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खुफिया विभाग की रिपोर्ट : बिहार-यूपी के कई आपराधिक गिरोहों के पास नाटो के हथियार

इन घातक विदेशी हथियारों की उपलब्धता म्यांमार आर्मी की स्ट्राइक डिवीजन में पैठ बनाए हथियार तस्करों के जरिये हुई है। ये हथियार म्यांमार सेना इस्तेमाल करती है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Wed, 15 May 2019 11:15 AM (IST)Updated: Wed, 15 May 2019 04:17 PM (IST)
खुफिया विभाग की रिपोर्ट : बिहार-यूपी के कई आपराधिक गिरोहों के पास नाटो के हथियार
खुफिया विभाग की रिपोर्ट : बिहार-यूपी के कई आपराधिक गिरोहों के पास नाटो के हथियार

भागलपुर [कौशल किशोर मिश्र]। बिहार-उत्तर प्रदेश के कई आपराधिक गिरोहों को म्यांमार सेना में पैठ बनाए हथियार तस्कर घातक विदेशी हथियार बेच रहे हैं। इन आपराधिक गिरोहों के पास नाटो (नार्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन) की स्ट्राइक कोर में इस्तेमाल आने वाली एमए-आइ असाल्ट राइफल, एके-47 के अलावा एमआइ कारबाइन असाल्ट राइफल, एम 79 ग्रेनेड लांचर के बेचे जाने की जानकारियां खुफिया विभाग को मिली हैं।

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खुफिया सूत्रों के अनुसार इन घातक विदेशी हथियारों की उपलब्धता म्यांमार आर्मी की स्ट्राइक डिवीजन में पैठ बनाए हथियार तस्करों के जरिये हुई है। ये हथियार म्यांमार सेना इस्तेमाल करती है। 10 फरवरी 2019 को पूर्णिया जिले के बायसी में पकड़े गए विदेशी हथियारों की खेप के बाद चौकन्ना खुफिया विभाग को चौंकाने वाली जानकारी मिली है। इस आधार पर म्यांमार सीमा से सटे भारतीय इलाकों के अलावा सीमांचल और पूर्वी बिहार में हथियार तस्करी में लगे गिरोहों को दबोचने को अभियान चलाया जा रहा है।

बताया जा रहा है कि म्यांमार आर्मी और अराकान विद्रोही गुट में छिड़ी जंग का फायदा भी हथियार तस्कर उठाकर उनसे घातक विदेशी हथियार खरीद रहे हैं। म्यांमार के पलेटवा, मुलाव आदि क्षेत्र में म्यांमार आर्मी और अराकान विद्रोहियों में चले संघर्ष के बाद आर्मी की ज्यादती से सैकड़ों की संख्या में म्यांमार के लोग भारतीय सीमा में प्रवेश कर गए हैं। ऐसे लोगों के झुंड में अराकान विद्रोही गुट के भी कई सदस्य मिजोरम के जोचाछुआ और हावांगबुछुआ में शरण ले रखे हैं।

म्यांमार और भारत के बीच लगती सीमा के 16 किलोमीटर के फ्री जोन का भी फायदा उठाकर तस्कर वहां से घातक विदेशी हथियारों को भारतीय सीमा में ला रहे हैं। इन विदेशी हथियारों को बिहार के पूर्णिया, खगडिय़ा, भागलपुर, मुंगेर, मोकामा, लखीसराय, बेगूसराय, पटना, आरा, बक्सर, सिवान, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर के अलावा उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद, गोरखपुर, वाराणसी, आजमगढ़, जौनपुर आदि जिलों में सक्रिय आपराधिक गिरोहों को बेचा जा रहा है। भारी संख्या में एके-47, इंसास समेत अत्याधुनिक हथियारोंं के कारतूस भी तस्करों के जरिये इन आपराधिक गिरोहों को मुहैया कराए जाने की बात सामने आ रही है।

तीन माह पूर्व विदेशी हथियारों के साथ गिरफ्तार हुए थे तस्कर

म्यांमार से भारतीय सीमा में तस्करी के जरिये हथियार लाने वाले तस्करों में तीन की गिरफ्तारी 10 फरवरी 2019 को पूर्णिया के बायसी थाना क्षेत्र में हुई थी। इनके पास से विदेश निर्मित दो ग्रेनेड लांचर और एके-47 की 1800 गोलियां बरामद हुई थी। इन हथियारों को सफारी गाड़ी में बनाए गए गुप्त सेफ में रखा गया था। गिरफ्तार तस्करों में मणिपुर के संघशाक क्षेत्र निवासी क्लियरसन काबो, वीआर कोहोरनाम, क्लियरसन दोवो, उत्तर प्रदेश के गोरखपुर पिपराइच निवासी सूरज प्रसाद शामिल थे। इनकी शिनाख्त बाद आरा के बारप गांव निवासी मुकेश सिंह, जहानाबाद के मकदूमपुर टनकुप्पा निवासी त्रिपुरारी सिंह की भी गिरफ्तारी हुई थी। हथियार तस्करी की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआइए को यह केस सौंप दिया है।

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