Move to Jagran APP

घर सजे मंजूषा से : गुलजार रहा मंजूषा महोत्सव, लोक संगीत पर झूमे दर्शक, प्रशाल व स्टॉल में लगी भीड़ Bhagalpur News

मंजूषा पेंटिंग वाली साड़ी दुपट्टे हैंगिंग चादर कुशन कवर मिल रहा है। इसके साथ मधुबनी सुजनी टिकुली पेंटिंग काष्ठ कला पाषाण शिल्प छापा कला व टेराकोटा की भी प्रदर्शनी है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Mon, 17 Feb 2020 01:08 PM (IST)Updated: Mon, 17 Feb 2020 01:08 PM (IST)
घर सजे मंजूषा से : गुलजार रहा मंजूषा महोत्सव, लोक संगीत पर झूमे दर्शक, प्रशाल व स्टॉल में लगी भीड़ Bhagalpur News
घर सजे मंजूषा से : गुलजार रहा मंजूषा महोत्सव, लोक संगीत पर झूमे दर्शक, प्रशाल व स्टॉल में लगी भीड़ Bhagalpur News

भागलपुर, जेएनएन। पापा उस स्टॉल पर चलें। यहां लकड़ी से बने सामान मिल रहे हैं। इस बीच संगीता ने कहा, मंजूषा वाली साडिय़ां भी मिल रही हैं...।

loksabha election banner

कुछ ऐसा ही मौहाल सैंडिस कंपाउंड में देखने को मिला। मंजूषा महोत्सव के दूसरे दिन खासी भीड़ जुटी। खासतौर पर बच्चे भी अभिभावकों के साथ पहुंचे। सुबह 11 बजे से ही लोग महोत्सव में पहुंचने लगे थे। रात आठ बजे तक यह सिलसिला रहा। कलाकृतियों की सबसे अधिक मांग रही। इस प्रदर्शनी में राज्य की सभी कला के फीचर लगाए गए हैं। एसएसपी आशीष भारती पत्नी सुप्रिया व परिवार के सदस्यों के साथ पहुंचे थे। उन्होंने सभी स्टॉलों का भ्रमण कर हैंडीक्राफ्ट की जानकारी ली। कलाकारों का भी उत्साहवद्र्धन किया।

बेल्जियम के पर्यटक ने देखी मंजूषा और मधुबनी कला

उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान के डिजाइन वर्कशॉप व टेस्ट मार्केटिंग में लगाए गए नमूनों को दर्शकों ने काफी सराहा। देर शाम बेल्जियम से आए पर्यटक ने भी हस्तशिल्प स्टॉल का जायजा लिया। मधुबनी पेंटिंग से बनी दीवार घड़ी, छाता, पत्थर व लकड़ी से बनी बुद्ध की प्रतिमा आदि हैडीक्राफ्ट की काफी प्रशंसा की। वहीं मंजूषा कला से तैयार साड़ी व दुपट्टा को पसंद किया। संस्थान के स्टॉल पर सुझाव देते हुए विदेश में आपूर्ति करने के लिए नमूने का चयन किया। उन्होंने महोत्सव की समाप्ति के बाद चयनित नमूनों की आपूर्ति करने का अनुरोध किया गया।

स्टॉल में लगी भीड़ तो कलाकारों के खिले चेहरे

मंजूषा महोत्सव में मंजूषा कला का स्टॉल लगाया गया है। इसमें मंजूषा पेंटिंग वाली साड़ी, दुपट्टे, हैंगिंग, चादर, कुशन कवर आदि मिलेगा। इसके साथ मधुबनी पेंटिंग, सुजनी शिल्प, टिकुली पेंटिंग, काष्ठ कला, पाषाण शिल्प, छापा कला व टेराकोटा आदि की भी प्रदर्शनी है। हस्तशिल्प के 50 स्टॉल लगाए गए हैं। 10 स्टॉल मंजूषा के हैं। राज्य की विभिन्न कलाओं के 40 स्टॉल लगे हैं।

युवाओं के लिए आकर्षण बना लाइव डेमो

महोत्सव परिसर में 100 मंजूषा कलाकार लाइव प्रदर्शन कर रहे हैं। कलाकारों को पेंटिंग बनाते देख खासकर युवा, बच्चे व महिलाएं काफी उत्साहित दिखे। इस कला को सीखने से संबंधित जानकारी लेते दिखे। कई लोग तो कलाकारों के साथ मोबाइल पर सेल्फी लेते दिखे।

लोकगीत से ढली महोत्सव की शाम

सैंडिस कंपाउंड में महोत्सव की शाम लोक गीतों से ढली। सैकड़ों लोग इस कार्यक्रम को देखने पहुंचे। छह बजे से पटना की लोक गायिका शिवांगी सिंह ने अपने गीतों से लोगों का भरपूर मनोरंजन किया। झूमर में शिवांगी ने 'लइली अमवा के टिकोरवा, पीसा चटनिया ना' गाकर दर्शकों को झूमने के लिए विवश कर दिया। बाबा कहि विदेशी से खबरिया और देवी गीत लाले लाल झालर में मंदिर सजइबो की गीतों की प्रस्तुति दी गई। होली गीत में गोरिया करके सिंगार व गे माई जोगिया हमरो जगत सुखदायक समेत दर्जनों गीत प्रस्तुत किया। मंच संचालन मनोज पंडित ने किया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.