमित कुमार शर्मा ने बताया कि कोरोना से पूरी तरह स्वस्थ्य होकर जा रहे लोगों के ब्लड में एंटीबॉडीज बन जाती हैं, जो उसे संक्रमण को मात देने में मदद करती हैं। स्वस्थ्य व्यक्ति के ब्लड से प्लाज्मा निकालकर संक्रमित व्यक्ति के शरीर में चढ़ाया जाता है। इसके लिए डोनर और संक्रमित का ब्लड ग्रुप एक होना चाहिए। प्लाज्मा चढ़ाने का काम विशेषज्ञों की निगरानी में किया जाता है। पैथोलॉजिस्ट डॉ. कुमार सुनीत ने बताया कि कोरोना से संक्रमित गंभीर मरीजों को प्लाज्मा चढ़ाया जाता है। जो मरीज कोरोना से स्वस्थ होते हैं उनकी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है। गंभीर मरीज को प्लाज्मा चढ़ाने से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ी है और स्वास्थ्य में लाभ होता है।
इसके पहले, कोरोना संक्रमण से स्वस्थ हुए पांच लोग प्लाज्मा दान करने के लिए अपनी सहमति दी थी। बुधवार को टीटीसी कोविड सेंटर में भर्ती स्वस्थ हुए नौ लोगों को छुट्टी हुई थी। इन लोगों से जब प्लाज्मा दान करने के लिए पूछा गया तो इनमें पांच लोगों ने सहमति जताई। इनमें भागलपुर, नाथनगर, सबौर, गोपालपुर और नवगछिया के लोग शामिल हैं। इनका कहना है कि अगर कोई मरीज उनके प्लाज्मा देने से स्वस्थ हो सकता है तो दान करने में हर्ज ही क्या है।
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